स्थानीय पेशे एवं व्यवसाय CLASS 4 PARYAVARAN CHAPTER 2 Sthaaneey Peshe Evan Vyavasaay यूपी एससीईआरटी की पुस्तक पर्यावरण कक्षा 4 ‘स्थानीय पेशे एवं व्यवसाय’ अध्याय 2 चौथी कक्षा के छात्रों के लिए एक शैक्षिक संसाधन है। इस अध्याय में, स्थानीय व्यवसायों और उनके पेशों पर ध्यान केंद्रित करते हुए छात्रों को उन्हें समझने और उनसे संबंधित अन्य जानकारियों के साथ आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान की जाती है। छात्र इस पुस्तक के माध्यम से, स्थानीय व्यवसायों की विविधता, उनके पेशों का महत्व, और व्यवसायों की स्थानीय अर्थव्यवस्था में खेलने वाले भूमिकाओं के बारे में जान सकते हैं। इसके अलावा, छात्र स्थानीय व्यवसायों के संबंध में उनकी भूमिका, पेशे, और उनकी अधिकारिकता के बारे में भी जान सकते हैं। इस पुस्तक से, छात्र अपने शिक्षण को समृद्ध बनाने के लिए अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
स्थानीय पेशे एवं व्यवसाय CLASS 4 PARYAVARAN CHAPTER 2 Sthaaneey Peshe Evan Vyavasaay
स्थानीय पेशे एवं व्यवसाय (Sthaaneey Peshe Evan Vyavasaay)
Exercise ( अभ्यास )
प्रश्न (1) : निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) : किसान का क्या काम है ?
उत्तर- किसान खेती करने के लिए जमीन तैयार करते हैं | बीज बोने के कुछ दिनों बाद समय-समय पर सिंचाई और निराई-गुड़ाई करते हैं | रोगों से फसल का बचाव एवं देखभाल करते हैं | फसल पक जाने पर लोगों के उपयोग के लिए अनाज और सब्जियाँ उपलब्ध कराते हैं |
(ख) : आप बीमार होने पर किसके पास जाते हैं ?
उत्तर- हम बीमार होने पर डॉक्टर के पास जाते हैं |
(ग) : सफाईकर्मी क्या-क्या काम करता है ?
उत्तर- सफाईकर्मी हर सुबह गली-मोहल्लों की सफाई करता है | वह साफ़-सफाई के लिए छोटी-बड़ी विविध प्रकार की झाडू का प्रयोग करता है | सफाई के बाद निकलने वाले कूड़े को उचित जगह पर पहुंचाता भी है |
प्रश्न (2) : खाली जगह भरिए –
- कुल्हड़ , सुराही, मटका, मिटटी के दीपक / दिए बनाने वाला कुम्हार कहलाता है |
- कुर्सी, मेज, लकड़ी के सामान बनाने वाला बढ़ई कहलाता है |
- खेत में गेहूं और सब्जी उगाने वाला किसान कहलाता है |
- बीमार होने पर दवा देने एवं सुई लगाने वाले को डॉक्टर कहते हैं |
- सीमेंट , बालू, ईंट की सहायता से मकान बनाने वाला राजगीर कहलाता है |
प्रश्न (3) : स्थानीय पेशे से जुड़े व्यक्तियों एवं उनके द्वारा किये गए कार्य एवं बनाई जाने वाली वस्तुओं के नाम तालिका में लिखिए –
क्र.सं. | स्थानीय पेशे से जुड़े व्यक्ति | उनके द्वारा किये जाने वाले कार्य | उनके द्वारा बनाई जाने वाली वस्तुएं |
---|---|---|---|
1. | लोहार | लोहे से विभिन्न वस्तुओं का निर्माण | फाटक , ग्रिल , रेलिंग , कुदाल , बर्तन आदि |
2. | दर्जी | कपड़े की सिलाई | शर्ट, पैंट, कमीज ,कुर्ता , सलवार , कोट आदि |
3. | बढ़ई | लकड़ी से विभिन्न वस्तुओं का निर्माण | कुर्सी, मेज, आलमारी, दरवाजा, खिड़की, सोफा, बेड आदि |
4. | मोची | चमड़े से नयी वस्तुएं बनाना और उनकी मरम्मत | जूते, चप्पल, पर्श, बैग आदि |
5. | राजगीर | मकान बनाना | छोटे – बड़े घरों का निर्माण करना |
6. | कुम्हार | मिट्टी की वस्तुएं बनाना | मटका, कुल्हड़, सुराही , दिया आदि |
प्रश्न (4) : अपने आसपास के स्थानीय व्यवसाय से जुड़े किसी भी व्यक्ति के पास जाइए , और उससे इन प्रश्नों पर बातचीत करिए –
- वे कौन-कौन से औजारों का उपयोग करते हैं ?
- इन औजारों को कौन और कैसे तैयार करता है ?
- ये औजार कहाँ से आते हैं ?
- वे अपने पेशे से जुड़े कार्यों में क्या प्रक्रिया अपनाते हैं ?
- वे अपने व्यवसाय से निकले उत्पाद को बाजार तक कैसे पहुंचाते हैं ?
छात्र स्थानीय व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों से मिलकर स्वयं लिखें |