अनेक शब्दों के लिए एक शब्द ( one word substitution )
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द ( one word substitution ):- हिंदी भाषा में अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं।
- जो क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य
- जहाँ पहुँचा न जा सके – अगम्य
- जिसे सबसे पहले गिनना उचित हो – अग्रगण्य
- जिसका जन्म पहले हुआ हो – अग्रज
- जिसका जन्म बाद/पीछे हुआ हो – अनुज
- जिसकी उपमा न हो – अनुपम
- जिसका मूल्य न हो। – अमूल्य
- जो दूर की न देखे/सोचे – अदूरदर्शी
- जिसका पार न हो – अपार
- जो दिखाई न दे – अदृश्य
- जिसके समान अन्य न हो – अनन्य
- जिसके समान दूसरा न हो – अद्वितीय
- ऐसे स्थान पर निवास जहाँ कोई पता न पा सके – अज्ञातवास
- जो न जानता हो – अज्ञ
- जो बूढ़ा (पुराना) न हो – अजर
- जो जातियों के बीच में हो – अन्तर्जातीय
- आशा से कहीं बढ़कर – आशातीत
- अधः (नीचे) लिखा हुआ – अधोलिखित
- कम अक्लवाला – अल्पबुद्धि
- जो क्षय न हो सके – अक्षय
- श्रद्धा से जल पीना – आचमन
- जो उचित समय पर न हो – असामयिक
- जो सोचा भी न गया हो – अतर्कित
- जिसका उल्लंघन करना उचित न हो – अनुल्लंघनीय
- जो लौकिक या सांसारिक प्रतीत न हो। – अलौकिक
- जो सँवारा या साफ न किया गया हो – अपरिमार्जित
- आचार्य की पत्नी – आचार्यानी
- जो अर्थशास्त्र का विद्वान् हो – अर्थशास्त्री
- अनुवाद करनेवाला – अनुवादक
- अनुवाद किया हुआ – अनूदित
- अर्थ या धन से संबंधित – आर्थिक
- जिसकी तुलना न हो – अतुलनीय
- जिसका आदि न हो – अनादि
- जिसका अन्त न हो। – अनन्त
- जो परीक्षा में पास न हो – अनुत्तीर्ण
- जो परीक्षा में पास हो – उत्तीर्ण
- जिसपर मुकदमा हो। – अभियुक्त
- जिसका अपराध सिद्ध हो – अपराधी
- जिस पर विश्वास न हो – अविश्वसनीय
- जो साध्य न हो – असाध्य
- स्वयं अपने को मार डालना – आत्महत्या
- अपनी ही हत्या करनेवाला – आत्मघाती
- जो दूसरों का बुरा करे – अपकारी
- जो पढ़ा–लिखा न हो – अनपढ़
- जो आयुर्वेद से संबंध रखे – आयुर्वेदिक
- अंडे से पैदा लेनेवाला – अंडज
- दूसरे के मन की बात जाननेवाला – अन्तर्यामी
- दूसरे के अन्दर की गहराई ताड़नेवाला – अन्तर्दर्शी
- अनेक राष्ट्रों में आपस में होनेवाली बात – अन्तर्राष्ट्रीय
- जिसका वर्णन न हो सके – अवर्णनीय
- जिसे टाला न जा सके – अनिवार्य
- जिसे काटा न जा सके – अकाट्य
- नकल करने योग्य – अनुकरणीय
- बिना विचार किए विश्वास करना – अंधविश्वास
- साधारण नियम के विरुद्ध बात – अपवाद
- जो मनुष्य के लिए उचित न हो – अमानुषिक
- जो होने से पूर्व किसी बात का अनुमान करे – अनागतविधाता
- जिसकी संख्या सीमित न हो – असंख्य
- इन्द्र की पुरी – अमरावती
- कुबेर की नगरी – अलकापुरी
- दोपहर के बाद का समय – अपराह्न
- पर्वत के ऊपर की समभूमि – अधित्यका
- जो जाँच या परीक्षा बहुत कठिन हो – अग्नि–परीक्षा
- जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास न हो – नास्तिक
- जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास हो – आस्तिक
- जिसका नाथ (सहारा) न हो – अनाथ/यतीम
- जो थोड़ा जानता हो – अल्पज्ञ
- जो ऋण ले – अधमर्ण
- जिसे भय न हो – निर्भय/अभय
- जो कभी मरे नहीं – अमर
- जिसका शत्रु पैदा नहीं लिया – अजातशत्रु
- जिस पुस्तक में आठ अध्याय हो – अष्टाध्यायी
- जो नई चीज निकाले या खोज करे – आविष्कार
- जो साधा न जा सके – असाध्य
- किसी छोटे से प्रसन्न हो उसका उपकार करना – अनुग्रह
- किसी के दुःख से दुखी होकर उसपर दया करना – अनुकम्पा
- वह हथियार जो फेंककर चलाया जाय – अस्त्र
- मोहजनित प्रेम – आसक्ति
- किसी श्रेष्ठ का मान या स्वागत – अभिनन्दन
- किसी विशेष वस्तु की हार्दिक इच्छा – अभिलापा
- जिसके आने की तिथि ज्ञात न हो – अतिथि
- जिसके पार न देखा जा सके – अपारदर्शी
- जो स्त्री सूर्य भी न देख सके – असूर्यम्पश्या
- जो नहीं हो सकता – असंभव
- बढ़ा–चढ़ाकर कहना – अतिशयोक्ति
- जो अल्प बोलनेवाला है – अल्पभाषी
- जो स्त्री अभिनय करे – अभिनेत्री
- जो पुरुष अभिनय करे – अभिनेता
- बिना वेतन के – अवैतनिक
- आलोचना करनेवाला – आलोचक
- सिर से लेकर पैर तक – आपादमस्तक
- बालक से लेकर वृद्ध तक – आबालवृद्ध
- आलोचना के योग्य – आलोच्य
- जिसे जीता न जा सके – अजेय
- न खाने योग्य – अखाद्य
- आदि से अन्त तक – आद्योपान्त
- बिना प्रयास के – अनायास
- जो भेदा या तोड़ा न जा सके – अभेद्य
- जिसकी आशा न की गई हो – अप्रत्याशित
- जिसे मापा न जा सके – अपरिमेय
- जो प्रमाण से सिद्ध न हो – अप्रमेय
- आत्मा या अपने आप पर विश्वास – आत्मविश्वास
- दक्षिण दिशा – अवाची
- उत्तर दिशा – उदीची
- पूरब दिशा – प्राची
- पश्चिम दिशा – प्रतीची
- जो व्याकरण द्वारा सिद्ध न हो – अपभ्रंश
- झूठा मुकदमा – अभ्याख्यान
- दो या तीन बार कहना – आमेडित
- माँ–बहन संबंधी गाली – आक्षारणा
- बार–बार बोलना – अनुलाप
- न कहने योग्य वचन – अवाच्य
- नाटक में बड़ी बहन – अत्तिका
- दूसरे के गुणों में दोष निकालना – असूया
- मानसिक भाव छिपाना – अवहित्था
- जबरन नरक में धकेलना या बेगार – आजू
- तट का जो भाग जल के भीतर हो – अन्तरीप
- वह गणित जिसमें संख्याओं का प्रयोग हो – अंकगणित
- दागकर छोड़ा गया साँड़ – अंकिल
- आलस्य में अँभाई लेते हुए देह टूटना – अंगड़ाई
- अंग पोंछने का वस्त्र – अंगोछा
- पीसे हुए चावल की मिठाई – अँदरसा
- जिसके पास कुछ भी नहीं हो – अकिंचन
- जो पासे के खेल में धूर्त हो – अक्षधूर्त
- निंदा न किया हुआ – अगर्हित
- सेना के आगे लड़नेवाला योद्धा – अग्रयोधा
- जिसकी चिकित्सा न हो सके – अचिकित्स्य
- बिना चिन्ता किया हुआ – अचिन्तित
- प्रसूता को दिया जानेवाला भोजन – अछवानी
- जिसका जन्म न हो – अज/अजन्मा
- घर के सबसे ऊपर के खंड की कोठरी – अटारी
- न टूटने वाला – अटूट
- ठहाका लगाकर हँसना – अट्टहास
- अति सूक्ष्म परिमाण – अणिमा
- व्यर्थ प्रलाप करना – अतिकथा
- मर्यादा का उल्लंघन करके किया हुआ – अतिकृत
- जिसका ज्ञान इन्द्रियों के द्वारा न हो – अतिन्द्रिय
- जो ऊँचा न हो – अतुंग
- शीघ्रता का अभाव – अत्वरा
- आज के दिन से पूर्व का काल – अनद्यतनभूत
- होठों पर चढ़ी पान की लाली – अधरज
- वह व्यक्ति जिसके एक के ऊपर दूसरा दाँत हो – अधिकदन्ती
- रथ पर चढ़ा हुआ योद्धा – अधिरथ
- अध्ययन किया हुआ – अधीत
- उतरती युवावस्था का – अधेर
- हित न चाहनेवाला – अनहितू
- अनुभव प्राप्त – अनुभवी
- प्रेम उत्पन्न करनेवाला – अनुरंजक
- जल से परिपूर्ण – अनूप
- जिसके जल का प्रवाह गुप्त हो – अन्तस्सलिल
- दूध पिलानेवाली धाय – अन्ना
- देह का दाहिना भाग – अपसव्य
- जिसकी आकृति का कोई और न मिले – अप्रतिरूप
- स्वर्ग की वेश्या – अप्सरा
- शाप दिया हुआ – अभिशप्त
- इन्द्रपुरी की वेश्या – अमरांगना
- पानी भरनेवाला – अम्बुवाह
- लोहे का काम करनेवाला – लोहार
- असम्बद्ध विषय का – अविवक्षित
- आठ पदवाला – अष्टपदी
- धूप से बचने का छाता – आतपत्र
- बंधक रखा हुआ – आधीकृत
- विपत्ति के समय विधान करने का धर्म – आपद्धर्म
- तुलना द्वारा प्राप्त – आपेक्षिक
- दर्पण जड़ी अंगूठी, जिसे स्त्रियाँ अँगूठे में पहनती हैं – आरसी
- भारतवर्ष का उत्तरी भाग – आर्यावर्त
- घर के सामने का मंच – आलिन्द
- मंत्र–द्वारा देवता को बुलाना – आवाहन
- उत्कंठा सहित मन का वेग – आवेग
- वृक्षों को जल से थोड़ा सींचना – आसेक
- अनुमान किया हुआ – अनुमानित
- जिसका दूसरा उपाय न हो – अनन्योपाय
- जिसका अनुभव किया गया हो – अनुभूत
- जो जन्म लेते ही मर जाय – आदण्डपात
- जो शोक करने योग्य न हो – अशोच्य
- महल के भीतर का भाग – अन्तःपुर
- अनिश्चित जीविका – आकाशवृत्ति
- जिस पेड़ के पत्ते झड़ गए हों – अपर्ण
- उच्च वर्ण के पुरुष के साथ निम्न वर्ण की स्त्री का विवाह – अनुलोम विवाह
- जिसका पति आया हुआ है – आगत्पतिका
- जिसका पति आनेवाला है – आगमिष्यत्पतिका
- बच्चे को पहले–पहल अन्न खिलाना – अन्नप्राशन
- आम का बगीचा – अमराई
- राजा का बगीचा – आक्रीड
- अनुसंधान की इच्छा – अनुसंधित्सा
- किसी के शरीर की रक्षा करनेवाला – अंगरक्षक
- किसी को भय से बचाने का वचन देना – अभयदान
- चोट खाया हुआ – आहत
- जिसे पान करने से अमर हो जाय – अमृत
- जिसका अनुभव किया जा सके – अनुभवजन्य
- जो अपमानित हो चुका हो – अनादृत
- अभिनय करने योग्य – अभिनेय
- उपासना करने योग्य – उपास्य
- ऐसी भूमि जो उपजाऊ नहीं हो – ऊसर
- जो इन्द्रियों के बाहर हो – इन्द्रियातीत
- जो उड़ा जा रहा हो – उड्डीयमान
- नई योजना का सर्वप्रथम काम में लाने का उत्सव – उद्घाटन
- भूमि को भेदकर निकलनेवाला – उद्भिद्
- तिनकों से बना घर – उटज
- जो छाती के बल चले – उरग
- ऊपर जानेवाला – ऊर्ध्वगामी
- ऊपर गया हुआ – ऊर्ध्वगत
- लाली मिल हुआ काले रंग का – ऊदा
- छाती का घाव – उरक्षत
- अन्य देश का पुरुष – उपही
- आकाश से तारे का टूटना – उपप्लव
- गरमी से उत्पन्न – उष्मज
- स्वप्न में बकझक करना – उचावा
- उभरा या लाँधा हुआ – उत्क्रान्त
- दो दिशाओं के बीच की दिशा – उपदिशा
- अँगुलियों में होनेवाला फोड़ा – इकौता
- त्वचा के ऊपर निकला हुआ मस्सा – इल्ला
- गर्भिणी स्त्री की लालसा – उकौना
- जो बहुत कुछ जानता हो – बहुज्ञ
- नीचे लिखा हुआ – निम्नलिखित
- ऊपर कहा गया। – उपर्युक्त
- बुरी बुद्धिवाला – कुबुद्धि
- चारों ओर चक्कर काटना – परिक्रमा
- जिसका कोई आसरा न हो – निराश्रित
- जिसमें विष न हो – निर्विष
- जिसका धव (पति) मर गया हो – विधवा
- जिसका पति जीवित हो – सधवा
- जो बरतन बेचने का काम करे – कसेरा
- जिसे कर्तव्य न सूझ रहा हो – किं – कर्त्तव्यविमूढ़
- जो तीनों कालों की बात जानता हो – त्रिकालज्ञ
- पन्द्रह दिनों का समूह – पक्ष
- पढ़नेवाला – पाठक
- बाँचनेवाला – वाचक
- सुननेवाला – श्रोता
- बोलनेवाला – वक्ता
- लिखनेवाला – लेखक
- लेख की नकल – प्रतिलिपि
- जो सब देशों का हो – सार्वदेशिक
- जो आँखों के सामने हो – प्रत्यक्ष
- जानने की इच्छा – जिज्ञासा
- जानने को इच्छुक/इच्छावाला – जिज्ञासु
- जिसे प्यास लगी हो – पिपासु/प्यासा
- जो मीठा बोले – मधुरभाषी
- जो देर तक स्मरण के योग्य हो – चिरस्मरणीय
- समाज से संबंध रखनेवाला – सामाजिक
- केवल फल खाकर रहनेवाला – फलाहारी
- जो शाक–सब्जी खाए – शाकाहारी
- शासन हेतु नियमों का समूह – संविधान
- जो चाँदी–जैसा सफेद हो – परुहला
- सोने–जैसे रंगवाला – सुनहला
- दस वर्षों का समूह – दशक
- सौ वर्षों का समूह – शताब्दी
- जिसके होश ठिकाने न हो – मदहोश
- लेने की इच्छा – लिप्सा
- जी बहुत बातें बनाए – बातूनी
- जो नाप–तौलकर खर्च करे – मितव्ययी
- व्याकरण जाननेवाला – वैयाकरण
- जिसे तनिक भी लज्जा न हो – निर्लज्ज
- शिव का उपासक – शैव
- विष्णु का उपासक – वैष्णव
- शक्ति का उपासक – शाक्त
- जो तत्त्व सदा रहे – शाश्वत
- जो जिन के मत को माने – जैनी
- जो बुद्ध के मत को माने – बौद्ध
- विनोबा के मत को माननेवाला – सर्वोदयी
- जो बात साफ–साफ करे – स्पष्टवादी
- इतिहास से संबंधित – ऐतिहासिक
- जो कठिनाई से साधा जाय – दुःसाध्य
- जो सुगमता से साधा जाय – सुसाध्य
- जो आसानी से मिल जाय – सुलभ
- जो कठिनाई से मिले – दुर्लभ
- जिसका जवाब न हो – लाजवाब
- जिसका इलाज न हो – लाइलाज
- जो हर काम देर से करे – दीर्घसूत्री
- जो किसी काम की जिम्मेदारी ले – जवाबदेह
- हाथ की लिखी पुस्तक या मसौदा – पांडुलिपि
- पूर्वी देशों से संबंध रखनेवाला – पूर्वीय
- जो तरह–तरह के रूप बना सके – बहुरूपिया
- कम बोलनेवाला – मितभाषी
- जो किसी की ओर से बोले – प्रवक्ता
- दो बातों या कामों में से एक – वैकल्पिक
- गिरने से कुछ ही बची इमारत – ध्वंसावशेष
- वीर पुत्रों को जन्म देनेवाली – वीरप्रसूता
- वीरों द्वारा भोगी जानेवाली – वीरभोग्या
- जिसके गर्भ में रत्न हो – रत्नगर्भा
- जो सबको समान रूप से देखे – समदर्शी
- जो सब जगह व्याप्त हो। – सर्वव्यापक
- जो रोग एक से दूसरे को हो – संक्रामक
- जो दो बार जन्म ले – द्विज
- पिता से प्राप्त सम्पत्ति आदि – पैतृक
- जो अपनी इच्छा से सेवा करे – स्वयंसेवक
- गोद ली संतान – दत्तक
- भूगोल से संबंध रखनेवाला – भौगोलिक
- पृथ्वी से संबंध रखनेवाला – पार्थिव
- साधारण लोगों में कही जानेवाली बात – किंवदंती
- किसी कलाकार की कलापूर्ण रचना – कलाकृति
- लोगों में परंपरा से चली आई कथा – दन्तकथा
- जिसका नाश अवश्यंभावी हो – नश्वर
- जो पुराणों से संबंध रखता हो – पौराणिक
- जो वेदों से संबंध रखता हो – वैदिक
- जिसका जन्म पसीने से हो – स्वेदज
- जेर से उत्पन्न होनेवाला – जरायुज
- विमान चलानेवाला – वैमानिक
- सबके साथ मिलकर गाया जानेवाला गान – सहगान
- जो सब कालों में एक समान हो – सार्वकालिक
- जो सम्पूर्ण लोक में हो – सार्वलैकिक
- जिसका उदाहरण दिया गया हो – उदाहृत
- जिसका उद्धरण दिया गया हो – उद्धृत
- जिस स्त्री के सन्तान न होती हो – बाँझ
- शिव के गण – प्रमथ
- शिव के धनुष – पिनाक
- जहाँ शिव का निवास है – कैलाश
- इन्द्र का सारथि – मातलि
- इन्द्र का घोड़ा – उच्चैःश्रवा
- इन्द्र का पुत्र – जयन्त
- इन्द्र का बाग – नन्दन
- इन्द्र का हाथी – ऐरावत
- ईश्वर या स्वर्ग का खजाँची – कुबेर
- मध्य रात्रि का समय – निशीथ
- लताओं से आच्छादित रमणीय स्थान – निकुंज
- सीपी, बाँसी, सूकरी, करी, धरी और नरसल से बनी माला – बैजयन्तीमाला
- मरने के करीब – मुमूर्षु/मरणासन्न
- पर्वत के नीचे की समभूमि (तराई) – उपत्यका
- जहाँ नाटक का अभिनय किया जाय – रंगमंच
- जिस सेना में हाथी, घोड़े, रथी और पैदल हों – चतुरंगिणी
- जो काम कठिन हो – दुष्कर
- दिन में होनेवाला – दैनिक
- किए गए उपकार को माननेवाला – कृतज्ञ
- किए गए उपकार को न माननेवाला – कृतघ्न
- जिसका रूप अच्छा हो – सुरूप
- अच्छा बोलनेवाला – वाग्मी/सुवक्ता
- बुरे मार्ग पर चलनेवाला – कुमार्गगामी
- जिसका आचरण अच्छा हो – सदाचारी
- जिसका आचरण अच्छा नहीं हो – दुराचारी
- जिसमें दया हो – दयालु
- जिसमें दया नहीं हो – निर्दय
- जो प्रशंसा के योग्य हो – प्रशंसनीय
- जिसमें कपट न हो – निष्कपट
- जिसमें कोई विकार न आता हो – निर्विकार
- समान समय में होनेवाला – समसामयिक
- जो आकाश में विचरण करे – खेचर
- वह पहाड़ जिससे आग निकले – ज्वालामुखी
- जो मोह नहीं करता है – निर्मोही
- जो प्रतिदिन नहाता हो – नित्यस्नायी
- मोक्ष या मुक्ति की इच्छा रखनेवाला – मुमुक्षु
- जो राजा/राज्य से द्रोह करे – राजद्रोही
- किसी का पक्ष लेनेवाला – पक्षपाती
- इतिहास को जाननेवाला – इतिहासज्ञ
- पाप करने के अनन्तर स्वयं दंड पाना – प्रायश्चित
- जिस शब्द के दो अर्थ हों – श्लिष्ट
- अपना नाम स्वयं लिखना – हस्ताक्षर
- जो सबको प्रिय हो – सर्वप्रिय
- जो हमेशा बदलता रहे – परिवर्तनशील
- अपना मतलब साधनेवाला – स्वार्थी
- कुसंगति के कारण चरित्र पर दोष – कलंक
- सतो गुण का – सात्त्विक
- रजो गुण का – राजसिक
- तमो गुण का – तामसिक
- नीति को जाननेवाला – नीतिज्ञ
- महान् व्यक्तियों की मृत्यु – निधन
- व्यक्तिगत आजादी – स्वतंत्रता
- सामूहिक आजादी – स्वाधीनता
- जिसके आर–पार देखा जा सके – पारदर्शी
- जिसकी गर्दन सुन्दर हो – सुग्रीव
- अनुचित बातों के लिए आग्रह – दुराग्रह
- जो नया आया हुआ हो – नवागन्तुक
- जो नया जन्म हुआ हो – नवजात
- जो तुरंत जन्मा है – सद्यःजात
- जो अच्छे कुल में जन्म ले – कुलीन
- जो बहुत बोले – वाचाल
- इन्द्रियों को जीतनेवाला – जितेन्द्रिय
- नींद पर विजय प्राप्त करनेवाला – गुडाकेश
- जो स्त्री के स्वभाव का हो – स्त्रैण
- जो क्षमा पाने के लायक हो – क्षम्य
- जो अत्यन्त कष्ट से निवारित हो – दुर्निवार
- जो वचन से परे हो – वचनातीत
- जो सरों (तालाब) में जन्म ले – सरसिज,
- जो मुकदमा लड़ता हो – मुकदमेबाज
- जो देने योग्य हो – प्रहरी/पहरेदार
- जो पहरा देता है – सत्याग्रह
- सत्य के लिए आग्रह – वादी/मुद्दई
- जो मुकदमा दायर करे – संगीतज्ञ
- जो संगीत जानता हो – कलाविद्
- जो कला जानता हो लौटकर आया हुआ – प्रत्यागत
- जो जन्म से अंधा हो – जन्मान्ध
- जो पोत युद्ध के लिए हो – युद्धपोत
- जो शत्रु की हत्या करे – शत्रुघ्न
- जो पिता की हत्या करे – पितृहंता
- जो माता की हत्या करे – मातृहन्ता
- जो पत्नी की हत्या करे – पत्नीहंता
- गृह बसाकर रहनेवाला – गृहस्थ
- जो विज्ञान जानता है – वैज्ञानिक
- बिना अंकुश का – निरंकुश
- बिक्री करनेवाला – विक्रेता
- हृदय का विदारण करनेवाला – हृदय–विदारक
- धन देनेवाला – धनद
- प्राण देनेवाली – प्राणदा
- यश देनेवाली – यशोदा
- जो किसी विषय को विशेष रूप से जाने – विशेषज्ञ
- गगन चूमनेवाला – गगनचुंबी
- जो मन को हर ले – मनोहर
- जो सबसे प्रिय हो – प्रियतम
- याचना करनेवाला – याचक
- जो देखने योग्य हो – दर्शनीय
- जो पूछने योग्य हो – प्रष्टव्य
- जो करने योग्य हो – कर्तव्य
- जो सुनने योग्य हो – पूजनीय
- जो सुनने योग्य हो – श्रव्य
- जो तर्क द्वारा सम्मत हो – तर्कसम्मत
- जो पढ़ने योग्य हो – पठनीय
- जंगल की आग – दावानल
- पेट या जठर की आग – जठरानल
- समुद्र की आग – वडवानाल
- जो राजगद्दी का अधिकारी हो – युवराज
- रात और संध्या के बीच की बेला – गोधूलि
- पुत्र की वधू – पुत्रवधू
- पुत्र का पुत्र – पौत्र
- जहाँ खाना (भोजन) मुफ्त मिले – सदाव्रत
- जहाँ दवा दान स्वरूप मिले – दातव्य औषधालय
- जो व्याख्या करे – व्याख्याता
- जो पांचाल देश की हो – पांचाली
- द्रुपद की पुत्री – द्रौपदी
- जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ हो – लौहपुरुष
- युग का निर्माण करनेवाला – युगनिर्माता
- यात्रा करनेवाला – यात्री
- तेजी से चलने वाला – द्रुतगामी
- जिसकी बुद्धि झट सोच ले – प्रत्युत्पन्नमति
- जिसकी बुद्धि कुश के अग्रभाग में समान हो – कुशाग्रबुद्धि
- वह, जिसकी प्रतिज्ञा दृढ़ हो – दृढ़ प्रतिज्ञ
- जिसने चित्त किसी विषय में दिया है – दत्तचित्त
- जिसका तेज निकल गया है – निस्तेज
- जीतने की इच्छा – जिगीषा
- लाभ की इच्छा/पाने की इच्छा – लिप्सा
- खाने की इच्छा – बुभुक्षा
- किसी काम में दूसरे से बढ़ने की इच्छा – स्पर्धा
- जान से मारने की इच्छा – जिघांसा
- देखने की इच्छा – दिदृक्षा
- करने की इच्छा – चिकीर्षा
- तरने की इच्छा – तितीर्षा
- जीने की इच्छा – जिजीविषा
- मेघ की तरह गरजनेवाला – मेघनाद
- पीने की इच्छा – पिपासा
- वासुदेव के पिता – वसुदेव
- विष्णु का शंख – पाञ्चजन्य
- विष्णु का चक्र – सुदर्शन
- विष्णु की गदा – कौमोदकी
- विष्णु की तलवार – नन्दक
- विष्णु का मणि – कौस्तुभ
- विष्णु का धनुष – शांर्ग
- विष्णु का सारथि – दारुक
- विष्णु का छोटा भाई – गद
- शिव की जटाएँ – कपर्द
- इन्द्र का महल – वैजयन्त
- वर्षा सहित तेज हवा – झंझावात
- कुबेर का बगीचा – चैत्ररथ
- कुबेर का पुत्र – नलकूबर
- कुबेर का विमान – पुष्पक
- अगस्त्य की पत्नी – लोपामुद्रा
- अँधेरी रात – तमिम्रा
- सोलहो कलाओं से युक्त चाँद – राका
- अशुभ विचार – व्यापाद
- मनोहर गन्ध – परिमल
- दूर से मन को आकर्षित करनेवाली गंध – निर्हारी
- मुख को सुगंधित करनेवाला पान – मुखवासन
- कच्चे मांस की गंध – विम्न
- कमल के समान गहरा लाल रंग – शोण
- सफेदी लिए हुए लाल रंग – पाटल
- काला पीला मिला रंग – कपिश
- दुःख, भय आदि के कारण उत्पन्न ध्वनि – काकु
- झूठी प्रशंसा करना – श्लाघा
- वस्त्रों या पत्तों की रगड़ से उत्पन्न आवाज – मर्मर
- पक्षियों का कलरव – वाशित
- बिना तार की वीणा – कोलंबक
- नाटक का आदरणीय पात्र – मारिष
- धोखायुक्त बात–चीत – विप्रलम्भ
- पानी से उठा हुआ किनारा – पुलिन
- बालुकामय किनारा – सैकत
- नाव से पार करने योग्य नदी – नाव्य
- मछली रखने का पात्र – कुवेणी
- मछली मारने का काँटा – वडिश
- अंडों से निकली छोटी मछलियों का समूह – पोताधान
- केंचुए की स्त्री – शिली
- कुएँ की जगत – वीनाह
- तीन प्रहरों वाली रात – त्रियामा
- वृद्धावस्था से घिरा हुआ – जराक्रान्त
- खाली या रिक्त करानेवाला – रिक्तक/रेचक
- सिर पर धारण करने योग्य – शिरोधार्य
- जिसका दमन करना कठिन हो – दुर्दम्य
- जिसको लाँघना कठिन हो – दुर्लध्य
- जो पापरहित हो – निष्पाप
- सब कुछ खानेवाला – सर्वभक्षी
- जो सहज रूप से न पचे (देर से पचने वाला) – गुरुपाक
- जो दिन में एकबार आहार करे – एकाहारी
- जो अपने से उत्पन्न हुआ हो – स्वयंभू
- जो शत्रु की हत्या करे – शत्रुघ्न
- बहुत–सी भाषाओं को बोलनेवाला – बहुभाषा–भाषी
- बहुत सी भाषाओं को जाननेवाला – बहुभाषाविद्
- रोंगटे खड़े करनेवाला – लोमहर्षक
- जिसकी पत्नी साथ नहीं हो – विपत्नीक
- ‘जिस समय मुश्किल से भिक्षा भी मिले – दुर्भिक्ष
- हाथ की सफाई – हस्तलाघव
- पके हुए अन्न की भिक्षा – मधुकरी
- किसी के पास रखी हुई दूसरे की सम्पत्ति – थाती/न्यास
- पर्दे में रहनेवाली नारी – पर्दानशीं
- जो विषय विचार में आ जाय – विचारागम्य
- लम्बी भुजाओं वाला – दीर्घबाहु
- जिसका घर्षण कठिनता से हो – दुर्घर्ष
- जिसके दोनों ओर जल है – दोआव
- वर्षा के जल से पालित। – देवमातृक
- पृथ्वी को धारण करनेवाला – महीधर
- जो सम नहीं है, उसे सम करना – समीकरण
- जिसे मन पवित्र मानता है – मनःपूत
- अस्तित्वहीन वस्तु का विश्लेषण – काकदन्तपरीक्षण
- बेरों के जंगल में जनमा – बादगयण
- केवल वर्षा पर निर्भर – बारानी
- अधिक रोएँ वाला – लोमश
- द्वीप में जनमा – द्वैपायन
- जिसके सिर पर बाल न हो – खल्वाट
- जो प्रायः कहा जाता है – प्रायोवाद
- सोना, चाँदी पर किया गया रंगीन काम – मीनाकारी
- जिसके सभी दाँत झड़ चुके हों – पोपला
- पूर्णिमा की रात – राका
- अमावस्या की रात – कुहू
- पुत्री का पुत्र – दौहित्र/नाती
- इस्लाम पर विश्वास न करनेवाला – काफिर
- ईश्वर द्वारा भेजा गया दूत – पैगम्बर
- कलम की कमाई खानेवाला – मसिजीवी
- कुएँ के मेढ़क के समान संकीर्ण बुद्धिवाला – कूपमंडुक
- काला पानी की सजा पाया कैदी – दामुल कैदी
- किसी काम में दखल देना – हस्तक्षेप
- गणपति का उपासक – गाणपत्य
- घास खानेवाला – तृणभोजी
- स्थिर रहनेवाली वस्तु – स्थावर
- छोटी चीज को बड़ी दिखानेवाला यंत्र – खुर्दबीन
- जवाहर बेचने/परखने वाला – जौहरी
- जहाँ से गंगा निकली – गंगोत्री
- जल में रहनेवाली सेना – नौसेना
- जहाँ किताबें छपती हैं – छापाखाना
- जहाँ रुपये ढाले जाते हैं – टकसाल
- जहाँ घोड़े बाँधे जाते हैं – घुड़साल
- जिसको पूर्व जन्म की बातें याद हैं – जातिस्मर
- जिसके आधार पर रास्ता आनंदपूर्ण हो – संबल
- जिसपर चित्र बनाया जाय – चित्रपट
- जिसके द्वारा चित्र बनाया जाय – तूलिका
- जिसके नाखून सूप के समान हो – शूर्पणखा
- जिस नारी की बोली कठोर हो – कर्कशा
- जिसका आशय महान् हो – महाशय
- जिसका यौवन क्षत नहीं हुआ – अक्षत यौवन
- जिसे एक ही सन्तान होकर रह जाय – काकबन्ध्या
- जिसे जीवन से विराग हो गया हो – वीतरागी
- जिसकी सृष्टि की गई हो – बड़भागी
- जिसका भाग्य बड़ा हो – परीक्षित
- जिसकी परीक्षा ली जा चुकी हो – विश्वंभर
- जो विश्वभर का भरण–पोषण करे – क्लीव
- जो पुरुषत्वहीन हो जिसकी राह गलत हो – गुमराह
- जो बहुत छोटा न हो – नातिलघु
- जो प्रकाशयुक्त हो – भास्वर
- जिसके अंग–प्रत्यंग गल गए हों – गलितांग
- जिसकी इच्छा न की जाती हो – अनभिलषित
- जिसके दर्शन प्रिय माने जाएँ – प्रियदर्शन
- तीन वेदों को जानने वाला – त्रिवेदी
- किसी विषय को विशेष रूप से जानने वाला – विशेषज्ञ