राष्ट्रीय छात्रवृति परीक्षा NMMS ,जवाहर नवोदय विद्यालय मॉडल टेस्ट पेपर Class VI –The National Means-Cum-Merit Scholarship Scheme,  Passage for navodaya vidyalaya entrance exam 2022 | गद्यांश Jawahar Navodaya Vidyalaya Reading Comprehension Passage की तैयारी करने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए इस पोस्ट में Navodaya Question Paper Class 6 Pdf Navodaya  6th Class Model Papers Navodaya Entrance Exam Model Papers से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं

hindi comprehension for competitive exams | Mock Test Hindi Passage | अपठित हिंदी गद्यांश | नवोदय गद्यांश | हिन्दी अनुच्छेद पर आधारित प्रश्न

अपठित गद्यांश से क्या आशय है, नवोदय विद्यालय एग्जाम का हिंदी गद्यांश हल कैसे करें?

किसी भाषा की जानकारी पूर्ण रूप से है या नहीं, इसका ज्ञान अपठित अंशों से किए गए प्रश्नों के सटीक उत्तर से ही ज्ञात हो जाता। है, जिसे बोधशक्ति कहा जाता है.

बोधशक्ति के सामान्य अनुदेश

  1. सर्वप्रथम मूल अवतरण को कई बार ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए। जिससे कि मूलभाव को समझने में कठिनाई न हो.
  2. मूल अवतरण के मूल भावों, विशिष्ट शब्दों को रेखांकित कर देना चाहिए जिससे कि ठीक उत्तर जानने में कठिनाई न हो.
  3. दिए गए सभी प्रश्नों के उत्तर मूल अवतरण में ही विद्यमान रहते हैं, परीक्षार्थी मूल अवतरण से ही उत्तर खोजें.

4. दिए गए प्रश्नों के अनुसार ही मूल अवतरण से प्रश्नों का उत्तर खोजें. इससे उत्तर खोजने में काफी सुविधा रहती है.

  • किसी भी दिए गए प्रश्न के उत्तर के लिए अपनी ओर से कुछ भी न लिखें,
  • बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर के लिए चार चार विकल्प दिए होते. हैं, उनमें से एक ही विकल्प ठीक होता है, शेष विकल्प ठीक नहीं होते हैं, प्रत्येक विकल्प पर विचार करके गद्यांश को ध्यान में रखकर ठीक उत्तर दें.

नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़िए गद्यांश से संबंधित प्रश्नको हल करने के लिए क्विज को स्टार्ट करें

Mock Test Hindi Passage Jnvst | अपठित हिंदी गद्यांश | हिन्दी अनुच्छेद पर आधारित प्रश्न

नवोदय गद्यांश  1

मैदान समतल भूमि के बहुत बड़े भाग होते हैं। वे सामान्यतः माध्य समुद्री तल से 200 मी से अधिक ऊँचे नहीं होते हैं। कुछ मैदान काफी समतल होते हैं। कुछ उर्मिल तथा तरंगित हो सकते हैं। अधिकांश मैदान नदियों तथा उनकी सहायक नदियों के द्वारा बने हैं। नदियाँ पर्वतों के ढालों पर नीचे की ओर बहती हैं तथा उन्हें अपरदित कर देती हैं। वे अपरदित पदार्थों को अपने साथ आगे की ओर ले जाती हैं। अपने साथ ढोए जाने वाले पदार्थों जैसे पत्थर, बालू तथा सिल्ट को वे घाटियों में निक्षेपित कर देती हैं। इन्हीं निक्षेपों से मैदानों का निर्माण होता है।
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3251

गद्यांश 1

मैदान समतल भूमि के बहुत बड़े भाग होते हैं। वे सामान्यतः माध्य समुद्री तल से 200 मी से अधिक ऊँचे नहीं होते हैं। कुछ मैदान काफी समतल होते हैं। कुछ उर्मिल तथा तरंगित हो सकते हैं। अधिकांश मैदान नदियों तथा उनकी सहायक नदियों के द्वारा बने हैं। नदियाँ पर्वतों के ढालों पर नीचे की ओर बहती हैं तथा उन्हें अपरदित कर देती हैं। वे अपरदित पदार्थों को अपने साथ आगे की ओर ले जाती हैं। अपने साथ ढोए जाने वाले पदार्थों जैसे पत्थर, बालू तथा सिल्ट को वे घाटियों में निक्षेपित कर देती हैं। इन्हीं निक्षेपों से मैदानों का निर्माण होता है।

1 / 5

नदियां बहती है

2 / 5

अधिकांश मैदानी भाग बने होते हैं

3 / 5

मैदानों का निर्माण होता है

4 / 5

अपरदित पदार्थों के उदाहरण हैं

5 / 5

मैदानी भाग समुद्र तल से.........से अधिक ऊंचे नहीं होते हैं।

Your score is

The average score is 65%

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गद्यांश  2

राणा प्रताप मेवाड़ के राजा थे। उन्होंने अपने देश की स्वतन्त्रता के लिए बहुत कष्ट उठाए। मुगल सम्राट् अकबर की सेना ने उन्हें हल्दीघाटी के युद्ध में हरा दिया। अतः वे जंगलों में रहने लगे और उनके बच्चे भूखों मरने लगे। अपने बच्चों को भूखा देखकर वे बहुत दुःखी हुए और उन्होंने अपने देश को छोड़ने का निश्चय कर लिया। उसी समय उनका मंत्री भामाशाह उनके पास पहुंचा। उसने उन्हें बहुत सा धन दिया। तब उन्होंने पुनः एक सेना इकट्ठी की। उन्होंने अपने शत्रु पर आक्रमण किया। कुछ समय के पश्चात् उन्होंने अपना खोया हुआ राज्य पुनः प्राप्त कर लिया।
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2821

गद्यांश 2

1 / 5

राणा प्रताप कहाँ के राजा थे ?

2 / 5

भामाशाह कौन था ?

3 / 5

उनके कष्ट उठाने का क्या कारण था ?

(B) अपने देश की स्वतंत्रता के लिए

(C) राज्य प्राप्त करने के लिए (D) युद्ध जीतने के लिए

4 / 5

राणा प्रताप ने देश छोड़ने का निश्चय क्यों किया है?

5 / 5

भामाशाह ने राणा प्रताप के लिए क्या सहायता की ?

Your score is

The average score is 67%

0%

गद्यांश  3

बालको, तुमने बालगंगाधर तिलक का नाम अवश्य सुना होगा। वे वचपन से ही पढ़ने में अधिक तेज थे। जब वे बड़े हुए, तो उन्हें अपने देश की दशा देखकर बड़ा दुःख हुआ। उस समय भारतवर्ष अंग्रेजों की दासता में जकड़ा हुआ था। उन्होंने दृढ़ प्रतिज्ञा की कि वे देश को स्वतन्त्र कराएंगे। इसके लिए उन्होंने पूरे देश का भ्रमण किया और सब प्रकार के व्यक्तियों से बातचीत की। अंग्रेजों ने उन्हें बड़ा कष्ट दिया और कई वर्षों तक उन्हें जेल में रखा। इस पर भी तिलकजी ने हिम्मत न छोड़ी। उन्होंने स्वराज्य के आन्दोलन को ऐसा संगठित किया कि अंग्रेज घबरा गए। एक सफल राजनीतिज्ञ के अतिरिक्त तिलकजी एक अच्छे वक्ता, लेखक व पत्रकार भी थे।
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2122

गद्यांश 3

1 / 5

बाल गंगाधर तिलक पढ़ने में थे?

2 / 5

भारतवर्ष किसका गुलाम था ?

3 / 5

स्वराज्य के आन्दोलन से कौन घबरा गए ?

4 / 5

बालगंगाधर तिलक को अपने देश की दुर्दशा को देखकर कबदुःख हुआ ?

5 / 5

बालगंगाधर तिलक एक-

Your score is

The average score is 73%

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गद्यांश  4

हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ था. अतीत के भारत और आज के भारत में बड़ा अन्तर है. प्राचीनकाल में हम सम्पन्न थे. देश में धन-धान्य की कमी नहीं थी. लोग थोड़ा खाते थे, किन्तु सुखी थे. आज सुख सुविधाएँ अनेक हैं, फिर भी देश में अन्धकार-ही-अन्धकार छाया हुआ है. हमारी बढ़ती जनसंख्या और साम्प्रदायिक दंगे दो प्रमुख समस्याएँ हैं, हमें इन्हें सुलझाना है. जब तक प्रत्येक देशवासी इसके लिए प्रयास नहीं करेगा, तब तक यह समस्या सुलझ नहीं सकती. आओ हम प्रतिज्ञा करें कि हम देश में शांति बनाए रखने का हर प्रकार से प्रयत्न करेंगे.
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गद्यांश  4

जवाहर नवोदय विद्यालय 

1 / 5

हमारा देश कब स्वतंत्र हुआ ?

2 / 5

हमारे देश में सुख-सुविधाएँ होते हुए भी समस्याएँ क्यों बनी हुई हैं?

3 / 5

इन समस्याओं को सुलझाने के लिए क्या करना चाहिए?

4 / 5

देश में शान्ति बनाए रखने के लिए किसको प्रतिज्ञा करनी होगी ?

5 / 5

 देश में सुख शान्ति के लिए क्या करना होगा ?

Your score is

The average score is 75%

0%

गद्यांश  5

प्रातः जल्दी उठने का एक बड़ा लाभ यह है कि इससे दैनिक कार्य का प्रारम्भ अच्छी तरह होता है. देर से सोकर उठने वालों के जागने से पहले ही जल्द जागने वाला व्यक्ति ढेर सारा कठिन कार्य निपटा चुका होता है. प्रातःवेला में मस्तिष्क भी तरोताजा रहता है। तथा हमारा ध्यान वांटने वाले किसी प्रकार के व्यवधान नहीं होते हैं. अतः सुबह के समय किया गया कार्य अच्छी तरह होता है, बहुत से जल्द उठने वाले लोगों को तो प्रातःकाल की शुद्ध वायु में व्यायाम करने का समय भी मिल जाता है और यह व्यायाम उन्हें शाम तक (सारे दिन) चुस्त बनाए रखता है. प्रातः जल्दी उठने का एक अन्य लाभ यह है कि व्यक्ति को कार्य करने के लिए अधिक समय मिल जाता है और उसे किसी भी कार्य में जल्दबाजी दिखाने की आवश्यकता नहीं होती है. उसका सभी कार्य यथा समय सम्पन्न हो जाता है तथा उसे आराम व मनोरंजन का पर्याप्त समय भी मिल जाता है. इसके अतिरिक्त जल्दी उठने वाला व्यक्ति अपना दिनभर का कार्य यथा समय समाप्त करके जल्दी सोने के लिए जा सकता है. इस प्रकार वह पर्याप्त रूप से सो लेता है तथा अपना स्वास्थ्य अच्छा बनाए रखता है. ठीक ही कहा गया है, "जल्द सोना जल्द उठना मनुष्य को स्वस्थ, सम्पन्न और बुद्धिमान बनाता है." 
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1625

गद्यांश 5

जवाहर नवोदय विद्यालय मॉडल टेस्ट

1 / 5

जल्द जागने वाला व्यक्ति

2 / 5

दैनिक कार्य का प्रारम्भ अच्छी तरह होता है?

3 / 5

शरीर की चुस्त बनाने के लिए व्यक्ति की करना चाहिए

4 / 5

प्रातःसुबह उठने वाला व्यक्ति

5 / 5

स्वस्थ सम्पन्न और बुद्धिमान बनाता है

Your score is

The average score is 72%

0%

गद्यांश  6

पृथ्वी तल सदा बदलता रहता है। आज उसका जो भाग जल में डूबा हुआ है, शायद अनेक वर्ष समुद्र से ऊपर रहा होगा। सीपियाँ जो कभी पानी के नीचे रही होंगी आज बहुत ऊँचे स्थलों पर पाई जाती हैं। हिमालय पर्वत की अनेक चोटियों के समीप हमें ऐसी चट्टानें मिलती हैं, जो समुद्र तल में पाए जाने वाले पदार्थ से बनी हुई हैं। इसका यह अर्थ हुआ कि कभी हिमालय समुद्र में डूबा हुआ था। नदियाँ अपने साथ मिट्टी बहा ले जाती हैं और चट्टानों को घिसती जाती हैं। हवाएँ रेत और धूल को उड़ा ले जाती हैं। कभी-कभी पृथ्वी तल का एक भाग धीरे-धीरे ऊपर उठता है या धीरे-धीरे नीचे चला जाता है। ऐसी घटनाएँ अधिकतर होती ही रहती हैं और धीरे-धीरे पृथ्वी तल को बदलती रहती हैं। किन्तु जब कभी भूकम्प आता है तो पृथ्वी तल में अचानक परिवर्तन आ जाता है।
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1436

गद्यांश 6

जवाहर नवोदय विद्यालय मॉ

1 / 5

पृथ्वी तल में परिवर्तन घटित होते हैं

2 / 5

पृथ्वी तल में परिवर्तन

3 / 5

सीपियाँ जो कभी पानी के नीचे थीं, आज पहाड़ों परपाई जाती हैं। इससे यह लगता है कि

4 / 5

स्थल का अर्थ होगा

5 / 5

इस अनुच्छेद के लिए सबसे उपयुक्त शीर्षक कौन-सा है?

Your score is

The average score is 43%

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गद्यांश  7

जब भारत में रेल यातायात शुरू करने की बात उठी तो कई लोगों ने इसे पैसे की बर्बादी बताया। कई अंग्रेजों ने तो साफ कह दिया कि भारत में ट्रेन शुरू कर भी दी तो भला इसमें सफर करेगा कौन? बैलगाड़ी में सफर करने वाले हिन्दुस्तानी शायद ही रेलगाड़ी में बैठना चाहें। भारत में रेलगाड़ी चलाने का निर्णय ईस्ट इण्डिया कम्पनी के लन्दन स्थित कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स ने वर्ष 1844 में लिया था। उसके 9 साल बाद पहली रेलगाड़ी चली। दिलचस्प बात यह है कि तत्कालीन गवर्नर जनरल ने 7 मई, 1845 को कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स को पत्र लिखा उसके जवाब में कहा गया कि भारत के मौसम को देखते हुए रेल लाइन के निर्माण को सीमित तौर पर शुरू किया जाए। कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स का ख्याल था कि बारिश, जलभराव, तेज हवाओं के चलने, तपते हुए। सूरज की किरणों आदि को देखते हुए रेल निर्माण कार्य सीमित रखा जाए। लॉर्ड डलहौजी ने इन्जीनियरी सलाहकार कर्नल कैनेडी की सलाह पर जुलाई, 1850 को हावड़ा पाण्डुआ के बीच प्रयोग के तौर पर दोहरी रेल लाइन बिछाने की मंजूरी दी।

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995

गद्यांश 7

जवाहर नवोदय विद्यालय मॉडल टेस्ट

1 / 5

भारत में रेल यातयात शुरू करने की बात उठी तो कई लोगोंने इसे क्या कहा?

2 / 5

हावड़ा-पाण्डुआ के बीच प्रयोग के तौर पर दोहरी रेल लाइन बिछाने की मंजूरी कब दी गई?

3 / 5

सीमित का विलोम होगा

4 / 5

लन्दन स्थित कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स ने 1844 ई. में क्यानिर्णय लिया?

5 / 5

 तत्कालीन गवर्नर- र-जनरल ने 7 मई, 1845 को किसको पत्रलिखा?

Your score is

The average score is 77%

0%

गद्यांश  8

दीना ने एक हजार रुपये गिनकर टोपी में रख दिए। एक रूमाल में रोटियाँ रखीं, पानी की बोतल ली और फावड़ा भी ले लिया। धोती कसकर, आस्तीनें चढ़ाकर चलने को तैयार हो गया। पहले वह यह तय नहीं कर पा रहा था कि किस दिशा में चला जाए? पूर्व दिशा में सूर्य निकल रहा था। वह अपना समय नष्ट नहीं करना चाहता था। बस पूर्व दिशा की ओर चल पड़ा। एक किलोमीटर चलने के बाद उसके शरीर में फुर्ती आई और वह तेज चाल से चलने लगा। लगभग पाँच किलोमीटर चलने के बाद उसने पीछे मुड़कर देखा। टीला
 और उस पर खड़े आदमी उसे अभी दिखाई दे रहे थे। अब धूप में गर्मी आने लगी थी। उसे खाने की याद आई पर उसने खाना नहीं खाया। उसे तो बस आगे बढ़ने की धुन सवार थी। उसने अपने जूतों को उतारकर धोती में खोंस लिया और तेजी से आगे चलने लगा।
 काफी चलने के बाद उसने पीछे मुड़कर देखा, तो टीला बड़ी कठिनाई से दिखाई दे रहा था। उस पर खड़े हुए लोग चीटियों के समान लग रहे थे। वह काफी थक चुका था। पानी पीकर वह बाईं ओर मुड़ा। वहाँ बहुत ही अच्छी और उपजाऊ जमीन थी। दोपहर हो रही थी और सूरज उसके सिर पर था। एक पेड़ के नीचे वह थोड़ा आराम करने बैठ गया। रोटी खाई और पानी पिया। कुछ देर में उसे नींद आ गई।
953

गद्यांश 8

जवाहर नवोदय विद्यालय

1 / 5

 इस अनुच्छेद का शीर्षक क्या होना चाहिए?

2 / 5

दीना ने एक हजार रुपये कहाँ रखे?

3 / 5

 एक किलोमीटर चलने के बाद उसको कैसा लगा?

4 / 5

टीले पर खड़े लोग चीटियों के समान दिखाई दे रहे थे

5 / 5

बहुत ही उपजाऊ भूमि थी

Your score is

The average score is 59%

0%

गद्यांश  9

ईश्वरचन्द्र विद्यासागर संस्कृत के पण्डित थे। उनकी ख्याति का कारण केवल उनका ज्ञान ही नहीं था, बल्कि सदाचार भी था। वे अपनी विनम्रता, परोपकार, सच्चाई आदि गुणों से सभी के प्रिय बन गए थे। ऐसे ही एक बार कलकत्ता के संस्कृत कॉलेज में संस्कृत व्याकरण पढ़ाने के लिए एक अध्यापक का स्थान रिक्त हुआ। स्वाभाविक था कि कॉलेज के प्राचार्य को सर्वप्रथम ईश्वरचन्द्र का ध्यान आया। उन्होंने ईश्वरचन्द्र के पास पत्र भिजवाया। उस पत्र में उन्होंने आग्रह किया कि वे संस्कृत अध्यापक का पद ग्रहण करें। इससे कॉलेज गौरवान्वित होगा। ईश्वरचन्द्र ने पत्र पढ़ा, एक क्षण विचार किया और अपनी असहमति लिखकर भेज दी। उन्होंने लिखा, आपको व्याकरण के एक निपुण अध्यापक की आवश्यकता है। मैं सोचता हूँ कि व्याकरण में मैं इस योग्य नहीं हूँ। इस विषय में मुझसे अधिक विद्वान् मेरे मित्र तारक वाचस्पति हैं। यदि आप उनकी नियुक्ति कर सकें तो मुझे बहुत खुशी होगी कि आपने एक योग्य व्यक्ति का चुनाव किया है। ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के प्रस्ताव को कॉलेज की प्रबन्ध समिति ने सहर्ष मान लिया। 
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गद्यांश  9

जवाहर नवोदय विद्यालय

1 / 5

ख्याति का पर्यायवाची होगा

2 / 5

कहाँ के संस्कृत कॉलेज में संस्कृत व्याकरण पढ़ाने के लिए एक अध्यापक का स्थान रिक्त हुआ?

3 / 5

ईश्वरचन्द्र विद्यासागर किस विषय के पण्डित थे?

4 / 5

विद्यासागर ने किसका नाम संस्कृत व्याकरण के शिक्षक के रूप में प्राचार्य को सुझाया?

5 / 5

कॉलेज में किसको सर्वप्रथम ईश्वरचन्द्र का ख्याल शिक्षकके लिए आया?

Your score is

The average score is 61%

0%

गद्यांश  10

आज हमारे जीवन और समाज के सभी क्षेत्रों में जो अनेक प्रकार की बुराइयाँ, अनेक तरह के अत्याचार, अन्याय,
आपाधापी और अराजकता विद्यमान है। उन बुराइयों में छूत की बीमारी की तरह निरन्तर बढ़ती ही जा रही है
जिसका एक नाम है-मिलावट। मिलावट का सामान्य अर्थ हैं प्राकृतिक तत्त्वों, त्त्वों पदार्थों में बाहरी, बनावटी या अन्य
तत्त्वों-त्त्वों पदार्थों का मिश्रण कर देना। इस बात की चिन्ता किए बिना कि ऐसा करने का परिणाम कितना घातक,
कितना जानलेवा साबित हो सकता है। अधिक-से-अधिक मुनाफा कमा कर रातो-रात धन्ना सेठ बन जाने के सपने
देखने वाले लोग ही अक्सर इस तरह के कुकृत्य किया करते है। आज शायद ही बाजार मे कोई चीज शुद्ध मिलती
हो। पहले दूध में पानी. शुद्ध घी मे चर्बी मिला ने की बात सुना करते थे, आज तो हर चीज मिलावट वाली हो गई है।
स्वार्थी लोग सीमेण्ट मे राख, चाय मे रंगा हुआ लकड़ी का बुरादा, जीरे मे लीद, केसर मे सन के रेशे रंग कर और
खाने के रंगों में लाल-पीली मिट्टी मिलाने लगे है।
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गद्यांश  10

जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा

1 / 5

सन के रेशे को किस रंग में रंगकर केशर में मिलाया जाता है ?

2 / 5

‘‘जो केवल अपने हित के लिए काम करता है।’’ इस वाक्य के लिए एक शब्द है-

3 / 5

 किस बुराई को छूत के बीमारी की संज्ञा दी गई है ?

4 / 5

घी में कौन सी वस्तु मिलाई जा सकती है ?

5 / 5

मिलावट क्यों की जाती है ?

Your score is

The average score is 68%

0%

गद्यांश  11

हमारे देश में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण सभी बच्चों को पर्याप्त शिक्षा नहीं मिल पा रही है क्योंकिक्यों
हमारे देश में स्कूल, कॉलेज इतने अधिक उपलब्ध नहीं है जिनमें सभी पढ़ सकें। ऐसे में यदि हम ऑनलाइन शिक्षा
के विकल्प की तरफ जाएं तो इस तरह से स्कूलों पर भी दबाव कम होगा और अभिभावकों का भी। स्कूलों में
दाखिले लेने की अफरा-तफरी खत्म हो जाएगी। मौजूदा समय में विश्व भर में कोरोना महामारी के कारण सभी
स्कूल, कॉलेज एवं शिक्षण संस्थान बंद है जिसके कारण ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा बच्चों की पढ़ाई बिना रुकावट के
जारी हो रही है जो कि छात्रों की शिक्षा के लिए अत्यंत अनिवार्य था। ऑनलाइन शिक्षा प्रणा ली की सबसे बड़ी चुनौती
है गांवों में खराब इंटरनेट कनेक्शन, प्रैक्टिकल करना संभव नहीं, हीं हर छात्र के पास लैपटॉप, कंप्यूटर और फोन नहीं
होता है। लेकिन अगर हम ऑनलाइन शिक्षा के फायदे की बात करे तो सबसे बड़ा लाभ यह है कि यहां पर अपनी
पढ़ाई पर अधिक फो कस करने का मौका मिलता है, संकोच और तनाव कम होता है, सीखने की क्षमता में
अत्यधिक सुधार एवं पैसे कमं खर्च करने होते हैं।
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गद्यांश  11

जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा

1 / 5

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे नहीं है -

2 / 5

ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प से अभिभावकों का ............. होगा।

3 / 5

मौजूदा समय में शिक्षण संस्थान बंद है क्योंकि-

4 / 5

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी दोष है -

5 / 5

‘‘अभिभावक’’ का तातपर्य है -

Your score is

The average score is 59%

0%

गद्यांश 12

शीला को रात का आकाश देखना अच्छा लगता है। रात में बहुत सारे तारे चमकते हैं। कभीकभी, वह अपने पिताजी के कंधों पर चढ़ जाती। उसे लगता वह राजकुमारी है और तारों के और निकट बैठी है। एक दिन दोपहरबाद उसके पिता ने कहा, “हम समुद्रतट को जाने वाले हैं। क्या यह मजेदार नहीं है?” शीला खुश नहीं थी। अगले दिन सुबह वे समुद्रतट को गए और शीला ने सीपियाँ इकट्ठी कीं। शीला को एक अनूठी चीज मिली। यह बड़े संतरी रंग के गुदगुदे तारेसी लग रही थी। क्या यह आकाश से गिरा? और यह चमक क्यों नहीं रहा है? “यह तारा नहीं है” उसके पिता मुस्कुराए। “यह तारामीन है। यह समुद्र में रहती है।” शीला ने तारामीन को समुद्र में रख दिया। वे लहरें देखते रहे जो तारामीन को वापिस समुद्र की ओर को बहा ले गईं। इसके बाद शीला और तारामीनों को ढूँढने लगी। उसे तारे और तारामीन दोनों पसन्द हैं। उसने समुद्रतट पर लाने के लिए अपने पिता को धन्यवाद दिया।
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गद्यांश 12

जवाहर नवोदय परीक्षा

1 / 5

‘अनूठी’ का क्या अर्थ है?

2 / 5

आपके विचार से शीला क्या है?

3 / 5

शीला को क्या करना पसन्द नहीं था?

4 / 5

शीला ने समुद्रतट पर क्या किया?

5 / 5

तारामीन के बारे में कौनसा कथन सत्य है?

Your score is

The average score is 62%

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गद्यांश 13

एक शेर अपनी गुफा में लेटा था। उसने बड़ा आहार कर लिया था औरउसे नींद आ रही थी। थोड़ी देर में वह सो गया। एक छोटा चूहा भागता हुआ गुफा में पहुँचा और इधरउधर दौड़ता रहा। वह कुछ खाना ढूँढ़ रहा था। उसने शेर को देखा और उसकी पूँछ से खेलने लगा। वह शेर । की पीठ पर दौड़ने लगा। अचानक शेर जाग गया। उसने अपने को झटका और छोटे चूहे को देखा। “तुम मेरी पीठ पर कूद रहे थे” शेर ने कहा, “तुमने मेरी पूँछ से खेला और मेरे कान खींचे। मुझे बहुत क्रोध आया है। मैं तुम्हें खाने वाला हूँ।” शेर ने चूहे को अपने बड़े पंजों में उठा लिया। “नहीं, श्रीमान शेरजी,” चूहा बोला, “मुझे मत खाइए। एक दिन मैं । आपकी मदद करूँगा।” “यह बात बड़ी मज़ेदार है,” शेर ने कहा, एक छोटासा चूहा बड़े शेर की मदद नहीं कर सकता। फिर भी तुम भाग जाओ। आज मुझे भूख नहीं है। अगले दिन चूहे ने शेर को देखा। वह एक शिकारी के जाल में फँसा था। चूहा दौड़कर शेर के पास पहुँचा। “मैं आपकी मदद करूँगा,” उसने कहा। पूरी रात चूहे ने जाल को काटा और उसमें बड़ासा छेद कर दिया। शेर बाहर निकल आया। उसने कहा, “धन्यवाद मेरे मित्र। अब मैं समझ गया हूँ कि यदि कोई छोटा और कमजोर भी हो तो भी वह किसी बड़े और बलवान की मदद कर सकता है।”
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गद्यांश 13

जवाहर नवोदय परीक्षा

1 / 5

शेर ने क्यों कहा, “यह बात बड़ी मजेदार है।”?

2 / 5

इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

3 / 5

चूहा इधरउधर क्यों दौड़ रहा था?

4 / 5

चूहे ने जब शेर को देखा तो क्या किया?

5 / 5

शेर को नींद क्यों आ रही थी?

Your score is

The average score is 69%

0%

गद्यांश 14

द्वीप में उगने वाली छोटी घास तथा कँटीली पत्तियों को बकरियाँ चरती थीं। कुछ मुर्गियाँ उनका पीछा करती थीं। वहाँ एक तरबूजों का और एक सब्जियों का खेत था। द्वीप के बीच में एक पीपल का पेड़ था। यह वहाँ अकेला पेड़ था। बड़ी बाढ़ के दिनों में भी जबकि पूरा द्वीप पानी में डूब गया था, पेड़ दृढ़ता से खड़ा रहा। यह बूढ़ा पेड़ था। लगभग पचास वर्ष पूर्व बलशाली हवाएँ एक बीज को वहाँ उड़ाकर ले गईं, उसे दो चट्टानों के बीच शरण मिल गई, वहाँ उसने जड़ें जमा दीं और एक छोटे परिवार को छाया और शरण देने के लिए वह बड़ा हो गया।
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गद्यांश 14

जवाहर नवोदय परीक्षा

1 / 5

पीपल का पेड़ किसने लगाया?

2 / 5

‘शरण’ का अर्थ है

3 / 5

बकरियाँ क्या खाती थीं?

4 / 5

पीपल का पेड़ कितना पुराना था?

 

5 / 5

द्वीप पर कौन रहता था?

Your score is

The average score is 70%

0%

गद्यांश 15

कुछ लेखक कहते हैं कि शेर ऐसे दहाड़ता है कि उसकी दहाड़ की आवाज एक बार में दोतीन दिशाओं से आती प्रतीत होती है। यह बात वैसी असम्भव नहीं है, जैसी लगती है, क्योंकि पक्षियों की और कीटों की बहुत सी प्रजातियों में यही चकित कर देने वाली शक्ति होती है। स्पष्ट है कि यदि शेर के पास भी यह शक्ति है, तो उसके लिए बहुत उपयोगी है। वह अपने शिकार को रात में आतंक की स्थिति में डाल देगा और वे इससे डरकर उससे दूर भागने के बदले अपने शिकारी की ओर ही भाग सकते हैं।
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गद्यांश 15

जवाहर नवोदय परीक्षा

1 / 5

‘बहुत’ का पर्यायवाची है

2 / 5

आतंक का अर्थ है ………… का भाव।

3 / 5

शेर की दहाड़ आती हुई लगती है

4 / 5

बहुत से ………… के पास यही शक्ति होती है।

5 / 5

यह अद्भुत शक्ति शेर के लिए इस रूप में उपयोगी हो सकती है कि उसका शिकार

Your score is

The average score is 65%

0%

गद्यांश 16

एक गरीब लकड़हारा रोज जंगल में लकड़ियाँ काटता और बेचकर अपने परिवार की गुजर-बसर करता था. एक
दिन अचानक उसकी कुल्हाड़ी नदी में जा गिरी. वह दुः खी होकर भगवान से प्रार्थना करने लगा कि वे उसकी
कुल्हाड़ी किसी तरह उसे वापस दिला दें. लकड़हारे की सच्चे मन से की गई प्रार्थना सुनकर भगवान प्रकट हुए और
नदी के पानी से एक चाँदी की कुल्हाड़ी बाहर निकाली और लकड़हारे से पूछा, क्या ये तुम्हारी कुल्हाड़ी है ?
लकड़हारा बोला, “नहीं भगवान, ये मेरी कुल्हा ड़ी नहीं है.” भगवान ने पुनः पानी से सोने की कुल्हाड़ी निकाली और
उससे पूछा, क्या ये तुम्हारी कुल्हाड़ी है ?” वह बोला, “नहीं भगवान ये सोने की कुल्हा ड़ी है इससे लकड़ियाँ नहीं
कटती. ये मेरे किसी का म की नहीं है. मेरी कुल्हाड़ी तो लोहे की है.” भगवान मुस्कुराये और पानी में हाथ डालकर
कुल्हाड़ी निकाली वह लोहे की थी. इस बार कुल्हाड़ी देख लकड़हारा प्रसन्न हो गया और बोला, “भगवान, यही मेरी
कुल्हाड़ी है। भगवान उसकी ईमानदारी देख बहुत प्रसन्न हुए और बोले, “पुत्र! मैं तुम्हारी ईमानदारी से अत्यंत प्रसन्न
हूँ. इसलिए तुम्हें लोहे की कुल्हाड़ी के साथ सोने और चाँदी की कुल्हाड़ी भी देता हूँ.”
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गद्यांश 16

1 / 5

लकड़हारा पेड़ काटने कहाँ जाता था ?

2 / 5

लकड़हारा अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे करता था ?

3 / 5

लकड़हारा कब प्रशन्न हो गया ?

4 / 5

भगवान ने लकड़हारे को कितनी कुल्हाड़ी दी ?

5 / 5

 भगवान कब प्रशन्न हुए ?

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गद्यांश 17

इंजन या मोटर उस यंत्र या मशीन (या उसके भाग) को कहते हैं जिसकी सहायता से किसी भी प्रकार की ऊर्जा का
यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरण होता है। इंजन की इस यांत्रिक ऊर्जा का उपयोग, कार्य करने के लिए किया जाता है।
अर्थात् इंजन रासायनिक ऊर्जा, विद्यु त ऊर्जा, गतिज ऊर्जा या ऊष्मीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलने का कार्य
करता है। सूर्य की प्रका श से सोलर ऊर्जा को विद्यु त ऊर्जा में बदल कर मोटर की सहायता से यांत्रिक ऊर्जा प्राप्त
की जाती है । जब जेम्स वाट ने भाप की शक्ति से चलनेवाला पहला इंजन बनाया तब रेलगाड़ी का जन्म हुआ। भारत
में 1856 में पहली रेलगाडी 32 कि.मी. का सफर तय करती हुई मुंबई से थाणे के बीच चली । इसके बाद रेल सेवा
का विस्तार होता गया । हजारों कि.मी. की रेल की पटरियाँ बिछाई गई 
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गद्यांश 17

1 / 5

विद्युत  ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करता है-

2 / 5

भाप से चलनेवाला इंजन किसने बनाया ?

3 / 5

भारत में सबसे पहले कितने कि.मी. की रेल की पटरियाँ बिछाई गई ?

4 / 5

प्रकाश ऊर्जा को विद्यु त ऊर्जा में बदलने वाला उपकरण है-

5 / 5

सफर का पर्यायवाची है-

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गद्यांश 18

सभी लोग वस्त्र पहनते हैं । वस्त्र मौसम तथा ऋतु के अनुकूल होते हैं। दर्जी अलग- अलग व्यक्तियों के अनुरूप
वस्त्र सिलकर समाज की मदद करता है । वह वस्त्रों पर कारीगरी करता है जिससे पोशा क सुंदर दिखाई देने लगती
है । दर्जी का काम बहुत मेहनत का है। वह सिलाई मशीन एवं अन्य औजारों को रखता है । कैंची, सुई – धागा, माप
लेने का फीता, स्केल, पैंसिपैं ल, हैंगर आदि उपकरणों को हमेशा रखता है । वह वस्त्रों को मापता है । वह व्यक्ति की
सही माप लेता है और वस्त्रों पर या रसीद बही पर उस माप को दर्ज कर लेता है । वस्त्रों की सिलाई पूर्ण होने पर
वह उनमें बटन आदि लगाने का काम हाथों से करता है । अंत में वह वस्त्रों पर इस्तरी करता है और वस्त्रों को
मोड़कर हैंगर पर लटका देता है । उसकी मेहनत से तैयार शोभायुक्त वस्त्रों को पहनकर व्यक्ति स्वयं को
गौरवान्वित समझता है ।
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गद्यांश 18

1 / 5

वस्त्र को सिलने का काम कौन करता है ? 

2 / 5

दर्जी के किस कार्य से वस्त्र सुन्दर दिखाई देता है ?

3 / 5

दर्जी कौन सा काम हाथों से नहीं करता ?

4 / 5

दर्जी, व्यक्ति का सही माप लेने के लिए कौनसा औजार का उपयोग करता है ?

5 / 5

अनुच्छेद में दर्जी के लिए कौनसा सर्वनाम शब्द आया है ?

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गद्यांश 19

समोसा दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है। इस लज़ीज़ त्रिभुजाकार व्यंजन को आटा या मैदा तथा आलू के
साथ बनाया जाता है और चटनी के साथ परोसा जाता है। ऐसा माना जाता है कि समोसे की उत्पत्ति उत्तरी भारत में
हुई और फिर यह धीरे-धीरे आस-पास के क्षेत्रों में भी काफी लोकप्रिय हुआ। यह भी माना जाता है कि समोसा
मध्यपूर्व से भारत आया और धीरे-धीरे भारत के रंग में रंग गया। कुछ इतिहासकारों का कहना है कि दसवीं शताब्दी
में मध्य एशिया में समोसा एक व्यंजन के रूप में सामने आया था। महान कवि अमीर खुसरो (1253-1325) ने एक
जगह जिक्र किया है कि दिल्ली सल्तनत में समोसा शाही परिवार के सदस्यों व अमीरों का प्रिय व्यंजन था। 14 वीं
शताब्दी में भारत यात्रा पर आये इब्नबतूता ने मो. बिन तुगलक के दरबार का वृतांत देते हुए लिखा कि दरबार में
भोजन के दौरान मसालेदार मीट, मूंगफली और बादाम स्टफ करके तैयार किया गया लजीज समोसा परोसा गया।
यही नहीं 16 हीं वीं शताब्दी के मुगलकालीन दस्तावेज आईने अकबरी में भी समोसे का जिक्र मिलता है।
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गद्यांश 19

1 / 5

समोसा की उत्पत्ति कहाँँ हुई ?

2 / 5

समोसा एक व्यंजन के रूप में कब सामने आया ?

3 / 5

महान कवि अमीर खुसरों का जन्म कब हुआ था ?

4 / 5

16वीं शताब्दी के मुगलकाल में समोसे का जिक्र कहाँ मिलता है ?

5 / 5

निम्न में से "व्यंजन" का अर्थ नहीं है –

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गद्यांश 20

 “भाई, जब तुम जानते हो की जो टूट गया, वह जुटता नहीं, तो तुझको यह भी मालूम होगा कि जिन निर्दोष व्यक्तियों  को तुम मर डालते हो वे जीवित नहीं हो सकते। जब मरनेवाले को तुम जिन्दा नहीं कर सकते तो उन्हें मरते ही क्यों हो ? इससे तुमको क्या मिलता है? इस तरह लोगों  दहशत क्यों फैलाते हो? बच्चो को अनाथ क्यों बनाते हो? स्त्रियों को विधवा क्यों बनाते हो? माता-पिता को पुत्रहीन क्यों बनाते हो, यह मार, काट, यह आतंक, ये सब तोडना ही तो है|”
अँगुलीमाल बुद्ध  गिर पड़ा। उसकी आँखों से पश्चाताप  के आँसू बहने लगे। गौतम बुद्ध ने प्यार से उसके माथे पर हाथ फेरा, उठाकर गले लगाया और साथ लेकर आगे बढ़ गए। आगे-आगे बुध और पीछे-पीछे अंगुलीमाल।
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गद्यांश 20

1 / 5

बच्चो को कौन  अनाथ बनाता  था ?

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 किसने पश्चाताप के आंसू बहाए ?

3 / 5

अंगुलीमाल को किसने समझाया ?

4 / 5

दहशत फैलाने का क्या अर्थ है?

5 / 5

पश्चाताप का क्या अर्थ है ?

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