ग्राम श्री फुलवारी कक्षा 4 पाठ 9 Gram Shree Class 4 Hindi Phulwari Chapter 9
ग्राम श्री फुलवारी कक्षा 4 पाठ 9 Gram Shree Class 4 Hindi Phulwari Chapter 9
Gram Shree Kavita ka Bhavarth
फ़ैली खेतों में दूर तलक …………हो उठी कोकिला मतवाली |
भावार्थ : कवि सुमित्रानंदन पन्त जी वसंत ऋतु में गाँव की सुन्दरता का वर्णन करते हुए कहते हैं कि जिधर देखो उधर खेतों में मखमल के सामान हरियाली फ़ैली हुई है | उस पर सूर्य की किरणे इस प्रकार चमक रही हैं मानो चाँदी की सफ़ेद जाली हो | चारों तरफ सुनहरे और श्वेत रंग के बौरों से आम के पेड़ों की शाखाएं लद गयी हैं | इस समय ढाक और पीपल में पतझड़ हो रहा है और कोयल भी मतवाली होकर गा रही है |
महके कटहल, मुकुलित ………….. मिरचों की बड़ी हरी थैली |
भावार्थ : कवि कहते हैं कि कटहल से महक आ रही है और जामुन में अब फल आने शुरू हो गए हैं | जंगल में झरबेरी फूलों से लदकर झूलने लगी है | यहाँ तक कि आडू, नीबू, दाड़िम, आलू, गोभी, बैंगन और मूली में फूल आ गए हैं | अमरुद के फल पीले हो गए हैं जिन पर लाल चकत्ते दिख रहे हैं | सुनहरे रंग के मीठे बेर और आँवला के पेड़ों की डालियाँ लद गई हैं | पालक लहलहा रही है और धनिया से महक आने लगी है | लौकी और सेम में फल आ गए हैं और उसकी लताएँ फ़ैल गयी हैं | टमाटर भी पककर सुनहरे लाल दिखाई देने लगे हैं और मिरचे के पौधे हरी मिर्च के गुच्छों से लद गए हैं |
Exercise ( अभ्यास )
बोध प्रश्न :
प्रश्न ( 1 ) : उत्तर लिखिए –
(क) खेतों में कैसी हरियाली फैली है ?
उत्तर – खेतों में दूर-दूर तक मखमल सी हरियाली फैली हुई है |
(ख) हरियाली से लिपटी सूर्य की किरणें कैसी लगती हैं ?
उत्तर – हरियाली से लिपटी हुई सूर्य की किरणें चांदी सी सफ़ेद जाली जैसी दिखाई देती है |
(ग) आम में बौर कब आते हैं ?
उत्तर – आम के बौर वसंत ऋतु में आते हैं |
(घ) कोयल किस ऋतु में मतवाली होकर कुहुकती है ?
उत्तर – कोयल वसंत ऋतु में मतवाली होकर कुहुकती है |
(ड.) वसंत ऋतु में प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होने लगते हैं ?
उत्तर – वसंत ऋतु में प्रकृति में बहुत सारे परिवर्तन होते हैं जैसे- आम में बौर आना , आडू , नीबू , आलू, गोभी, बैगन, मूली आदि में फूल आना , पालक और धनिया पक कर तैयार होना |
प्रश्न (2) नीचे बाईं ओर कविता की कुछ पंक्तियाँ लिखी हुई हैं | दाई ओर उनसे सम्बंधित भाव व्यक्त करने वाली पंक्तियाँ गलत क्रम में लिखी गईं हैं | उन्हें सही क्रम में मिलाइए –
सही क्रम –
चांदी सी उजली जाली | चांदी के रंग जैसी सफ़ेद जाली |
लद गई आम्र तरु की डाली | आम के वृक्ष की डालें बौर से लद गई |
हो उठी कोकिला मतवाली | कोयल आनंद में मतवाली हो उठी |
अंवली से तरु की डाल जड़ी | छोटे आंवले से वृक्ष की डालियाँ लद गई |
मखमल सी कोमल हरियाली | मखमल के समान कोमल हरियाली |
अब रजत स्वर्ण मंजरियों से | चांदी और सोने के रंग जैसे आम के बौर से |
मुकुलित जामुन | अधखिली जामुन |
प्रश्न (3) भाषा के रंग –
जाली – डाली : इसी प्रकार के अन्य तुकांत शब्दों को कविता में से ढूँढकर लिखिए |
उत्तर – झूली – मूली , पड़ीं – जड़ीं , फैली – थैली |
प्रश्न (4) आपकी कलम से –
(क) किस ऋतु में क्या मिलता है ?
ग्रीष्म ऋतु | वर्षा ऋतु | शीत ऋतु | |
---|---|---|---|
फल | संतरा , अंगूर | आम , जामुन | अमरुद , केला |
सब्जी | कद्दू , लौकी , तोरई | ककड़ी, खीरा | सोया-मेथी , पालक , फूलगोभी |
(ख) इनमें से जो फल और सब्जी आपको अच्छी लगती है, उस पर छोटी सी कविता लिखिए| यह भी लिखिए कि फल और सब्जी आपको क्यों अच्छी लगती है ?
उत्तर – छात्र स्वयं लिखें |
प्रश्न (5) अब करने की बारी –
जब हम बहुत-सी चीजों को याद रखना चाहते हैं तो उनकी एक सूची बनाते हैं| नीचे दी गई सूचियों को पढ़िए –
होली की सूची | नए शब्द जो इस सप्ताह मैंने सीखे |
---|---|
रंग, गुलाल, पिचकारी, रंग-बिरंगी टोपी, गुब्बारे, नए कपड़े, गुझिया, हलवा, मिठाइयाँ, मुखौटे | उपकार, प्रकार, दिशा-निर्देश, अविरल, प्रवाह, सुगति |
अब आप भी अपनी सूची बनाइए –
जो चीजें आपको बाजार से खरीदनी हैं | अगले रविवार को जो काम आपको करने हैं |
---|---|
छात्र स्वयं लिखें |
प्रश्न (6) मेरे दो प्रश्न : इस कविता के आधार पर दो सवाल बनाइए –
उत्तर – (1) किन वृक्षों के पत्ते झड़ रहे हैं ?
(2) पीले मीठे अमरूदों में क्या अंतर आ गया है ?
प्रश्न (7) इस कविता से –
(क) मैंने सीखा –
(ख) मैं करूँगा / करूँगी –
उपरोक्त दोनों प्रश्नों के उत्तर छात्र स्वयं लिखें |