Barahkhadi || 12 बारहखड़ी चार्ट हिंदी || Barah khadi in Hindi

Barahkhadi || 12 बारहखड़ी चार्ट हिंदी || Barah khadi in Hindi

 हिंदी भाषा के वर्णमाला–Hindi Varnamala Barahkhadi बारहखड़ी चार्ट हिंदी हिंदी बाराखडी pdf Barah khadi बारहखड़ी की परिभाषा क से ज्ञ तक बारहखड़ी in Hindi हिंदी बाराखडी शब्द बारहखड़ी चार्ट हििंदी ka kaa ki kee in hindi बारहखड़ी सारणी Barahkhadi अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः – ा ि ी ु…

Hindi Matra || मात्राओं का ज्ञान || की मात्रा वाले शब्द

Hindi Matra || मात्राओं का ज्ञान || की मात्रा वाले शब्द || Best Example 13 हिंदी मात्रा

10-20 Words List Best Worksheets In Hindi Matra ka Gyan हिंदी के स्वर कितने होते हैं? Hindi Letter वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 52 वर्ण होते हैं। इनमें 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं। तो आइये सीखते है अ से ज्ञ तक। हिंदी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण शामिल होते हैं। इनमें से वर्णो…

Tale of the Three Fishes

तीन मछलियां Tale of the Three Fishes Panchatantra Story In Hindi एक नदी के किनारे उसी नदी से जुडा एक बडा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता हैं, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं। ऐसे स्थान मछलियों को बहुत रास आते हैं। उस जलाशय में भी नदी से बहुत-सी मछलियां आकर रहती थी। अंडे देने के लिए तो सभी मछलियां उस जलाशय में आती थी। वह जलाशय लम्बी घास व झाडियों द्वारा घिरा होने के कारण आसानी से नजर नहीं आता था।उसी मे तीन मछलियों का झुंड रहता था। उनके स्वभाव भिन्न थे। अन्ना संकट आने के लक्षण मिलते ही संकट टालने का उपाय करने में विश्वास रखती थी। प्रत्यु कहती थी कि संकट आने पर ही उससे बचने का यत्न करो। यद्दी का सोचना था कि संकट को टालने या उससे बचने की बात बेकार हैं करने कराने से कुछ नहीं होता जो किस्मत में लिखा है, वह होकर रहेगा।एक दिन शाम को मछुआरे नदी में मछलियां पकडकर घर जा रहे थे। बहुत कम मछलियां उनके जालों में फंसी थी। अतः उनके चेहरे उदास थे। तभी उन्हें झाडियों के ऊपर मछलीखोर पक्षियों का झुंड जाता दिकाई दिया। सबकी चोंच में मछलियां दबी थी। वे चौंके ।एक ने अनुमान लगाया “दोस्तो! लगता हैं झाडियों के पीछे नदी से जुडा जलाशय हैं, जहां इतनी सारी मछलियां पल रही हैं।”मछुआरे पुलकित होकर झाडियों में से होकर जलाशय के तट पर आ निकले और ललचाई नजर से मछलियों को देखने लगे।  एक मछुआरा बोला “अहा! इस जलाशय में तो मछलियां भरी पडी हैं। आज तक हमें इसका पता ही नहीं लगा।” “यहां हमें ढेर सारी मछलियां मिलेंगी।” दूसरा बोला।तीसरे ने कहा “आज तो शाम घिरने वाली हैं। कल सुबह ही आकर यहां जाल डालेंगे।”इस प्रकार मछुआरे दूसरे दिन का कार्यक्रम तय करके चले गए। तीनों मछ्लियों ने मछुआरे की बात सुन ला थी।अन्ना मछली ने कहा “साथियो! तुमने मछुआरे की बात सुन ली। अब हमारा यहां रहना खतरे से खाली नहीं हैं। खतरे की सूचना हमें मिल गई हैं। समय रहते अपनी जान बचाने का उपाय करना चाहिए। मैं तो अभी ही इस जलाशय को छोडकर नहर के रास्ते नदी में जा रही हूं। उसके बाद मछुआरे सुबह आएं, जाल फेंके, मेरी बला से। तब तक मैं तो बहुत दूर अटखेलियां कर रही हो-ऊंगी।’प्रत्यु मछली बोली “तुम्हें जाना हैं तो जाओ, मैं तो नहीं आ रही। अभी खतरा आया कहां हैं, जो इतना घबराने की जरुरत हैं हो सकता है संकट आए ही न। उन मछुआरों का यहां आने का कार्यक्रम रद्द हो सकता है, हो सकता हैं रात को उनके जाल चूहे कुतर जाएं, हो सकता है। उनकी बस्ती में आग लग जाए। भूचाल आकर उनके गांव को नष्ट कर सकता हैं या रात को मूसलाधार वर्षा आ सकती हैं और बाढ में उनका गांव बह सकता हैं। इसलिए उनका आना निश्चित नहीं हैं। जब वह आएंगे, तब की तब सोचेंगे। हो सकता हैं मैं उनके जाल में ही न फंसूं।”यद्दी ने अपनी भाग्यवादी बात कही “भागने से कुछ नहीं होने का। मछुआरों को आना हैं तो वह आएंगे। हमें जाल में फंसना हैं तो हम फंसेंगे। किस्मत में मरना ही लिखा हैं तो क्या किया जा सकता हैं?”इस प्रकार अन्ना तो उसी समय वहां से चली गई। प्रत्यु और यद्दी जलाशय में ही रही। भोर हुई तो मछुआरे अपने जाल को लेकर आए और लगे जलाशय में जाल फेंकने और मछलियां पकडने । प्रत्यु ने संकट को आए देखा तो लगी जान बचाने के उपाय सोचने । उसका दिमाग तेजी से काम करने लगा। आस-पास छिपने के लिए कोई खोखली जगह भी नहीं थी। तभी उसे याद आया कि उस जलाशय में काफी दिनों से एक मरे हुए ऊदबिलाव की लाश तैरती रही हैं। वह उसके बचाव के काम आ सकती हैं।जल्दी ही उसे वह लाश मिल गई। लाश सडने लगी थी। प्रत्यु लाश के पेट में घुस गई और सडती लाश की सडांध अपने ऊपर लपेटकर बाहर निकली। कुछ ही देर में मछुआरे के जाल में प्रत्यु फंस गई। मछुआरे ने अपना जाल खींचा और मछलियों को किनारे पर जाल से उलट दिया। बाकी मछलियां तो तडपने लगीं, परन्तु प्रत्यु दम साधकर मरी हुई मछली की तरह पडी रही। मचुआरे को सडांध का भभका लगा तो मछलियों को देखने लगा। उसने निश्चल पडी प्रत्यु को उठाया और सूंघा “आक! यह तो कई दिनों की मरी मछली हैं। सड चुकी हैं।” ऐसे बडबडाकर बुरा-सा मुंह बनाकर उस मछुआरे ने प्रत्यु को जलाशय में फेंक दिया।प्रत्यु अपनी बुद्धि का प्रयोग कर संकट से बच निकलने में सफल हो गई थी। पानी में गिरते ही उसने गोता लगाया और सुरक्षित गहराई में पहुंचकर जान की खैर मनाई।यद्दी भी दूसरे मछुआरे के जाल में फंस गई थी और एक टोकरे में डाल दी गई थी। भाग्य के भरोसे बैठी रहने वाली यद्दी ने उसी टोकरी में अन्य मछलियों की तरह तडप-तडपकर प्राण त्याग दिए। इस कहानी से क्या सीखें:  भाग्य भी उन्ही का साथ देता है जो कर्म में विश्वास रखते हैं और कर्म को प्रधान मानते हैं। भाग्य के भरोसे हाथ पर हाथ रखकर  बैठे रहने वाले का विनाश निश्चित हैं।

The Lion and the Jackal

सिंह और सियार वर्षों पहले हिमालय की किसी कन्दरा में एक बलिष्ठ शेर रहा करता था। एक दिन वह एक भैंसे का शिकार और भक्षण कर अपनी गुफा को लौट रहा था। तभी रास्ते में उसे एक मरियल-सा सियार मिला जिसने उसे लेटकर दण्डवत् प्रणाम किया। जब शेर ने उससे ऐसा करने का कारण पूछा…

Desh Bhakti Geet in Hindi || देश भक्ति गीत का संग्रह || desh bhakti geet list

30 देश भक्ति गीत का संग्रह-30 Best Desh Bhakti Geet in Hindi

देश भक्ति गीत का संग्रह (Desh Bhakti Geet in Hindi): भारतीय संस्कृति के रंगीन राष्ट्रीय भावनाओं को प्रकट करने वाले देश भक्ति गीतों का संग्रह हिंदी में। यहाँ पाएं वो गीत जो देश प्रेम और गर्व की भावना को स्पर्श करते हैं। अपने दिल को छूने वाले देश भक्ति गीतों का संग्रह! हमारी साइट पर…

नन्हा मुन्ना राही हूँ Nanha Munna Rahi Hoon

नन्हा मुन्ना राही हूँ (Nanha Munna Rahi Hoon) नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ बोलो मेरे संग, जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद … रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम आगे ही आगे बढ़ाउंगा कदम दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम!…

ऐ मेरे वतन के लोगों -Ae Mere Watan Ke Logon

ऐ मेरे वतन के लोगों ( Ae Mere Watan Ke Logon) देशभक्ति से परिपूर्ण प्रसिद्ध गीत है। यह गीत 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों की श्रद्धांजलि में लिखा गया था। ऐ मेरे वतन के लोगों ( Ae Mere Watan Ke Logon) ऐ मेरे वतन के लोगोंतुम खूब लगा लो नाराये शुभ दिन है हम सब कालहरा लो…

नफ़रत की लाठी तोड़ो (Nafarat Ki Laathi Todo)

नफ़रत की लाठी तोड़ो (Nafarat Ki Laathi Todo) नफ़रत की लाठी तोड़ो, लालच का खंजर फेंकोज़िद के पीछे मत दौड़ो, तुम प्रेम के पंछी होदेश प्रेमियोंआपस में प्रेम करो देश प्रेमियोंमेरे देश प्रेमियोंआपस में प्रेम करो देश प्रेमियों देखो ये धरती हम सबकी माता हैसोचो आपस में क्या अपना नाता हैहम आपस में लड़ बैठे…

कर चले, हम फ़िदा |kar chale hum fida

कर चले, हम फ़िदा (kar chale hum fida) कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियोंअब तुम्हारे हवाले वतन साथियों] हां हां…साँस थमती गई नब्ज़ जमती गईफिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दियाकट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहींसर हिमालय का हमने न झुकने दियामरते मरते रहा बाँकापन साथियोंअब तुम्हारे हवाले वतन साथियोंकर चले हम…