शिक्षा के क्षेत्र में विकास राष्ट्र के लिए सबसे अहम विकास होता है शिक्षा के क्षेत्र को आगे बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में नई एजुकेशन पॉलिसी लांच की गई थी जिसके अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव किए गए हैं न्यू एजुकेशन पॉलिसी के सफल क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार विभिन्न प्रयास कर रही है इन्हीं प्रयासों के चलते भारत सरकार द्वारा निपुण भारत योजना की शुरुआत की गई है जिसके माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता के ज्ञान को छात्रों तक पहुंचाना ही इस योजना का लक्ष्य है यदि आप भी NIPUN Bharat Mission के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े हैं क्योंकि हम अपने इस लेख के माध्यम से इस योजना से संबंधित सभी जानकारी जैसे योजना का परिचय, कार्यान्वयन प्रक्रिया, उद्देश्य, विशेषताएं आदि प्रदान करेंगे।
Nipun Bharat Mission Logo
निपुण भारत मिशन कार्यक्रम || Nipun Bharat Mission in Hindi
नई शिक्षा नीति -2020 के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए 5 जुलाई 2021 को भारत के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के द्वारा “निपुण भारत कार्यक्रम” की शुरुआत की गई | निपुण (NIPUN) का अर्थ है National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy अर्थात ‘संख्यात्मक ज्ञान के साथ, पठन में निपुणता के लिये राष्ट्रीय पहल’ | यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं को पूरा करना ।
इस योजना के माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता (अंकगणित ) के ज्ञान को छात्रों तक पहुंचाये जाने का लक्ष्य है | निपुण योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं बुनियादी अंकगणित (Basic Numeracy) को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी। इस योजना का कार्यान्वयन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस योजना को केंद्र प्रायोजित योजना ‘समग्र शिक्षा अभियान’ के तत्वावधान में शुरू किया गया है | इस लेख में आप निपुण भारत कार्यक्रम की जानकारी पा सकते हैं |
निपुण भारत मिशन कार्यक्रम का कार्यान्वयन
- निपुण भारत कार्यक्रम को स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा 5 चरणों में लागू किया जाएगा | ये 5 स्तर हैं – राष्ट्र, राज्य, जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तर ।
- चूँकि इस अभियान की सफलता मुख्यतः शिक्षकों पर निर्भर होगी अतः शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए इसमें विशेष प्रावधान किये गये हैं |
- इस योजना में बच्चों के समग्र विकास पर जोर दिया जाएगा |
- उन्हें प्रतियोगिता के लिए तैयार करना और उनमे सृजनात्मकता का पोषण करना इस योजना का लक्ष्य है |
नई शिक्षा नीति 2020 क्या है ?
शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक सुधार और शिक्षा को चारदीवारी से बाहर निकाल कर बच्चों के समग्र विकास के उद्देश्य से 2020 में नई शिक्षा नीति लागू की गई है | इस योजना में बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने तथा शिक्षा को उनके लिए रुचिकर बनाने का लक्ष्य रखा गया है |
नई शिक्षा नीति में 5+3+3+4 पद्धित पर शैक्षणिक संरचना को निर्धारित किया गया है जिसमे 3 से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चों को शामिल किया गया है। 5+3+3+4 पद्धित का अर्थ है :
- 5 वर्ष की बुनियादी शिक्षा (3 वर्ष की प्री-प्राथमिक शिक्षा और वर्ग 1 व 2 )
- 3 वर्ष का प्रीपेट्रेरी स्तर (वर्ग 3 से 5)
- 3 वर्ष का मध्य (या उच्च प्राथमिक) स्तर (वर्ग 6 से 8 ) और,
- 4 वर्ष का उच (सेकेंडरी ) स्तर (वर्ग 9 से 12 ).
कक्षा-5 तक की शिक्षा में मातृभाषा/स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा को ही अध्ययन के माध्यम के रूप में अपनाने पर बल दिया गया है | साथ ही सूचना तकनीक (IT) के माध्यम से बच्चों को डिजिटल शिक्षा भी दी जाएगी | इसके लिए स्कूलों में आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए वित्त्पोषण का भी प्रावधान है | विद्यालयों में सभी स्तरों पर छात्रों को बागवानी, नियमित रूप से खेल-कूद, योग, नृत्य व कलाओं का ज्ञान प्रदान करने का प्रयत्न किया जाएगा ताकि बच्चे शिक्षित के साथ साथ स्वस्थ भी रह सकें। NCERT के द्वारा स्कूली शिक्षा के लिये राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी । इस नीति की एक अहम विशेषता यह है कि वर्ष 2030 तक अध्यापन के लिये न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत बी.एड. डिग्री का होना अनिवार्य कर दिया जाएगा । ध्यातव्य है कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत एम.फिल. (Master of Philosophy) के कोर्स को समाप्त कर दिया गया है ।
नोट : उल्लेखनीय है कि नई शिक्षा नीति की रुपरेखा कस्तूरीरंगन समिति ने तैयार की थी और श्री के.कस्तूरीरंगन को ही राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रुपरेखा, NCF, तैयार करने वाली समिति का भी अध्यक्ष बनाया गया है | (के . कस्तूरीरंगन ISRO से सम्बद्ध प्रसिद्द भारतीय वैज्ञानिक व शिक्षाविद हैं ) |
समग्र शिक्षा अभियान क्या है ?
भारत सरकार के द्वारा पहले से चलाई जा रही 3 शैक्षणिक योजनाओं : ‘सर्व शिक्षा अभियान’ (SSA), ‘राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान’ (RMSA) और ‘शिक्षक शिक्षा योजना ’ (TE) को एक में समाहित कर समग्र शिक्षा योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना को समग्र शिक्षा अभियान 2.0 भी कहा जाता है |
2018 में प्रारम्भ यह योजना एक एकीकृत योजना है, जिसमें प्री-स्कूल से लेकर 12वीं कक्षा तक की शिक्षा को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य समावेशी, न्यायसंगत और सुगम स्कूली शिक्षा प्रदान करना है। इस योजना में लगभग 11 लाख स्कूल, 15 करोड़ से अधिक छात्र और सरकारी तथा सहायता प्राप्त स्कूलों के लगभग 60 लाख शिक्षक शामिल हैं। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसमे केंद्र सरकार व राज्य सरकार के बीच 60:40 के अनुपात में वित्तपोषण का प्रावधान है । ( पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 का होगा जबकि ऐसे केंद्रशासित प्रदेश जहाँ विधायिका नहीं है , यह 100% केंद्र सरकार द्वारा पोषित होगा )
निपुण भारत योजना को शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5 जुलाई 2021 को आरंभ किया गया है। इस योजना का पूरा नाम नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी है। इस योजना के माध्यम से सक्षम वातावरण का निर्माण किया जाएगा। जिसके माध्यम से आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के ज्ञान को छात्रों को प्रदान किया जा सकेगा। निपुण योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी। इस योजना का कार्यान्वयन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा।
यह NIPUN Bharat स्कूली शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्त्रीय तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह 5 स्तरीय तंत्र राष्ट्रीय-राज्य-जिला-ब्लाक-स्कूल स्तर पर संचालित किया जाएगा। इस योजना का शुभारंभ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए किया गया है
योजना का नाम | NIPUN Bharat |
योजना का प्रकार | केंद्र सरकार योजना |
आरम्भ की तिथि | 5 जुलाई 2021 |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.education.gov.in/en |
निपुण भारत गाइडलाइन्स | यह क्लिक करे |
निपुण भारत मिशन पीडीऍफ़ इन हिंदी || निपुण भारत स्लोगन || nipun bharat mission in hindi || निपुण भारत लक्ष्य
NIPUN Bharat Mission का उद्देश्य
निपुण भारत योजना का मुख्य उद्देश्य आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त के ज्ञान को छात्रों के अंतर्गत विकसित करना है। इस योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक तीसरी कक्षा के अंत तक छात्र को पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्राप्त होगी। यह योजना बच्चों के विकास के लिए बहुत कारगर साबित होगी। निपुण भारत योजना के माध्यम से अब बच्चे समय से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। जिससे की उनका मानसिक एवं शारीरिक विकास होगा। NIPUN Bharat का संचालन शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। यह योजना स्कूली शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी। इस योजना को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आरंभ किया गया है। निपुण भारत योजना के माध्यम से बच्चे संख्या, माप और आकार के क्षेत्र के तर्क को भी समझ पाएंगे
आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता क्या होती है?
आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता उस कौशल तथा रणनीति को कहते हैं जिसके माध्यम से छात्र पढ़ने, लिखने बोलने और व्याख्या करने में सक्षम होते हैं। आधारभूत साक्षरता भविष्य में शिक्षा प्राप्त करने का आधार बनती है। वह सभी बच्चे जो कक्षा तीन तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्यामक्त कौशल प्राप्त करने में सफल रहते हैं उन्हें आने वाली कक्षाओं के पाठ्यक्रम को पढ़ने में आसानी होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय द्वारा निपुण भारत योजना का शुभारंभ किया गया है। NIPUN Bharat के माध्यम से आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकत को तीसरी कक्षा के छात्रों के अंतर्गत विकास किया जाएगा। जिससे कि आने वाले समय में उनको शिक्षा प्राप्त करने में किसी भी बाधा का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा निपुण योजना के अंतर्गत निम्नलिखित क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
- स्कूली शिक्षा
- शिक्षक क्षमता निर्माण
- उच्च गुणवत्ता और विविध छात्र और शिक्षक संसाधनों/शिक्षण सामग्री के विकास
- शिक्षा के प्रति बच्चों की प्रगति पर नजर रखना आदि
NIPUN Bharat Mission आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता के प्रकार
मूलभूत भाषा एवं साक्षरता
- मौखिक भाषा का विकास
- धवनियात्मक जागरूकता
- डिकोडिंग
- शब्दावली
- रीडिंग कंप्रीहेंशन
- पठन प्रवाह
- प्रिंट के बारे में अवधारणा
- लेखन
- कल्चर ऑफ रीडिंग
मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल
- पूर्व संख्या अवधारणाएं
- नंबर एंड ऑपरेशन ऑन नंबर
- गणितीय तकनीकें
- मापन
- आकार एवं स्थानिक समाज
- पैटर्न
NIPUN Bharat Mission के भाग
निपुण भारत योजना को सरकार द्वारा 17 भागों में विभाजित किया गया है। यह भाग कुछ इस प्रकार है।
- परिचय
- मूलभूत भाषा और साक्षरता को समझना
- मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल
- योग्यता आधारित शिक्षा की ओर स्थानांतरण
- शिक्षा और सीखना: बच्चों की क्षमता और विकास पर ध्यान
- लर्निंग एसेसमेंट
- शिक्षण -अधिगम प्रक्रिया: शिक्षक की भूमिका
- स्कूल की तैयारी
- राष्ट्रीय मिशन: पहलू एवं दृष्टिकोण
- मिशन की सामरिक योजना
- मिशन कार्यान्वयन में विभिन्न हितग्राहीको की भूमिका
- SCERT और DIET के माध्यम से शैक्षणिक साहित्य
- दीक्षा/NDEAR: का लाभ उठाना: डिजिटल संसाधनों का भंडार
- माता पिता एवं सामुदायिक जुड़ाव
- निगरानी और सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा
- मिशन की स्थिरता
- अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजी करण की आवश्यकता
NIPUN Bharat Mission योजना के अंतर्गत मूलभूत भाषा और साक्षरता की समझ
बच्चों के अंतर्गत मूलभूत भाषा एवं साक्षरता की समझ होना बहुत महत्वपूर्ण है। जिसके माध्यम से वह भविष्य में बेहतर शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे। एनसीईआरटी द्वारा एक सर्वे का आयोजन किया गया था। जिसके माध्यम से यह पता लगा था कि बच्चे पांचवी कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी पाठ को समझकर पढ़ने में सक्षम नहीं होते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए निपर्ण भारत योजना के अंतर्गत मूलभूत भाषा और साक्षरता की समझ पर ध्यान देने का निर्णय लिया गया है। जिससे कि बच्चे आने वाले समय में समझ कर शिक्षा को प्राप्त कर सकें। इस योजना के माध्यम से पढ़ाई की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
मूलभूत भाषा एवं साक्षरता की आवश्यकता
- भविष्य में बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए भाषा, साक्षरता एवं गणितीय कौशल की एक मजबूत नींव का प्रारंभिक वर्षों में विकास करना।
- छात्रों के मस्तिष्क के विकास के लिए प्रारंभिक साक्षरता विकास की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
- मथुरा पायलट प्रोजेक्ट के निष्कर्षों के अंतर्गत छात्रों को मूलभूत भाषा एवं साक्षरता प्रदान करने के बाद बच्चे समझ के साथ पढ़ सकते थे।
- बच्चों के मस्तिष्क का 85% विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है जिस वजह से प्रारंभिक मूलभूत भाषा एवं साक्षरता उनको प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है।
प्रमभिक भाषा और साक्षरता
भाषा केवल बोलने, सुनने, पढ़ने और लिखने से कहीं बढ़कर है। भाषा के माध्यम से एक व्यक्ति संचार, सोचा दुनिया की समझ बना सकता है। प्रारंभिक स्तर पर छात्रों के लिए भाषा की समझ होना बहुत महत्वपूर्ण है। भाषा को समझने के लिए निम्नलिखित भाग को समझना महत्वपूर्ण है।
- पढ़ने एवं लिखने की समझ
- कक्षा में लिखने की अवधारणा
- प्रारंभिक शिक्षा की अवधि के दौरान लिखने का कौशल इमर्जेंट राइटिंग, कन्वेंशनल राइटिंग एवं राइटिंग कंपोजिशन के माध्यम से विकसित करना
मूलभूत भाषा एवं साक्षरता के प्रमुख घटक
- मौखिक भाषा का विकास
- रीडिंग कंप्रीहेंशन
- प्रिंट के बारे में अवधारणा
- लेखन
- शब्दावली
- धावनी के माध्यम से जागरूकता
- डिकोडिंग
- पढ़ने का प्रभाव
- पढ़ने की संस्कृति
भाषा और साक्षरता विकास को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम
- एक प्रिंट समृद्धि वातावरण बनाना
- ऊंचे स्वर में पढ़ना
- कहानियां एवं कविताएं सुनना, बताना और लिखना
- सॉन्ग एंड राइम्स
- अनुभव साझा करना
- ड्रामा और रोल प्ले
- पिक्चर रीडिंग
- शेयर ट्रेडिंग
- कक्षा की दीवारों का उपयोग करना
- अनुभव आधारित लेखन
- मिड डे मील
मूलभूत संख्यामक और गणित कौशल
मूलभूत संख्यामकता एवं गणित कौशल का अर्थ होता है दैनिक जीवन की समस्याओं का समाधान करने में तर्क करने और संख्यामकता अवधारणा को लागू करने की क्षमता। छात्रों के अंदर संख्या बोध एवं स्थानीय समझ तब विकसित होती है जब वह निम्नलिखित कौशल प्राप्त कर लेते हैं।
- मात्राओं की समझ
- कम या ज्यादा एवं छोटा या बड़ा की समझ विकसित करना
- एकल वस्तु एवं वस्तुओं के समूह के बीच संबंध स्थापित करने की क्षमता
- मात्राओं का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रतियों का उपयोग करना
- संख्याओं की तुलना करना आदि
प्रारंभिक गणित कौशल की आवश्यकता
- दैनिक जीवन में तार्किक सोच और तर्क को विकसित करना
- संख्याओं और स्थानिक समझ का दैनिक जीवन में उपयोग
- प्रारंभिक वर्षों के दौरान गणितीय नीव का महत्व
- आधारभूत संख्यमकता का रोजगार में एवं घरेलू स्तर पर योगदान
प्रारंभिक गणित के प्रमुख घटक
- फ्री नंबर अवधारणाएं
- नंबर एंड ऑपरेशन ऑन नंबर
- आकार एवं स्थानिक समझ
- माप तोल
- पैटर्न
- डाटा संधारण
- गणितीय संचार
मूलभूत गणितीय कौशल को बढ़ाने के लिए शैक्षणिक प्रक्रिया
- सहयोग पूर्ण शिक्षा प्राप्त करना
- बच्चों की गलतियों को समझना
- गणित को आनंद ले कर पढ़ना
- गणितीय रूप से संचार करना
- गणित को अन्य विषयों के साथ जोड़ना
- गणित को दैनिक जीवन के साथ जोड़ना आदि
Q & A
निपुण भारत मिशन 2022 की शुरुआत कब हुई ?
NIPUN भारत को शिक्षा विभाग द्वारा 5 जुलाई 2021 को आरम्भ किया गया।
NIPUN Bharat को आरम्भ करने का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
इस योजना को आरम्भ करने का मुख्य उद्देश्य प्री-स्कूल (ग्रेड-3) के 4 से 10 वर्ष की आयु छात्रों को आधारभूत साक्षारता और संखायात्मकता ज्ञान प्रदान कर उन्हें लिखना, पढ़ना व अंकगणित करने की क्षमता में वर्ष 2026-2027 तक बढ़ावा देना है।
निपुण भारत योजना के अंतर्गत कौनसी कक्षाएं शामिल हैं ?
निपुण भारत योजना के अंतर्गत प्री स्कूल 1, प्री स्कूल 2 और प्री स्कूल 3 (बाल वाटिका) के बाद ग्रेड 1, ग्रेड – 2 और ग्रेड 3 की कक्षायें शामिल हैं।
निपुण भारत का फुल फॉर्म क्या है?
(NIPUN Full Form), NIPUN का फुल फॉर्म National lnitiative For Proficiency in Reading with understanding and Numeracy होता है।
निपुण भारत मिशन कब शुरू हुआ?
भारत केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में विकास के लिए NIPUN Bharat Yojana 2022 की शुरुआत की है। निपुण भारत की शुरुआत 5 जुलाई 2021 में की गयी है। NIPUN Bharat Mission का पूरा नाम (National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy) है।
निपुण भारत के तीन प्रमुख लक्ष्य कौन से हैं?
उद्देश्य: आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के सार्वभौमिक अधिग्रहण को सुनिश्चित करने के लिये एक सक्षम वातावरण बनाना ताकि ग्रेड 3 का प्रत्येक बच्चा वर्ष 2026-27 तक पढ़ने, लिखने और अंकगणित में वांछित सीखने की क्षमता प्राप्त कर सके।
दीक्षा का फुल फॉर्म क्या है?
Diksha Full form in Education “Digital Infrastructure for Knowledge Sharing ” होता है और हिंदी मे Diksha ka full form और Meaning ज्ञान साझा करने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर होता है
FLN मिशन कौन सी पहल है?
एफएलएन क्या है : एफएलएन एक राष्ट्रीय मिशन है जिसका अर्थ होता है-मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता (Foundation Literacy and Numeracy–FLN) एफएलएन को भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के निपुण भारत मिशन के अंतर्गत लागू किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य वर्ष 3 से 9 तक आयु वर्ग के सभी बच्चों का समग्र विकास करना है।
निपुण भारत मिशन किस आयु वर्ग के बालकों के लिए है ?
निपुण भारत मिशन बाल वाटिका से कक्षा ३ तक के बच्चों क लिए विशिष्ट रूप ,में है। जिनकी आयु 5 वर्ष से 8-9 वर्ष तक की होती है।