शेर की गुफा सियार और सियारिन अपने बच्चों के साथ घूमने निकले। उन्हें एक गुफा दिखाई दी। वे दोनों अपने बच्चों के साथ गुफा में रहने लगे। एक दिन उन्होंने एक शेर को गुफा की तरफ आते देखा। सियारिन ने उससे बचने का उपाय सोचा। वह जोर-जोर से डरावनी आवाजें निकालने लगी। शेर डर गया। शेर को डरा हुआ देखकर बंदर बोला "डरो मत, वहाँ सियार और सियारिन हैं। चलो, मैं तुम्हें गुफा में लेकर चलता हूँ।" उन्हें आता देखकर सियार बच्चों से बोला "रो मत! बंदर शिकार लेकर आता ही होगा।" यह सुनते ही शेर डरकर भाग गया।

शेर की गुफा

माँ और बच्चे

सुरीली के दो बच्चे थे। एक काला, एक भूरा। एक दिन तीनों सैर को निकले। रास्ते में एक नदी थी। तीनों ने उसे तैरकर पार किया। सुरीली को मोनी दिखी। मोनी के साथ उसके दो बच्चे भी थे। सुरीली मोनी को पकड़ने दौड़ी। उसके बच्चे भी मोनी के पीछे दौड़े। दोनों के बच्चे एक साथ खेलने लगे। ये देखकर सुरीली मोनी को पकड़ना भूल गई। दोनों चारों बच्चों को खेलते हुए देखने लगीं।

मुर्गी के तीन चूजे

एक मुर्गी थी। उसकेतीन चूजे थे। मुर्गी बोली- “कूकडू-कू ssss'' तीनों चूजे बोले- "चीं-चीं-चीं।" मुर्गी दीवार पर चढ़ी। तीनों चूजे भी दीवार पर चढ़ने लगे। लेकिन धम्म से गिर गए। तीनों चूजे फिर से चढ़ने लगे। तीनों चूजे भी दीवार पर चढ़ गए। फिर दीवार सड़क पर आकर सड़क पार करने लगे। छोटा चूजा पीछे रह गया। तभी एक मोटर साइकिल आई। छोटा चूजा चिल्लाया। मुर्गी बोली- “देखकर चलो भाई।" तीनों चूजे भी बोले - "देखकर चलो भाई।" मुर्गी आगे बढ़ गई। तीनों चूजे भी आगे बढ़ गए।

हाथी और बकरी

जंगल में एक हाथी सो रहा था। गिलहरी और खरगोश वहाँ खेल रहे थे। खेलते-खेलते वे दोनों हाथी की पीठ पर चढ़ गए। तभी वहाँ एक बकरी भी आई। बकरी भी हाथी की पीठ पर चढ़ने लगी। अचानक हाथी सोकर उठा। तीनों उसकी पीठ से गिर गए। गिलहरी और खरगोश भाग गए। मगर बकरी वहीं खड़ी रह गई। वे दोनों दोस्त बन गए ।

चिडिया

एक चिड़िया तालाब में पानी पीने गई। पानी पीते समय वह तालाब में गिर गई। तभी वहाँ एक बिल्ली आई । चिड़िया ने बिल्ली से मदद माँगी। बिल्ली ने कहा- “ठीक है, मगर मैं तुम्हें खाऊँगी।" चिड़िया ने कहा- "हाँ, खा लेना।" यह सुनकर बिल्ली ने चिड़िया को तालाब से बाहर निकाला बिल्ली बोली "अब खा लूँ?" चिड़िया ने कहा- "मुझे सूख जाने दो, फिर खाना।" बिल्ली इंतजार करते-करते सो गई। चिड़िया सूखकर फुर्र से उड़ गई।