NISHTHA 3.0 FLN Online Course Answer Key | निष्ठा FLN प्रशिक्षण मॉड्यूल-10 प्रश्नोत्तरी || Nishtha FLN 3.0 Module 10 Answer Key
Nishtha FLN 3.0 Module 10 Answer Key
मॉड्यूल का नाम :- “बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान हेतु विद्यालय नेतृत्व”
Module 8 (Diksha Link) : https://diksha.gov.in/learn/course/do_31346447963829862411425
Note:- निष्ठा मॉड्यूल – 10 प्रश्नोत्तरी में 70% अंक प्राप्त करने पर ही प्रमाण पत्र प्राप्त होगा | आप जितनी बार प्रश्नोत्तरी हल करेंगे, हर बार कुछ प्रश्न बदल जायेंगे | उनके विकल्पों का क्रम भी बदल जाएगा |
Start Date : 01 February 2022 | End Date: 28 February 2022 |
NISHTHA 3.0 FLN Online Course Answer Key | निष्ठा FLN प्रशिक्षण मॉड्यूल-10 प्रश्नोत्तरी || Nishtha FLN 3.0 Module 10 Answer Key
प्रश्न (1) : बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के संदर्भ में विद्यालय विकास योजना हेतु इनमें से क्या आवश्यक है?
- प्रशासनिक कार्य
- 3-9 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की विकास संबंधी आवश्यकताओं की योजना बनाना
- विद्यालय का तकनीकी उन्नयन
- स्टाफ़ का व्यावसायिक विकास
प्रश्न (2) : एक शिक्षाशास्त्रीय नेतृत्वकर्ता की भूमिका है।
- बच्चों के लिए विभिन्न शैक्षणिक अभ्यासों पर शिक्षकों को प्रशिक्षित करना
- बच्चों को अनुशासित करना
- अभिभावक को गलत सूचना प्रदान करना
- ग्रेड देने के क्रम में बच्चों का आकलन करना
प्रश्न (3) : निम्नलिखित में से कौन-सा बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान का विकासात्मक लक्ष्य नहीं है?
- बच्चों का प्रभावी पाठक बनना
- बच्चों का प्रभावी संचारक बनना
- बच्चों का संबद्ध विद्यार्थी बनना और तात्कालिक माहौल से जुड़ना
- बच्चों का स्वास्थ्य और कल्याण बनाए रखना
प्रश्न (4) : 3-9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के साथ व्यवहार करते समय एक नेतृत्वकर्ता का सही रवैया क्या होना चाहिए?
- भेदभावपूर्ण रवैया
- कठोर व्यवहार
- सख्त आचरण
- सकारात्मक और लचीली मानसिकता
प्रश्न (5) : शिक्षाशास्त्रीय नेतृत्व विशेषज्ञता का एक व्यापक क्षेत्र है जिसमें एक नेतृत्वकर्ता के पास……. होने की आवश्यकता होती है
- 3-9 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए उपयोगी शिक्षाशास्त्रों का गहन ज्ञान
- 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए लेन-देन परक शिक्षाशास्त्र का ज्ञान
- प्राथमिक कक्षा के शिक्षण विषयों की समझ
- प्रयोगात्मक मॉडल की समझ
प्रश्न (6) : विज़न के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?
- विज़न स्टेटमेंट में भविष्य के प्रयोजनों की झलक मिलनी चाहिए
- विज़न को एक दिशा में होना चाहिए
- भविष्य दृष्टि की कोई निर्दिष्ट समय-सीमा नहीं होती है
- विज़न मूल्य संचालित होना चाहिए
प्रश्न (7) : परिवर्तनकारी नेतृत्व के लिए इनमें से कौन-सा सही नहीं है?
- एक साझी विज़न का निर्माण
- शिक्षकों का व्यावसायिक विकास
- वित्तीय प्रबंधन
- शिक्षकों को प्रेरित करना
प्रश्न (8) : विद्यालय किस प्रकार विभिन्न परिवारों को बाल शिक्षा में शामिल नहीं कर सकते हैं?
- परिवारों के साथ जानकारी और ज़िम्मेदारी साझा करके
- परिवारों की आवश्यकताओं को संबोधित करके
- विद्यार्थियों को केवल गृहकार्य देकर
- परिवारों के साथ जुड़ाव पर भरोसा करके
प्रश्न (9) : नेतृत्व के किस मॉडल में, बच्चों की सांस्कृतिक और भाषाई पृष्ठभूमि के आधार पर विद्यालयी प्रक्रियाओं को निर्मित करने की बात की जाती है
- नवाचारी नेतृत्व
- रणनीतिक नेतृत्व
- संदर्भ-विशिष्ट नेतृत्व
- अकादमिक नेतृत्व
प्रश्न (10) : एक नेतृत्वकर्ता का वह गुण, जो प्रारंभिक स्तर पर सीखने के लिए उपयुक्त नहीं है
- भरोसा पैदा करना
- सत्तावादी होना
- बच्चे को केंद्र में रखना
- लचीली मानसिकता
प्रश्न (11) : एक बच्चा अपने बाएँ हाथ से लिखता है और इस तरह काम करने में सहज है, उसे चाहिए
- दाएँ हाथ से लिखने के लिए तैयार करना
- चिकित्सा सहायता लेने के लिए भेजना
- हतोत्साहित करना
- उसकी पसंद को प्रोत्साहित करना
प्रश्न (12) : बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान की अवधारणा…. बच्चों पर लागू होती है।
- 3-9 वर्ष आयु वर्ग के
- 6-14 वर्ष आयु वर्ग के
- 5-13 वर्ष आयु वर्ग के
- 3-10 वर्ष आयु वर्ग के
प्रश्न (13) : बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (एफ.एल.एन.) को सुदृढ़ करने हेतु विद्यालय नेतृत्व के लिए कौन-सा मॉडल उपयुक्त नहीं है?
- परिवर्तनकारी नेतृत्व
- अनुकूलक नेतृत्व
- सहयोगात्मक नेतृत्व
- अकादमिक नेतृत्व
प्रश्न (14) : इनमें से कौन सी अवधारणा विद्यालयों में बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान (FLN) के नेतृत्व हेतु प्रासंगिक नहीं है?
- बच्चे प्रेरित विद्यार्थी बनते हैं
- समुदाय और अभिभावक के साथ संवाद नहीं करना
- सांस्कृतिक रूप से उत्तरदायी शिक्षण संसाधनों के प्रभावी उपयोग को सक्षम करना
- 3-9 वर्ष आयु वर्ग के लिए प्रासंगिक शिक्षाशास्त्र पर शिक्षकों की कोचिंग
प्रश्न (15) : हितधारकों के साथ सहयोगात्मक प्रक्रिया….. प्रोत्साहित कर सकती हैं।
- बच्चों की पढ़ने की आदतों को
- शिक्षकों के बीच समय की पाबंदी को
- विद्यार्थियों के बीच रचनात्मकता को
- विद्यार्थियों के सीखने के प्रतिफलों हेतु साझा जवाबदेही को
प्रश्न (16) : शिक्षकों को नयी जानकारी प्रस्तुत करनी चाहिए और इसे उन चीजों के साथ जोड़ना चाहिए, जिन्हें बच्चे
- पहले से ही जानते हैं
- नहीं जानते हैं
- जानना नहीं चाहते हैं
- सीखने के लिए प्रतिरोधी हैं
प्रश्न (17) : 3-9 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए इनमें से कौन-सा शिक्षाशास्त्र प्रासंगिक नहीं है?
- खेलपरक
- सुकरात संवाद
- गतिविधि आधारित
- खिलौना आधारित
प्रश्न (18) : एक नेतृत्वकर्ता 3-6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को के माध्यम से संलग्न कर सकता है।
- व्याख्यान विधि
- प्रदर्शन विधि
- खेल आधारित शिक्षाशास्त्र
- वैज्ञानिक प्रयोगों
प्रश्न (19) : विद्यालय नेतृत्व कर सकता है –
- बच्चों के बीच सुदृढ़ प्रारंभिक अधिगम क्षमता का निर्माण
- विद्यालय प्रमुख के दिन-प्रतिदिन के प्रबंधन में मदद
- विद्यालय प्रमुख में अनुशासन लाना
- शिक्षक प्रबंधन में सहायता
प्रश्न (20) : इनमें से कौन विद्यालय-परिवार-समुदाय के बीच एक प्रकार की भागीदारी नहीं है?
- संचार करना
- पालन-पोषण करना
- सहभागिता करना
- स्वयंसेवा (वालंटियर) करना
प्रश्न (21) : इनमें से कौन शिक्षाशास्त्रीय नेतृत्व के ढांचे का हिस्सा नहीं है?
- सीखने-सिखाने की प्रक्रियाओं को सक्षम करना
- विज्ञान प्रयोगशालाओं में प्रयोगों का नेतृत्व करना
- विज़न एवं पाठ्यचर्या लक्ष्यों को परिभाषित करना
- हितधारकों के साथ नेटवर्क बनाना
प्रश्न (22) : इनमें से किसे एक “प्रवेश द्वार कौशल” के रूप में माना जा सकता है जो औपचारिक विद्यालयी शिक्षा प्रक्रियाओं में बच्चे के प्रवेश को चिह्नित करता है?
- प्रारंभिक पठन एवं लेखन कौशल
- प्रारंभिक साक्षरता और संख्या ज्ञान कौशल
- प्रारंभिक बोलने के कौशल
- प्रारंभिक गणितीय कौशल
प्रश्न (23) : निम्नलिखित में से कौन ‘लर्निंग एट होम’ (घर पर सीखना) की भागीदारी के प्रकार में शामिल नहीं है?
- बच्चों की सीखने की ज़रूरतों, रुचियों और ताकतों के बारे में समझने में अभिभावक की मदद करना
- यदि अभिभावक निरक्षर हैं, तो उनके साथ भेदभाव करना
- शिक्षकों का अभिभावक के साथ चर्चा करना कि वे घर पर सीखने का माहौल कैसे बना सकते हैं
- अभिभावक के साथ उन गतिविधियों की एक सूची साझा करना, जो वह सीखने में सहायता के लिए घर पर कर सकते हैं
प्रश्न (24) : 3-9 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के सीखने के आकलन हेतु उपयुक्त रणनीतियों में से एक होगी
- बच्चों को निर्धारित दिनचर्या का पालन करने के लिए कहना
- मासिक परीक्षण करना
- चित्रात्मक जानकारी एकत्र करना
- विविध गतिविधियां करते हुए बच्चों का अवलोकन करना
प्रश्न (25) : नेतृत्वकर्ता पूर्व-प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के साथ प्रभावी संबंध कैसे बना सकता है?
- बच्चों की विकासात्मक आवश्यकताओं के बारे में शिक्षकों के साथ चर्चा करके और योजना बनाकर
- शिक्षकों को एक सख्त दिनचर्या का पालन करने के लिए कहकर
- विद्यालय खाते का विवरण साझा करके
- शिक्षकों को 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करके
प्रश्न (26) : विद्यालय में प्रातःकाल आगमन समय को बनाये रखने के लिए पहली कक्षा के शिक्ष को कौन-सी रणनीति अपनानी चाहिए?
- देर से आने वालों को विद्यालय प्रमुख के कार्यालय में भेजना
- बच्चों के लिए सामूहिक पठन जैसे नियमित आगमन कार्यों की शुरुआत करना, ताकि उन्हें समय पर आने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके
- बच्चों को कुछ न कहना
- आगमन समय के आधार पर अंक पाने और खोने की प्रणाली
प्रश्न (27) : सहयोगात्मक नेतृत्व की विशेषताओं में से एक है –
- बच्चों का संज्ञानात्मक विकास
- बच्चों का सामाजिक-भावनात्मक विकास
- साक्षरता और संख्यात्मक विकास
- हितधारकों के बीच परस्पर विश्वास और सम्मान का निर्माण
प्रश्न (28) : बच्चों की तर्क करने और दैनिक जीवन में सरल संख्यात्मक अवधारणाओं को प्रयोग करने की क्षमता को …..के भाग के रूप में माना जा सकता है।
- प्रारंभिक साक्षरता
- प्रारंभिक संख्या ज्ञान
- प्रारंभिक श्रवण
- प्रारंभिक मापन
प्रश्न (29) : शिक्षाशास्त्रीय नेतृत्वकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी विद्यालयी प्रक्रियाओं में …………
- प्रधानाचार्य केंद्र में रहे
- शिक्षक केंद्र में रहे
- विद्यालय केंद्र में रहे
- बच्चे केंद्र में रहें
प्रश्न (30) : शिक्षाशास्त्रीय नेतृत्व सकारात्मक रूप से प्रभाव डालता है
- नेतृत्वकर्ता के कल्याण पर
- बच्चों की सीखने की क्षमता पर
- शिक्षक व्यवहार पर
- विद्यालय की चारदीवारी के निर्माण पर
प्रश्न (31) : निम्नलिखित में से कौन एक अनुकूलक नेतृत्वकर्ता की विशेषता नहीं है?
- लोगों की नहीं सुनना
- भरोसा पैदा करना
- प्रभाव डालना
- कठिन और बहुआयामी चुनौतियों का सामना करना
प्रश्न (32) : प्रभावी विद्यालय-अभिभावक के जुड़ाव में विश्वास करने वाले नेतृत्वकर्ताओं के यह कहने की अधिक संभावना है कि
- केवल अंग्रेजी बोलने वाले अभिभावक ही अपने बच्चों की मदद कर सकते हैं
- सभी अभिभावक अपने बच्चों का समर्थन कर सकते हैं
- केवल कुछ अभिभावक ही अपने बच्चों का समर्थन कर सकते हैं
- गरीब अभिभावक अपने बच्चों का समर्थन नहीं कर सकते
प्रश्न (33) : एक नेतृत्वकर्ता को 3-9 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के आकलन का आयोजन करना चाहिए
- उन्हें वर्गीकृत करने के लिए
- रैंक के अनुसार उन्हें रोक रखने के लिए
- उनकी ग्रेडिंग के लिए
- उनकी क्षमता, आवश्यकता और रुचियों का आकलन करने के लिए
प्रश्न (34) : सहयोगात्मक नेतृत्व की विशेषताओं में से एक है –
- हितधारकों के बीच परस्पर विश्वास और सम्मान का निर्माण
- साक्षरता और संख्यात्मक विकास
- बच्चों का सामाजिक-भावनात्मक विकास
- बच्चों का संज्ञानात्मक विकास
प्रश्न (35) : बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के संदर्भ में वयस्क और बच्चे के बीच क्या संबंध होना चाहिए?
- भयमुक्त और आनंदपूर्ण
- शिक्षक-विद्यार्थी
- भावनात्मक दूरी बनाए रखना
- अनुशासन परक
प्रश्न (36) : बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (एफ.एल.एन.) को सुदृढ़ करने हेतु विद्यालय नेतृत्व के लिए कौन-सा मॉडल उपयुक्त नहीं है?
- अनुकूलक नेतृत्व
- अकादमिक नेतृत्व
- परिवर्तनकारी नेतृत्व
- सहयोगात्मक नेतृत्व
प्रश्न (37) : कक्षा 3 बच्चों के लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण चरण है, क्योंकि यह बदलाव का प्रतीक है।
- ‘पढ़ने के लिए सीखना’ से ‘लिखने के लिए पढ़ना’ में
- ‘लिखने के लिए सीखना’ से ‘सीखने के लिए पढ़ना’ में
- ‘लिखने के लिए सीखना’ से ‘लिखने के लिए पढ़ना’ में
- ‘पढ़ने के लिए सीखना’ से ‘सीखने के लिए पढ़ना’ में
प्रश्न (38) : एक पाठ को सटीकता, गति, अभिव्यक्ति और समझ के साथ पढ़ने की क्षमता, जो बच्चों को पाठ से अर्थ निकालने के लिए सक्षम बनाना, कहलाता है।
- कूटवाचन (डिकोडिंग)
- पढ़ने की समझ
- धाराप्रवाह पढ़ना
- मौखिक भाषा विकास
प्रश्न (39) : ‘संचार’ की भागीदारी के प्रकार में शामिल है
- यह विश्वास करना कि अभिभावक बच्चों के सीखने को प्रोत्साहित नहीं कर सकते
- अभिभावक से बात न करना
- अभिभावक के साथ बच्चों के पोर्टफोलियो पर नियमित रूप से चर्चा करना
- अभिभावक को सूचित करना कि उनके बच्चे कार्य-प्रदर्शन में सक्षम नहीं हैं
प्रश्न (40) : उस पद को चिह्नित करें, जिसे विद्यालय में बच्चे की प्रगति में सीखने के अंतराल (लर्निंग गेप) को लगातार बढ़ने के रूप में समझा जा सकता है
- सीखने की क्षमता में संचयी कमी
- सीखने की क्षमता में कुल कमी
- पढ़ने की क्षमता में कुल कमी
- लिखने की क्षमता में संचयी कमी