What Computer कंप्यूटर क्या है?
What is computer best way toLearn in hindi
कंप्यूटर की परिभाषा एवं गुण
कंप्यूटर का विकास कंप्यूटर के प्रकार
हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर
पर्सनल कंप्यूटर के भाग एवं कार्य कंप्यूटर के उपयोग
कंप्यूटर
Computer introduction in hindi
आप टेलीविजन तथा रेडियो पर अपने पसंदीदा कार्यक्रम कार्टून तथा समाचार को देखते और सुनते होंगे। इसी प्रकार आप अथवा आपके मित्र ने रेलवे प्लेटफार्म पर टिकट आरक्षण करते हुए भी देखा होगा ।उसके सामने बैठा एक व्यक्ति टेलीविजन के आकार की मशीन को बार-बार देखता है तथा प्लास्टिक के बटन को बार-बार दबाता है ।टेलीविजन के आकार का दिखने वाला भाग कंप्यूटर का ही एक भाग माॅनीटर है तथा जिस बटन जैसी संरचना पर उंगली चला रहा है वह कुंजीपटल (कीबोर्ड) है। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसका प्रयोग सामान्यत: उन स्थानों पर किया जाता है जहां कार्य तेज एवं अत्यधिक मात्रा में किया जाता है।कंप्यूटर की परिकल्पना सर्वप्रथम सन 1833 ईस्वी में सर चार्ल्स बैबेज ने की थी। इसलिए उन्हें आधुनिक कंप्यूटर का जनक माना जाता है ।
Computer introduction in hindi
कंप्यूटर की परिभाषा एवं गुण
कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति कंप्यूट शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना अतः एक कंप्यूटर को आमतौर पर एक गणन युक्ति (कैलकुलेटिंग डिवाइस) माना जाता है जो अंकगणितीय और तार्किक(Logical) ऑपरेशन को तेजी से कर सकता है लेकिन अधिक सही तौर पर कहा जाए तो कंप्यूटर का उपयोग सिर्फ गणना तक सीमित नहीं है आज इसका उपयोग म्यूजिक, ग्राफिक्स, इंटरनेट आदि अन्य क्षेत्रों में भी हो रहा है अतः हम कह सकते हैं कि यह एक इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जो निर्देशो के एक सेट, जिसे प्रोग्राम कहा जाता है के अनुसार विभिन्न प्रकार के कार्य करता है इसके बाद यह परिणाम(Result) का प्रदर्शन(Display) या प्रिंट करता है यह डाटा को एक्सेप्ट (स्वीकारना), स्टोर (भंडार) और उन्हें मेनूप्लेट( हेरफेर) करना भी करता है।
कम्प्यूटर का विकास
पहले गणना के लिए प्रयोग में लायी जाने वाली युक्तियों में यांत्रिक (मैकैनिकल) डिवाइसें थीं, अबैकस को पहला कम्प्यूटर कहा जाता है। इसके बाद, पास्कल, लॉरेंन्स, जैकब, एटॉसॉफबेरी आदि ने कर्ई डिवाइसें बनायीं किन्तु किसी भी डिवाइस में मेमोरी नहीं थी। सत्रहवीं शताब्दी में चाल्र्स बैवेज ने एनालिटिकल और डिफरेंन्स मशीन का आविष्कार किया तथा उसमें मेमोरी को डाला। उक्त मशीन के आविष्कार से ही आधुनिक कम्प्यूटर युग की शुरूआत हुई, बाद में आज के सभी कम्प्यूटर में मेमोरी सबसे बड़ी विशेषता है। इसी कारण चाल्र्स बैवेज को कम्प्यूटर का जनक कहा जाता है। ENIAC प्रथम इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर है। यही से इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर्स का युग शुरू हो गया। इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर्स को पाँच जनरेशन में बाँटा गया है
कम्प्यूटर के प्रकार
कम्प्यूटर को उनके आकार और कार्य करने की क्षमता के आधार पर निम्नवत विभाजित किया जा सकता है। जो निम्नलिखित है –
एप्लीकेशन के आधार पर (According to Application)
एप्लीकेशन के आधार पर कम्प्यूटर तीन प्रकार का होता है।
एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)—
ये कम्प्यूटर भौतिक राशियों के किसी सतत परिवर्तित गुण के मापन के आधार पर कार्य करते हैं। एनालॉग कम्प्यूटर का प्रयोग विज्ञान एवं इंजीनियिंरग के क्षेत्र में किया जाता है।
डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
ये कम्प्यूटर द्विधारी (बाइनरी) अंकों का उपयोग करते हैं। अधिकांशत: कम्प्यूटर डिजिटल कम्प्यूटर ही होते हैं।
हाईब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer)
ये कम्प्यूटर एनालॉग एवं डिजिटल कम्प्यूटर दोनों का कॉम्बिनेशन होता है।
आकार एवं कार्य के आधार पर
कार्य और आकार के आधार पर कम्प्यूटर को निम्नवत विभाजित किया जा सकता है।
माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
यह कम्प्यूटर आकार में छोटे होते है एवं कम गति से कार्य करते हैं। इन्हें पर्सनल कम्प्यूटर कहते हैं। इस कम्प्यूटर में माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है। इसमें एक सी.पी.यू., एक मॉनीटर, की-बोर्ड एवं एक माउस लगा होता है।
मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
यह माइक्रो कम्प्यूटर से बड़ा तथा अधिक क्षमता का होता है और माइक्रोकम्प्यूटर की तुलना में अधिक तेजी से कार्य करता है इनकी संग्रहण क्षमता भी अधिक होती है।
मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
यह कम्प्यूटर आकार में माइक्रो एवं मिनी कम्प्यूटर से बड़ा होता है। ये अति उच्च संग्रह क्षमता वाले बहुत बड़े कम्प्यूटर होते हैं। इनका प्रयोग बैंकों, बड़ी कम्पनियों एवं सरकारी विभागों में होता है।
सुपर कम्प्यूटर (Super computer)
ये कम्यूटर सबसे बड़े आकार के होते हैं। यह कम्प्यूटर तेज गति एवं अत्यधिक संग्रह क्षमता वाले होते हैं। सुपर कम्प्यूटर में अनेक सी.पी.यू. होते हैं जिसके कारण ये कम्प्यूटर दिये गये अन्य कम्प्यूटरों से तेज गति से कार्य करते हैं। भारत का पहला सुपर कम्प्यूटर परम-1000 है।
हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर
हार्डवेयर
कम्प्यूटर के वे सभी पाटर्स जिन्हें हम हाथों से छू सकते हैं व देख सकते हैं उन्हें हार्डवेयर कहते हैं। ये कम्प्यूटर के यांत्रिक, वैद्युत तथा इलेक्ट्रॉनिक भाग हो सकते हैं। जैसे मॉनीटर, सी.पी.यू., स्पीकर,
की-बोर्ड आदि को हार्डवेयर कहते हैं। कम्प्यूटर में निम्नलिखित हार्डवेयर का प्रयोग करते हैं –
- इनपुट डिवाइस * आउटपुट डिवाइस * सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सी.पी.यू.)
इनपुट डिवाइस
कम्प्यूटर में जिन डिवाइसों द्वारा निर्देश एवं डाटा को उपलब्ध कराया जाता है उन्हें इनपुट डिवाइस कहते हैं। कम्प्यूटर में अनेक प्रकार के इनपुट डिवाइस प्रयोग किये जाते हैं, जैसे – की-बोर्ड, माउस, स् कैनर, टच स्क्रीन, वेब कैमरा, लाइटपेन आदि।
आउटपुट डिवाइस
कम्प्यूटर में वे डिवाइस जिनके माध्यम से कम्प्यूटर सिस्टम से सूचना या रिजल्ट को हार्र्डकापी के रूप में (प्रिंटर पर) या सॉफ्टकॉपी के रूप में (मॉनीटर पर) प्रदान करती हैं। जैसे-मॉनीटर, प्रिन्टर, स्पीकर, मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर्स आदि।
सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सी.पी.यू.)
सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सी.पी.यू.) कम्प्यूटर का मस्तिष्क होता है जिस प्रकार मनुष्य प्राप्त आँकड़ों का अपने मतिष्क में प्रोसेस करता है उसी प्रकार सी.पी.यू. इनपुट किये गये डेटा को प्रोसेसिंग करके उसका निष्कर्ष आउटपुट डिवाइस पर दे देता है। हार्डवेयर के प्रकार हैं — की-बोर्ड ,माउस, मॉनिटर , स्पीकर
की-बोर्ड — एक इनपुट डिवाइस है। इसके द्वारा प्रोग्राम एवं डाटा को कम्प्यूटर में एंटर किया जाता है। कम्प्यूटर का की-बोर्ड टाइप राइटर के की-बोर्ड से लगभग मिलता-जुलता है। इसमें सामान्यत: 104 या उससे ज्यादा बटन होते हैं।
माउस — माउस एक प्वाइंटिंग डिवाइस है जिसके द्वारा आप बिना की-बोर्ड का प्रयोग किये कम्प्यूटर का नियंत्रण कर सकते हैं इसे एक हाथ से पकड़ा जाता है और एक फ्लैट सतह पर चलाया जाता है। माउस का प्रयोग स्केचेज, डायग्राम्स आदि ड्रा करने में तथा निर्देश देने के लिए किया जाता है। माउस दो प्रकार का होता है। 1-मैकेनिकल 2. आँप्टिकल माउस। इसमें दो बटन होती है लेफ्ट एवं राइट बटन तीसरी बटन स्क्राँल बटन भी किसी-किसी माउस में होती है। जब माउस को समतल सतह पर इधर-उधर सरकाते हैं। तो मॉनीटर की स्क्रीन पर तीर (↑) का निशान निर्देशानुसार सरकता है।
स्पीकर — कम्प्यूटर से गाना सुनने तथा पिक्चर देखने पर जो आवाज आती है वह स्पीकर के माध्यम से ही हम तक पहुँचती है।
मॉनीटर —दूरदर्शन के कार्यक्रम देखने के लिए टेलीविजन का प्रयोग किया जाता है ठीक उसी प्रकार कम्प्यूटर से निष्कर्ष देखने के लिए मॉनीटर का प्रयोग किया जाता है। इसकी संरचना टेलीविजन की तरह होती है। सामान्यत: मॉनीटर दो प्रकार के होते हैं — सी.आर.टी. एवं टी. एफ. टी.।
साफ्टवेयर
विभिन्न प्रोग्रामों के समूह को सॉफ्टवेयर कहते हैं। निर्देशों का एक सेट, जो एक विशेष कार्य करता है, प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कहलाता है। प्रोग्राम के निर्देश, कम्प्यूटर को इनपुट कार्य करने, डाटा को प्रोसेस करने तथा रिजल्ट को आउटपुट करने के लिए निर्देशित करते हैं। जिस प्रकार मनुष्य किसी कार्य को करने के लिए वस्तुओं को आँखों से देखता है, कानों से सुनता है तथा नाक से सूँघता है तत्पश्चात् वह अपने मस्तिष्क में उन पर विचार करता है। विचार करने के बाद उसका उत्तर देता है। ठीक उसी प्र्रकार कम्प्यूटर भी कार्य करने के लिए उस डेटा (आँकड़ों) को की-बोर्ड, माउस, स् कैनर आदि के माध्यम से लेता है तत्पश्चात् सी.पी.यू. उनका प्रोसेस (क्रियान्वयन) करता है। प्रोसेस करने के बाद उसका उत्तर मॉनीटर पर देता है।
पर्सनल कम्प्यूटर के भाग एवं कार्य
पर्सनल कम्प्यूटर को तीन भागों में बाँटा जा सकता है – डेस्कटॉप, लैपटॉप एवं पामटॉप
डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop Computer)
पर्सनल कम्प्यूटर का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला डेस्कटॉप कम्प्यूटर है। यह एक ऐसा कम्प्यूटर है जिसे किसी मेज पर रखकर प्रयोग किया जाता है इसलिए इसे डेस्कटॉप या डेस्कटॉप पी.सी. के नाम से जाना जाता है।
लैपटॉप कम्प्यूटर (Laptop Computer)
लैपटॉप कम्प्यूटर वे होते हैं जिनको व्यक्ति अपनी गोद में रखकर कार्य कर सकता है। यह साईज में बहुत छोटे होते हैं। इन कम्प्यूटर को व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जा सकते हैं। इनमें पावर के लिए बैटरी और ए.सी.विद्युत दोनों का प्रयोग किया जा सकता है।
पामटॉप कम्प्यूटर (Palmtop Computer)
ये कम्प्यूटर लैपटॉप कम्प्यूटर से छोटे होते हैं। इनको हथेली पर रखकर चलाया जाता है तथा व्यक्ति अपनी जेब में रख सकता हैं। आजकल मोबाइल में भी यह सुविधा उपलब्ध होने लगी है। पामटॉप कम्प्यूटर में कैलकुलेटर के समान बटनों वाला की-बोर्ड होता है और एक छोटी स्क्रीन होती है। यह बैटरी से चलाया जाता है।
पर्सनल कम्प्यूटर के मुख्य कार्य
पर्सनल कम्प्यूटर के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं—
- इनका प्रयोग इण्टरनेट के उपयोग के लिए किया जा सकता है।
- शब्द एवं गणनाओं का प्रयोग करने में किया जा सकता है।
- प्रेजेन्टेशन बनाने का काम किया जा सकता है।
- बच्चे गेम खेलने में इनका प्रयोग करते हैं।
- सांख्यिकी गणना का कार्य भी पर्सनल कम्प्यूटर द्वारा प्रमुख रूप से किया जा सकता है।
- सॉफ्टवेयर निर्माण करने में भी पर्सनल कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है।
- सेल्स तथा प्रोडक्शन कन्ट्रोल करना।
मेमोरी
यह किसी भी डेटा को स्थायी या अस्थायी रूप से संग्रहित करती है। यह मुख्यत: दो प्रकार की होती हैं।
रैम (रैण्डम एक्सेस मेमोरी)
किसी भी डेटा अथवा सूचना को संचित करने के लिए रैम का उपयोग करते हैं। इसमें डेटा अथवा सूचना को आवश्यकतानुसार पढ़ा एवं परिवर्तित किया जा सकता है। यह सूचना रैम में तब तक ही रहती है जब तक पावर सप्लाई रहती है। पावर सप्लाई बन्द होने पर सारी की सारी सूचना विलुप्त हो जाती है।
रोम (रीड ओनली मेमोरी)
यह स्थायी मेमोरी होती है। जब पावर सप्लाई स्विच ऑफ हो जाती है तब भी मेमोरी में संग्रह किये डाटा लुप्त नहीं होता है।
कम्प्यूटर का उपयोग व अन्य कार्य
कम्प्यूटर का उपयोग अब सिर्फ गणना तक सीमित नहीं है। आज इसका उपयोग, म्युजिक, ग्राफिक्स, इंटरनेट आदि कई अन्य क्षेत्रों में भी हो रहा है। कम्प्यूटर के उपयोग मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है।
- वैज्ञानिक उपयोग 2. वाणिज्य एवं व्यापार में 3. शिक्षा में
कम्प्यूटर के अन्य कार्य
कम्प्यूटर से फोटो कॉपी करना, फोटोग्राफी, फोटो निकालना, बैंक, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, डाकखाने, बड़े-बड़े उद्योग, आदि में कम्प्यूटर का उपयोग किया जा रहा है।
कम्प्यूटर में लगा इलेक्ट्रानिक सर्किट केवल मशीनी भाषा ही समझ सकता है इस भाषा में केवल दो ही अंको का अर्थात् 0 एवं 1 का ही प्रयोग किया जाता है। इसे बाइनरी प्रणाली कहते हैं। इस प्रणाली में सारे अंको, अक्षरों तथा चिन्हों को 0 एवं 1 के द्वारा अंकित किया जाता है। बाइनरी संख्या के प्रत्येक अंक को बिट कहा जाता है।
4 बिट (Bit) = 1 निबल (Nibble)
8 बिट (Bit)= 1 बाइट (Byte)
1024 बाइट (Byte) =1 किलोबाइट (Kilo Byte)
1024 किलो बाइट (Kilo Byte)= 1 मेगाबाइट (Mega Byte)
1024 मेगाबाइट(Mega Byte)= 1 गिगाबाट (Giga Byte)
1024 गिगाबाइट (Giga Byte) = 1 टेराबाइट (Tera Byte)