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GOOGLE AI BARD in hindi
Bard Chatbot: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बाजार में बादशाहत कायम करने के लिए दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों के बीच वर्चस्व की होड़ शुरू हो चुकी है।जहां एक ओर माइक्रोसॉफ्ट चैट जीपीटी का निर्माण करने वाले स्टार्टअप ओपनएआई के साथ खड़ा है वहीं दूसरी ओर गूगल एआई के भविष्य के बाजार में वर्चस्व बनाने के लिए ताल ठोक चुका है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने चैटजीपीटी के प्रतिद्वंदी बार्ड नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संचालित चैटबॉट की घोषणा कर दी है।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचई (Sundar Pichai) ने ऑफिशियल ब्लॉग पोस्ट में यह जानकारी दी। पिचई ने Bard को एक conversational AI service करार दिया है जो हाई-क्वॉलिटी रिस्पॉन्स देने के अलावा मुश्किल चीजों को आसान बनाने जैसे काम कर सकता है।
google ai chatbot Bard को फिलहाल कंपनी ने कुछ टेस्टर के लिए उपलब्ध कराया है। और गूगल की योजना आने वाले दिनों में इस AI Tool को दुनियाभर में आम लोगों के लिए लॉन्च करने की है।
Bard बार्ड क्या है Meaning Of Bard in hindi
Shakespeare is also known as the Bard of Avon.
- बार्ड भाषा मॉडल फॉर डायलॉग एप्लीकेशन (LaMDA) पर आधारित है, जो गूगल का अपना संवादात्मक AI चैटबॉट है।
- यह अत्यंत सटीकता के साथ संवादात्मक और निबंध-शैली में उत्तर देगा जैसे ChatGPT अभी करता है।
- हालाँकि, मॉडल वर्तमान में LaMDA का “हल्का” संस्करण है और इसे “काफी कम कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता होती है, जिससे इसे अधिक उपयोगकर्त्ताओं तक पहुँच स्थापित करने हेतु सक्षम बनाया जा सके।
Google AI Chat Bot: Chat GPT जब से मार्केट में आया है तब से गूगल की परेशानी बढ़ी हुई है लेकिन अब गूगल ने नहले पर दहला मारा है और अपना एक ऐसा प्रोडक्ट मार्केट में उतारा है जो चैट जीपीटी को कांटे की टक्कर दे सकता है
Bard बार्ड की विशेषता क्या है
- यह ट्रांसफॉर्मर तकनीक पर बनाया गया है, जो ChatGPT और अन्य AI बॉट्स की रीढ़ है।
- ट्रांसफॉर्मर तकनीक को Google द्वारा अग्रणी बनाया गया था और वर्ष 2017 में इसे सभी के लिये ओपन सोर्स के रूप में शुरू कर दिया गया था।
- ट्रांसफार्मर प्रौद्योगिकी एक न्यूरल नेटवर्क आर्किटेक्चर(Neural Network Architecture) है, जो इनपुट के आधार पर भविष्यवाणियाँ करने में सक्षम है और मुख्य रूप से प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण तथा कंप्यूटर प्रौद्योगिकी में इसका उपयोग किया जाता है।
- आर्किटेक्चर यह निर्धारित करता है कि नेटवर्क कैसे सूचना को संसाधित करता है और किसी विशेष समस्या को हल करने में इसकी सटीकता एवं दक्षता को किस प्रकार प्रभावित करता है। सामान्य आर्किटेक्चर में फीडफॉर्वर्ड नेटवर्क, आवर्तक नेटवर्क और कन्वेन्शनल न्यूरल नेटवर्क सम्मिलित हैं।
LaMDA full form क्या है
LaMDA (Language Model for Dialogue Applications) लैम्डा का पूरा नाम लैंग्वेज मॉडल और डायलॉग एप्लिकेशन (Lamda) है। यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो कि बिना किसी झिझक के किसी से भी लगातार बातें कर सकती है।
LaMDA लैम्डा क्या है
Bard गूगल द्वारा डिवेलप LaMDA (Language Model for Dialogue Applications) द्वारा पावर्ड है। LaMDA एक कन्वर्सेशनल न्यूरल लैंग्वेज मॉडल है। पिचई का कहना है कि कंपनी फिलहाल Bard को LaMDA के लाइटवेट मॉडल वर्जन के साथ रिलीज कर रही है। इसकी वजह है कि छोटे मॉडल को आमतौर पर कम कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है और जिसके चलते Bard ज्यादा यूजर्स तक पहुंच सकेगा। और इससे ज्यादा फीडबैक मिलेगा। गूगल बाहरी यूजर्स से मिलने वाले फीडबैक को अपनी इंटरनल टेस्टिंग के साथ शेयर करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि Bard से मिलने वाले जवाब की क्वॉलिटी की हाई-स्टैंडर्ड और रियल-वर्ल्ड इन्फर्मेशन के आधार पर हो।
GOOGLE AI BARD in hindi में समझे आर्टिफिशियल चैट बॉट
हिंदी में बार्ड का क्या अर्थ है? What is Bard in hindi ?
Bard का मतलब है ‘वह व्यक्ति जो शायरी या कविता लिख सकता हो यानी कवि हो’। बार्ड का तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जो वीरों और उनके कामों पर छंदों की रचना और पाठ करने में कुशल होता है। गूगल ने अपने ग्राहकों के सवालों का सटीक जवाब देने के लिए बार्ड को विकसित किया है इस लिए इसे नाम दिया गया है बार्ड यानी कवि। अब गूगल का यह Bard सीधे-सीधे ओपनएआई की ओर से विकसित चैटजीपीटी को टक्कर देगा। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक ब्लॉग पोस्ट में इस परियोजना की घोषणा की, जिसमें बार्ड को प्रायोगिक संवादी AI सेवा बताया गया है यह उपयोगकर्ताओं के प्रश्नों का उत्तर देगा और उनसे बातचीत करेगा।
ब्लेक लिमोइन कौन थे और Bard से उनका क्या कनेक्शन है?
गूगल की ओर से बार्ड नामक जिस चैटबॉट की घोषणा की गई है वह लैम्डा नामक उसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से संचालित है जिसे गूगल के एक पूर्व कर्मचारी ब्लेक लिमोइन ने संवेदनशील करार दिया था। बता दें कि लैम्डा को विकसित करने का श्रेय लिमोइन को ही जाता है। उन्होंने लैम्डा के साथ अपनी चैट को सार्वजनिक करते हुए उसे संवेदनशील कहा था। इस दावे के बाद गूगल ने ब्लेक लिमोइन को नौकरी से निकाल दिया था।
क्या माइक्रोसॉफ्ट-ओपनएआई जैसा है गूगल-एंथ्रोपिक का संबंध?
इस सवाल का जवाब है हां। गूगल और एंथ्रोपिक की साझेदारी लगभग उसी तरह की है जो माइक्रोसॉफ्ट और चैटजीपीटी के निर्माता ओपनएआई के बीच है। जहां एक ओर ओपनएआई अपनी रिसर्च विशेषज्ञता मुहैया करा रहा है तो दूसरी ओर माइक्रोसॉफ्ट चैटजीपीटी के विकास के लिए अरबों के डॉलर के निवेश के साथ ओपनएआई को अपने विशाल क्लाउड प्लेटफॉर्म तक पहुंच उपलब्ध करा रहा है। ये क्लाउड सुविधाएं एआई आधारित स्टार्टअप को सफल बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। गूगल की ओर से एंथ्रोपिक में निवेश की इस खबर से कुछ हफ्तों पहले ही माइक्रोसॉफ्ट ने ओपनएआई में 10 अरब डॉलर के निवेश की बात कही थी।
क्या एंथ्रोपिक भी कोई एआई चैटबॉट विकसित कर रहा है?
हां, यह गौर करने वाली बात है कि एंथ्रोपिक भी Claude नाम का एक चैटबॉट विकसित कर रहा है जो निकट भविष्य में चर्चित चैट जीपीटी का प्रतिद्वंदी साबित हो सकता है। हालांकि यह अब तक साफ नहीं है कि क्या गूगल भी अपने प्लेफॉर्म्स पर Claude का उसी तरह इस्तेमाल करेगा जैसा माइक्रोसॉफ्ट चैट जीपीटी का करने की तैयारी कर रहा है। गूगल अपने स्तर से भी एआई से जुड़ी कई परियाजनाओं पर काम कर रहा है। छंटनियों के बावजूद इन परियोजाओं पर बड़ा निवेश किया गया है।
एंथ्रोपिक की स्थापना किसने की, इसका ओपनएआई से क्या कनेक्शन है?
एंथ्रोपिक के बनने की कहानी भी बहुत दिलचस्प है। इसकी स्थापना वर्ष 2021 में पब्लिक बैनेफिट कॉरपोरेशन के रूप में दारियो अमोदेई ने की थी। वे पूर्व में ओपन एआई के रिसर्च सेगमेंट के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। एफटी के अनुसार अमोदेई ने जब ओपन एआई को अलविदा कहा अपने साथ कई इंजीनियर्स को ले गए उनमें एआई लैंग्वेज मॉडल विकसित करने वाले जीपीटी-3 के प्रमुख इंजीनियर टॉम ब्राउन भी शामिल थे। अमोदेई का ओपन एआई से विवाद वर्ष 2019 में माइक्रोसॉफ्ट के साथ हुई स्टार्टअप की पहली डील के बाद शुरू हुआ। वे कंपनी में बढ़ते कमर्शियल फोकस से सहमत नहीं थे। उनका मानना था कि ओपनएआई नाम के जिस विचार की शुरुआत की गई थी भटक रहा है। अब ओपनएआई ‘ओपन’ ना रहकर एक कंपनी का नाम भर रह गया है।
माइक्रोसॉफ्ट समर्थित ओपनएआई की आलाेचना क्यों हुई?
ओपनएआई अपने बढ़ते कमर्शियल रुख के कारण कई एक आई रिसर्चर्स के निशाने पर रहा है। कई एआई शोधकर्ताओं ने ओपनएआई पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की है। विशेष रूप से पिछले साल के अंत में सार्वजनिक वेब पर चैटजीपीटी की लॉन्चिंग के बाद उसे और अधिक आलोचना का शिकार होना पड़ा है। एआई क्षेत्र के शोधकर्ताओं का मानना है कि बिना उचित सुरक्षा उपायों या सॉफ्टवेयर क्षमताओं के साथ इसे लॉन्च कर दिया गया है। दूसरी ओर, एंथ्रोपिक (अब गूगल से समर्थित) अपने वेबसाइट पर एआई से संबंधित अपने कार्यों को विश्वसनीय और व्याख्यात्मक करार देते हुए स्टीयरेबल एआई सिस्टम विकसित करने पर जोर देता है। हालांकि यह अब तक साफ नहीं है कि गूगल के निवेश से एंथ्रोपिक के इन प्राथमिकताओं में बदलाव आएंगे या नहीं?
एंथ्रोपिक और क्रिप्टोएक्सचेंज FTX का क्या कनेक्शन है?
एंथ्रोपिक अपनी स्थापना के एक साल के भीतर पहली बार तब चर्चा में आया जब उसने अचानक 580 मिलियन डॉलर की फंडिग मिलने की घोषणा की। फंडिंग की इस राशि में से अधिकतर निवेश सैम बैंकमैन फ्राईड का था। ये वही फ्राईड हैं जिन्होंने क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज FTX के पतन के बाद दिवालिया हो गए। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया था। बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का वैश्विक बाजार में क्या भविष्य है?
ग्लोबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बाजार दिन दुना रात चौगुना की गति से बढ़ रहा है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा समेत सभी प्रमुख आईटी कंपनियांस इस बाजार में दखल की होड़ में शामिल हो चुकी हैं। वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार उस साल इस क्षेत्र को 66.8 बिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल हुए। इस दौरान रिकॉर्ड रूप से 65 एआई कंपनियों का मार्केट कैप 1 बिलियन डॉलर से अधिक रहा। वर्ष 2020 की तुलना में इसमें 442 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हर साल बड़ी संख्या में कंपनियां और सरकारें एआई आधारित तकनीकों में निवेश कर रही हैं।
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बाजार की क्या स्थिति है? Impact of artifficiale intelligence on india
अकेले भारत में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बाजार का 2025 तक 7.8 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) की कुछ समय पहले आई एक रिपोर्ट के अनुसार एआई मार्केट हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सेवा बाजारों को कवर करते हुए 20.2 प्रतिशत की सीएजीआर (Compound Annual Growth Rate) से बढ़ रहा है। IDC के अनुसार भारत में AI का कारोबार अगले पांच वर्षो में बहुत तेजी से बढ़ सकता है।
FAQ
Q : गूगल एआई बार्ड को कब लॉन्च किया जा रहा है?
Ans : फरवरी साल 2023 में लॉन्च किया जा रहा है।
Q : गूगल एआई बार्ड क्या है?
Ans : एक तरह की चैटबोट सर्विस है।
Q : गूगल एआई बार्ड के लॉन्च की घोषणा किसने की?
Ans : गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने की।
Q : क्या गूगल एआई बार्ड के आने से बंद हो जाएगा गूगल सर्च इंजन?
Ans : जी नहीं, गूगल सर्च इंजन बंद नहीं होगा।
Q : गूगल एआई बार्ड आने से किसको नुकसान होगा?
Ans : गूगल एआई बार्ड से चैटजीपीटी को नुकसान हो सकता है।
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