Meena Manch -मीना मंच
Meena Manch activities
MEENA MANCH UNICEF मीना (Meena) एक काल्पनिक चरित्र है जो दक्षिण एशियाई बच्चों के टेलीविज़न धारावाहिक मीना में सितारों का प्रतीक है।धारावाहिक बंगाली, अंग्रेजी, हिंदी, नेपाली और उर्दू में प्रसारित किया गया है। मीना ने कॉमिक किताबों, एनिमेटेड फिल्मों (मीना कार्टून) और रेडियो श्रृंखला (बीबीसी से संबद्ध) में अपनी कहानियों के माध्यम से लिंग, स्वास्थ्य और सामाजिक असमानता के मुद्दों पर दक्षिण एशिया के बच्चों को शिक्षित किया है। उनकी कहानियों के माध्यमिक पात्रों में उनके भाई राजू और उनके पालतू तोता मिठू भी शामिल हैं। उनके रोमांचित कहानियो में शिक्षा पाने का प्रयास, राजू के साथ भोजन का बराबर हिस्सा और मानव इम्यूनो वायरस के बारे में सीखना, बच्चे को जन्म देने का सही तरीका और लोगों की मदद करने शामिल है। उनकी सभी कहानियां सामाजिक और सांस्कृतिक प्रथाओं में परिवर्तन की वकालत करती हैं।मीना लोकप्रियता दक्षिण एशिया के सिर्फ एक देश या संस्कृति से घनिष्ठ नहीं है बल्कि उन सभी की सामान्य विशेषताओं से एकजुट हैं। मीना का चरित्र प्रसिद्ध बांग्लादेशी कार्टूनिस्ट मुस्तफा मोनवार द्वारा बनाया गया था और इसमें आंशिक रूप से यूनिसेफ का हाथ था। यूनिसेफ संगठन मीना और उनकी कहानियों के माध्यम से दक्षिण एशिया की शैक्षिक जागरूकता को बढ़ाना चाहती थी।
बालिकाओं के मुद्दों को सरल एवं सहज रुप से समझने के लिए मीना नाम की लड़की का एक काल्पनिक चरित्र बनाया गया है। प्रत्येक वर्ग एवं समाज की बालिकाएं स्वयं का इस से जुड़ाव महसूस कर सकती है। मीना एक उत्साही और विचारवान किशोरी है, जिसमें उमंग उल्लास सहानुभूति एवं सहायता का भाव है। वह समस्याओं और सामाजिक बाधाओं के विरुद्ध लड़ने का जज्बा रखती है, और समस्या समाधान हेतु किसी से बातचीत करने में हिचकिचाते नहीं है।
- समस्याओं का समाधान
- अर्जित ज्ञान का उचित प्रयोग
- वस्तु स्थिति का सटीक आकलन
- आत्मविश्वास से परिपूर्ण
- जिज्ञासु प्रवृत्ति
- निर्णय लेने की क्षमता
- दृढ़ इच्छाशक्ति
- टीम के साथ मिलकर कार्य करना
- सही श्रोता
- अपने अधिकारों के प्रति सचेत
- तैयारी और लक्ष्य का निर्धारण
- स्वयं की पहचान
- आत्मनिर्भर
- स्व मूल्यांकन
- अभिव्यक्ति की क्षमता
- रचनात्मकता
- सतर्कता
- दोस्ती
- संवेदनशीलता
- हिंसात्मक परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता
- एड्स एवं अन्य सामाजिक विषयों पर जानकारी
मीना अपने माता पिता, दादी राजू और बहन रानी के साथ रहती है मिट्ठू तोता उसका प्यारा दोस्त है। मीना की कहानियां बच्चों के जीवन के चारों तरफ घूमती है। मीना की कहानियां बच्चों के बचपन में ही लड़की लड़के की भूमिकाओं के बीच स्वस्थ एवं बेहतर संबंधों का रूप दिखाती है। मीना की कहानियां किसी को उपदेश नहीं देती। मीना मंच का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और संवाद शुरू करने के अवसर प्रदान करना है।
मीना मंच विद्यालयों में बालिकाओं के लिए एक ऐसा मंच है जो उन्हें अपनी बात को खुलकर कहने के लिए अवसर देता है यह बालिकाओं कोशिक्षा से जोड़ने, नियमित विद्यालय आने और लिंग आधारित भेदभाव के प्रति सजग रहने के लिए प्रोत्साहित करता है । परोक्ष रूप से बालिकाओं में आत्मविश्वास का विकास, समस्याओं का समाधान ढूंढने का कौशल एवं नेतृत्व क्षमता जैसी मूलभूत जीवन कौशल का विकास करने का अवसर देता है।
मीना मंच का उद्देश्य बालिकाओं को आगे बढ़ने के लिए विद्यालयों में यथोचित एवं विशेष अवसर देना है, जिससे उनमें आत्मविश्वास बढे । जीवन कौशल का विकास हो, नेतृत्व क्षमता बढ़े और सामाजिक मसलों पर अपने स्वयं के विचार रख सके और सबसे अधिक की भी निर्बाध रुप से अपनी विद्यालय शिक्षा पूरी कर सके। मीना मंच के स्पष्ट उद्देश्य हैं-
- समस्त बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ना और उनका ठहराव बनाए रखना बालिकाओं को सीखने पढ़ने लिखने एवं सह शैक्षिक गतिविधियों से जोड़ने हेतु अधिकतम अवसर सामूहिक सहयोग देना।
2. बालिकाओं की सुरक्षा पर चर्चा करना एवं आपसी सहयोग से समाधान करना।
3. जेंडर भेदभाव एवं सामाजिक कुरीतियों पर समझ विकसित करना और बालिकाओं को इन मुद्दों पर अपने विचार अभिव्यक्त करने हेतु एक मंच प्रदान करना।
4. बालिकाओ में सृजन लेखन चित्रकारिता पेंटिंग आदि कौशल का विकास कारण। बालिकाएं अपनी कल्पना से लेखन पेंटिंग चित्रकारिता आदि कार्य करने के कौसल का विकास करती है।
5. बालिकाओ को महिला अधिकारों के प्रति जागृति पैदा करना।
6. किशोरियों को उन की संकाओं के सम्बन्ध में परिचर्चा करने हेतु मंच उपलब्ध करवाना।
7. आत्म विश्वास एवं जीवन कौशल का विकास करने के अवसर निश्चित रूप से उपलब्ध कराना बालिकाओं में नेतृत्व तथा सहयोग की भावना विकसित करना साथ ही किशोरावस्था संबंधी जिज्ञासाओं की अभिव्यक्ति एवं समाधान हेतु मंच देना।
8. बालिका शिक्षा एवं विकास के लिए समुदाय को जागृत कर जागरुक करना।
9. सामुदायिक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता पर जानकारी एवं जागरूकता फैलाना।
बालिकाओं में नेतृत्व तथा अभिव्यक्ति की क्षमता संवर्धन करने तथा विभिन्न कौशलों को विकसित करने हेतु मीना मंच की भूमिका महत्वपूर्ण है। विगत वर्षों में मीना मंच के माध्यम से बालिकाओं में न केवल जागरूकता आई अपितु विद्यालय स्तर के अनेक आयोजनों में उनकी सहभागिता बड़ी है इस प्रयास को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2019-20 में बालिकाओं की प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने तथा उनके सशक्तिकरण के उद्देश्य से निमृत विवरण के अनुसार मीना मंच का गठन किया जाना है
प्राथमिक विद्यालय स्तर पर कक्षा 3-5 तक के बच्चों को जागरूक करने वह अपनी अभिव्यक्ति क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से समस्त प्राथमिक विद्यालयों में मीना मंच का गठन किया जाना है प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 3-5 के बच्चे व ऐसी सभी बालिकाएं मीना मंच की सदस्य होंगी जो स्कूल जाती है मीना मंच के कुल सदस्यों में एक तिहाई सदस्य बालक होंगे केजी बीवी को छोड़कर।प्रारंभ में मंच में 20 बच्चों को फाउंडर मेंबर के रूप में चयनित किया जाए बाद में सदस्यता बढ़ाकर मंच का विस्तार किया जाए।
प्राथमिक स्तर पर मीना मंच में की बच्चों को गुड टच बैड टच बाल अधिकार एवं आत्मरक्षा के मुद्दों पर प्रशिक्षित किया जाएगा
विगत वर्षो की भांति वर्ष 2019-20 में समस्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में मीना मंच का गठन किया जाना है मंच के गठन की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो जिसमें विद्यालयों की सभी बालिकाएं प्रतिभाग करें। उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर पर 11-18 वर्ग की ऐसी सभी बालिकाएं मीना मंच की सदस्य होंगी जो स्कूल जाती है कक्षा 8 पास कर चुकी हैं अथवा विद्यालय नहीं जाती हैं मीना मंच के कुल सदस्यों में एक तिहाई सदस्य बालक होंगे केजी बीवी को छोड़कर। मंच प्रारंभ में मंच में 20 बच्चों को फाउंडर मेंबर के रूप में चयनित किया जाए बाद में सदस्यता बढ़ाकर मंच का विस्तार किया जाए।
मीना मंच द्वारा विभिन्न गतिविधियों के संचालन एवं विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करवाने का कार्य बालिकाओं का एक छोटा समूह करेगा, जो कि मीना मंच समिति कहलाएगा। मीना मंच समिति में विद्यालय में अध्ययनरत सक्रिय किशोरियों को सदस्य बनने हेतु प्रेरित किया जाएगा, जो अन्य बालिकाओं को लिए किसी न किसी रूप में सहायता कर रही हो
प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली सभी बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए मीना मंच का गठन किया जाता है । मीना मंच में कुल 20 सदस्य होंगे । मीना मंच में 5 कार्यकारी समिति होगी।
मीना मंच के समस्त सदस्यों में से 5 बच्चों की कार्यकारिणी समिति गठित की जाएगी जिसमें एक अध्यक्ष एक सचिव एक कोषाध्यक्ष एवं 2 सदस्य होंगे कार्यकारिणी समिति का चुनाव मीना मंच की खुली बैठक में किया जाए कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल 1 वर्ष का होगा सभी सदस्यों में से 5 सदस्यों की निम्नवत् कार्यकारिणी गठित की जाती है-
1. अघ्यक्ष
2. सचिव
3. कोषाध्यक्ष
4. पावर एंजेल
5. सक्रिय सदस्य
- एक सदस्य मां समूह से होगा ।
- उक्त कार्यकारिणी समिति के 5 सदस्य बच्चे ही चुनाव प्रक्रिया द्वारा चुनेंगे।
- कार्यकारिणी सदस्य के अलावा 15 सदस्य (9 सदस्य एवं 6 बालक) सुगमकर्ता चुनेंगे ।
- इन 15 सदस्यों को फाउंडर मेंबर कहा जाता है ।
- कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल 1 वर्ष का होता है।
पावर एंजेल
- मीना मंच में एक बालिका पावर एंजेल भी चुनी जाएगी।
- किसी भी दशा में पावर एंजेल बालक नहीं चुना जाएगा ।
- पावर एंजेल मीना मंच के 21 सदस्य में से कोई एक अथवा अलग से भी चुनी जा सकती है। यह सुगमकर्ता अपनी स्वेच्छा एवं सुविधा अनुसार तय करेंगे ।
- अगर पावर एंजेल मीना मंच के 21 सदस्यों में से ही चुनी जा रही है तो मीना मंच के सदस्यों की संख्या 21 ही रहेगी । यदि मीना मंच के 20 सदस्यों के अतिरिक्त चुनी जा रही है तू मीना मंच के कुल सदस्यों की संख्या 20 + 1 अर्थात 21 हो जाएगी।
- Power Angel मीना मंच का अभिन्न हिस्सा है।
- पूर्व में पावर एंजेल को मीना प्रेरक कहा जाता था। अब मीना प्रेरक के अधिकार बढ़ गए हैं और अब वही पावर एंजेल है।
मीना मंच को सुविधा ( संसाधन ) युक्त बनाने के उद्देश्य से विद्यालय महिला अध्यापिका को मीना सुगमकर्ता के रूप में नामित किया जाता है। मीना सुगमकर्ता को ३ दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। ये विद्यालय स्तर पर मीना मंच सक्रिय सहयोग प्रदान करती है। सुगमकर्ता मीना मंच की गतिविधियों का संचालन स्वयं नहीं करेगी बल्कि बालिकाओं को मार्गदर्शन देगी, जिससे बालिकाएं स्वयं के स्तर पर गतिविधियों का संचालन कर सके। महिला अध्यापिका की अनुपस्थिति में ही पुरुष अध्यापक को सुगमकर्ता का भार सौंपा जा सकेगा, किंतु पुरुष सुगमकर्ता होने की स्थिति में प्रत्येक 2 माह में आवश्यक रूप से किसी अध्यापिका या महिला अधिकारी या महिला कार्यकर्ता की विजिट विद्यालय में करानी होगी, जिससे की बालिकाएं विशेष मुद्दों पर खुलकर बात कर सके।
मीना मंच की गतिविधियों एवं मंच के वार्ताकारों के अभिलेखीकरण हेतु मीना प्रेरक सामान्य सभा की बैठक में चयनित किया जाता है। नेतृत्व गुण वाली किशोरी चयनित की जाती है। दृढ़ संकल्प क्षमतावान बालिका चयनित की जाती है। मीना मंच की सामान्य सभा की बैठक के पश्चात् प्रत्येक माह कार्यकारिणीसमिति की नियमित बैठक होती है। ये बैठकें मीना पंचायत के नाम से जानी जाती है।
प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार की अपहरण मीना मंच की बैठक आयोजित की जाए बैठक के आयोजन की जिम्मेदारी पावर एंजेल प्रेरक एवं एक सक्रिय बालक को दी जाए सुगमता सुगम करता बैठक बैठक का एजेंडा बनाने व अन्य बिंदुओं पर यथा आवश्यकता सहयोग प्रदान करेंगे मां समूह की दो माताओं को भी बैठक में आमंत्रित किया जाए बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा सृजनात्मक लेखन डिबेट चित्रकला नाटक गीत कहानी आदि के माध्यम से विचार-विमर्श किया जाए
· साफ सफाई व्यक्तिगत स्वच्छता माहवारी स्वच्छता प्रबंधन तथा किशोरावस्था संबंधी जिज्ञासाओं पर सवाल जवाब सेनेटरी नैपकिन रखने के लिए ढक्कन दार डिब्बा तथा शौचालय के साथ इंसीनरेटर की व्यवस्था पर चर्चा सुलभ संदर्भ हेतु महावारी स्वतंत्रता प्रबंधन पर चर्चा के लिए गाइड लाइसेंस संलग्न है
· बालिकाओं की शिक्षा का महत्व पर चर्चा करते हुए ऐसी बालिकाओं के घरों में संपर्क करना जो विद्यालय नहीं आती है बालिकाओं को विद्यालय में आ रही बाधाओं की चर्चा कर उसके निवारण की योजना बनाना उन लड़कियों की सूची तैयार करें जिनका नामांकन स्कूल में नहीं हुआ है तथा साथ ही उन कारणों की सूची बनाएं जिनके कारण बालिकाएं विद्यालय नहीं आती हैं उन घरों का भ्रमण करना जिनके घरों की बालिकाएं नामांकित नहीं है माता-पिता से बात कर ऐसी बालिकाओं का विद्यालय में नामांकन कराना।
· समाज से प्रचलित ऐसी कौन कौन थी कुरीतियां हैं जो बालिकाओं के हितों के प्रतिकूल हैं तथा इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है उदाहरण के लिए बालिकाओं के जन्म पर खुशी ना मनाना बाल विवाह दहेज प्रथा अशिक्षा घरेलू कार्य में लिप्त रहना कुपोषण भ्रूण हत्या बाल मजदूरी लिंगभेद आदि।
· स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता की जानकारी तथा गांव व विद्यालय में तथ्य संबंधी गतिविधियों का आयोजन करना।
· पढ़ना रचनात्मक लेखन एवं चित्रण की आदत का विकास करने संबंधी गतिविधि।
· बाल एवं महिला अधिकारों पर चर्चा आत्म सुरक्षा के उपायों पर चर्चा बच्चों की सुरक्षा के लिए गठित हेल्पलाइन व इसके प्रयोग की जानकारी देना।
· बाल अखबारों कॉमिक का निर्माण।
· अध्यापक द्वारा बच्चों को अपनी शिकायतें लिखकर शिकायत पेटिका में डालने के लिए प्रेरित करना तथा माह के अंतिम शनिवार को एसएमसी को एक महिला सदस्य के माध्यम से शिकायतों को पढ़कर उत्तर देना समाधान करना।
· कक्षा 5 तथा कक्षा आठ में पढ़ने वाली बालिकाओं को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए काउंसलिंग करना।
· अंधविश्वास को दूर कर वैज्ञानिक चेतना विकसित करने हेतु गतिविधियों का आयोजन।
· धार्मिक सद्भाव व अहिंसा विषय पर चर्चा नाटक आदि का आयोजन।
· स्थानी बैंक पुलिस थाना पोस्ट ऑफिस रेलवे स्टेशन आदि का भ्रमण कर बालिकाओं को उनके कार्यों के तरीकों की जानकारी देना।
· खेलकूद व्यायाम योग एवं स्काउट गाइड संबंधी गतिविधियां आयोजित करना।
· प्राकृतिक आपदा पर बच्चों से बातचीत करना व ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल करना।
· प्रत्येक माह बैठकर उपस्थित पंजिका से विद्यालय में अनुपस्थित रहने वाले बालिकाओं की सूची बनाना बुलावा टोली बनाकर बालिकाओं के घरों में जाना तथा उन्हें नियमित विद्यालय लाने के लिए प्रेरित करना।
· बालकों में जेंडर संवेदनशीलता विकसित करने निरंतर चर्चा पर चर्चा की जाए।
· समय प्रबंधन जल प्रबंधन स्वास्थ्य प्रबंधन आदि पर चर्चा।
· विद्यालय में एक मीना मंच कच्छ विकसित किया जाएगा जहां मंच की बालिकाएं स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकेंगी विद्यालय तथा घरों में बागबानी कराना
यह निश्चित सुनिश्चित किया जाए कि मीना मंच की बैठक नियमित तथा निर्धारित तिथियों में हो समस्त कार्यवाही को रजिस्टर में अंकन करें
मीना अपने माता-पिता, दादी, भाई राजू और बहिन रानी के साथ रहती है। मिट्ठू तोता उसका सबसे प्यारा दोस्त है। मीना की कहानियाँ बच्चों के जीवन के चारों तरफ घूूमती हंै। मीना की कहानियाँ बच्चों को बचपन से ही लड़की-लड़के की भूमिकाओं के बीच स्वस्थ और बेहतर संबंधों का रूप दिखाती हैं। मीना कहानियाँ किसी को उपेदश नहीं देतीं। इनका उदेद्श्य जागरूकता बढाना और संवाद शुरू करने के अवसर प्रदान करना है।मीना मंच द्वारा विभिन्न गतिविधियों के संचालन एवं विभिन्न मुद्दों पर चर्चा को करवाने का कार्य बालिकाओं का एक छोटा समूह करेगा जो कि मीना मंच समिति कहलाएगा । मीना मंच समिति में विद्यालय में अध्ययनरत सक्रिय किशोरियों को सदस्य बनने हेतु प्रेरित किया जायेगा, जो अन्य बालिकाओं के लिए किसी न किसी रूप से सहायता कर रही हों
मीना मंच का गठन कैसे किया जाता है?
मीना मंच में विद्यालय कक्षा 6 से 8 तक के समस्त बालिकाएं एवं बालक सदस्य होंगे। अतः मीना मंच द्वारा आयोजित की जाने वाली चर्चाओं और गतिविधियों में समस्त बच्चे मंच के नेतृत्व में प्रतिभाग करेंगे। विद्यालय की किसी एक महिला शिक्षिका को इसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जायेगी, जो कि सुगमकर्ता कहलायेगी।
मीना मंच क्या है (What is Meena Manch)
बालिका शिक्षा के सशक्तिकरण के लिए वर्ष 1993 से यह कार्यक्रम चलाया गया है। यह मंच बालिकाओं के जीवन कौशलों के विकास में अद्वितीय भूमिका निभाने वाला है, जिसमें स्कूल जाने वाली तथा न जाने वाली 11 से 18 वर्ग की बालिकाओं का एक समूह है।
मीना का जन्मदिन कब होता है?
प्रत्येक वर्ष 24 सितंबर को मीना का जन्मदिन मनाया जाता है।
मीना अभियान क्या है?
मीना एक बालिका शिक्षा और जागरूकता के लिए समर्पित एक काल्पनिक कार्टून कैरेक्टर है। यूनिसेफ पोषित इस कार्यक्रम का अधिक से अधिक फैलाव हो इस नजरिए से इन कहानियों का पूरे देश में रेडियो और टीवी प्रसारण किया जा रहा है।
मीना मंच प्रेरक कौन होता है?
प्रेरक – प्रत्येक कक्षा से समस्त बच्चों द्वारा चयनित एक बालिका। सह-प्रेरक – प्रत्येक कक्षा से समस्त बच्चों द्वारा चयनित एक बालिका और एक बालक।
मीना अपने माता-पिता, दादी, भाई राजू और बहिन रानी के साथ रहती है। मिट्ठू तोता उसका सबसे प्यारा दोस्त है। मीना की कहानियाँ बच्चों के जीवन के चारों तरफ घूूमती हंै। मीना की कहानियाँ बच्चों को बचपन से ही लड़की-लड़के की भूमिकाओं के बीच स्वस्थ और बेहतर संबंधों का रूप दिखाती हैं। मीना कहानियाँ किसी को उपेदश नहीं देतीं। इनका उदेद्श्य जागरूकता बढाना और संवाद शुरू करने के अवसर प्रदान करना है।मीना मंच द्वारा विभिन्न गतिविधियों के संचालन एवं विभिन्न मुद्दों पर चर्चा को करवाने का कार्य बालिकाओं का एक छोटा समूह करेगा जो कि मीना मंच समिति कहलाएगा । मीना मंच समिति में विद्यालय में अध्ययनरत सक्रिय किशोरियों को सदस्य बनने हेतु प्रेरित किया जायेगा, जो अन्य बालिकाओं के लिए किसी न किसी रूप से सहायता कर रही हों