नाम: | राष्ट्रीय मतदाता दिवस |
तिथि: | 25 जनवरी (वार्षिक) |
स्थापना: | वर्ष 2011 में |
पहली बार: | 25 जनवरी 2011 |
सम्बंधित संगठन: | भारतीय निर्वाचन आयोग |
13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस | 25 जनवरी 2023 को |
Table of Contents
राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल National voters service portal | Voter Portal Election Commission Of India |
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भारत में चुनाव का प्रमुख उत्तरदायित्व
- उल्लेखनीय है कि देश में चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी करने से लेकर परिणाम घोषित करने तक चुनाव आयोग की एक लंबी प्रक्रिया है। भारत जैसे विशाल एवं बड़ी आबादी वाले देश में चुनाव संपन्न कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। चुनाव आयोग पर धन-बल तथा बाहु-बल से निपटने की भी ज़िम्मेदारी होती है।
- वस्तुतः जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 11 और 62 के अनुसार, मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए एक साफ-सुथरी एवं त्रुटिमुक्त मतदाता सूची तैयार करना चुनाव आयोग की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है।
- ध्यातव्य है कि मतदाताओं को लामबंद करने का कार्य चुनाव प्रचार कर रहे विभिन्न राजनीतिक दलों पर छोड़ दिया जाता है। स्वाभाविक रूप से सभी राजनीतिक दल अपने-अपने हितों को साधने के लिये मतदाताओं को लुभाकर अपने पक्ष में मतदान करने के लिये भरपूर प्रयास करते हैं।
- इसी सन्दर्भ में चुनाव आयोग का दायित्व एवं जिम्मेदारी प्रमुख रूप से उभर कर सामने आती है| यह आयोग का उत्तरदायित्व होता है कि वह मतदाताओं को जागरूक कर उन्हें अपने मताधिकार का स्वतंत्र रूप से अनुपालन करने के लियेए प्रेरित करे।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का क्या महत्व है? | Importance of Rashtriya Matdata Diwas in Hindi
भारत एक प्रभु सम्पन्न लोकतांत्रिक देश है , जोकि विश्व में सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है। भारत में सभी व्यस्क (न्यूनतम 18 वर्ष की उम्र ) नागरिकों को वोट देने का अधिकार प्राप्त है, वोट देकर ही देश का नेतृत्व करने वाला नेता चुना जाता है, जो देश और यहाँ के नागरिकों की समस्याओं एवं परेशानियों का निवारण करता है।
यदि देश के नागरिक मतदान नहीं करेंगे तो यहाँ की लोकतांत्रिक व्यवस्था भंग हो सकती है और देश के विकास एवं प्रगति कार्य पर भी गहरा असर पड़ सकता है। ऐसे में लोगों के चुनावों के कम होते रुझान और जागरूकता की कमी को देखते हुए यह दिवस मनाना महत्वपूर्ण हो जाता है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास | Rashtriya Matdata Diwas History in Hindi
भारत में चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने से एक दिन पहले ही हो गई थी परंतु साल 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने निर्वाचन आयोग के 61वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर इसे हर साल राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की। जिसके बाद पहला मतदाता दिवस 25 जनवरी 2011 को मनाया गया।
इलेक्शन कमीशन पर देशभर में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की जिम्मेदारी होती है, ऐसे में वोटिंग प्रतिशत के लगातार घटते आंकड़ो पर विचार व्यक्त करते हुए इसे मनाने का पक्ष रखा गया था।
निर्वाचन आयोग क्या है?
भारत निर्वाचन आयोग, जिसे चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है, एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन करता है।
यह देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव का संचालन करता है।
पृष्ठभूमि
- भारतीय संविधान का भाग 15 चुनावों से संबंधित है जिसमें चुनावों के संचालन के लिये एक आयोग की स्थापना करने की बात कही गई है।
- चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 को संविधान के अनुसार की गई थी।
- संविधान के अनुच्छेद 324 से 329 तक चुनाव आयोग और सदस्यों की शक्तियों, कार्य, कार्यकाल, पात्रता आदि से संबंधित हैं।
संविधान में चुनावों से संबंधित अनुच्छेद
324 | चुनाव आयोग में चुनावों के लिये निहित दायित्व: अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण। |
325 | धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी व्यक्ति विशेष को मतदाता सूची में शामिल न करने और इनके आधार पर मतदान के लिये अयोग्य नहीं ठहराने का प्रावधान। |
326 | लोकसभा एवं प्रत्येक राज्य की विधानसभा के लिये निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा। |
327 | विधायिका द्वारा चुनाव के संबंध में संसद में कानून बनाने की शक्ति। |
328 | किसी राज्य के विधानमंडल को इसके चुनाव के लिये कानून बनाने की शक्ति। |
329 | चुनावी मामलों में अदालतों द्वारा हस्तक्षेप करने के लिये बार (BAR) |
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2024 की थीम | Rashtriya Matdata Diwas Theme 2024
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी आगामी 25 जनवरी 2024 को ‘वोट जैसा कुछ नही, वोट जरूर डालेंगे हम’ थीम पर जिला में 14वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन किया जाएगा।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 की थीम | Rashtriya Matdata Diwas Theme 2023
इस साल की थीम है ‘Nothing Like Voting, I Vote for Sure’ “वोटिंग बेमिसाल है, मैं अवश्य वोट देता हूं” भारत निर्वाचन आयोग 25 जनवरी 2023 को 13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु निर्वाचन आयोग द्वारा नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे इस राष्ट्रीय समारोह में मुख्य अतिथि होंगी। इससे पहले साल 2022 की थीम ‘चुनावों को समावेशी, सुगम और सहभागी बनाना’ (Making Elections Inclusive, Accessible and Participative) थी।
2021 की थीम ‘मतदाता बनें सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और जागरूक’ थी।
2020 की थीम ‘सशक्त लोकतंत्र के लिए निर्वाचन साक्षरता’ थी।
2019 की Theme ‘कोई मतदाता न छूटे‘ थी।
2018 का विषय ‘सुगम निर्वाचन‘ था।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस उद्देश्य | National Voters Day Objective in hindi
- भारत का लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है इसको देखते हुए मतदाता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
- इसका उप प्रमुख उद्देश्य सभी लोगों को अपने मतदान के प्रति जागरूक करना और निष्पक्ष होकर मतदान करने को लेकर प्रोत्साहित करना है।
- सभी 18 साल के हो चुके युवकों का मतदाता सूची में नाम जोड़ना और अपने वोट के प्रति उन्हें जागरूक करना वोटर डे का कार्यक्रम होना चाहिए।
- पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाना और एक भी मतदाता ना छूटे इस नारे को आगे बढ़ाना।
इस दिन मतदाताओं को जागरुक किया जाता है कि हर एक वोट देश की तरक्की के लिए जरूरी होता है। मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य पात्र मतदाताओं की पहचान कर उन्हें मत देने के लिए प्रोत्साहित करना है। लोकतांत्रिक देश के नागरिकों को उनके कर्तव्य को याद दिलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
भारत में प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) के स्थापना दिवस को राष्ट्रीय मतदाता दिवस (Voter’s Day) के रूप में मनाया जाता है, जिसका मकसद भारत के सभी मतदान योग्य मतदाताओं की पहचान करना और ऐसे लोगों का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करना और उन्हें पहचान पत्र सौंपना है जिनकी उम्र 1 जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी है।
इसके साथ ही नेशनल वोटर्स डे भारत के सभी युवाओं और पात्र नागरिकों को मतदान के प्रति जागरूक करता है, ताकि कोई मतदाता मतदान करने से ना चूकें और एक मतदाता बनने पर उन्हें गर्व के साथ शुभकामनाएं भी देता है।
लोकतांत्रिक देश भारत में मतदान एक त्यौहार के रूप में माना जाता है, परंतु लोकतंत्र के इस त्योहार में लोगों के कम होते रुझान और जागरूकता को देखते हुए इस महत्वपूर्ण दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया।
नेशनल वोटर डे कैसे मनाया जाता है? | How to Celebrate National Voters Day
राष्ट्रीय मतदाता जागरूकता प्रतियोगिता
इस खास मौके पर समस्त संस्थाओं , स्कूलों व् विश्व विद्यालयों में समारोह आयोजित कर मनाया जाता है, इसमें मतदान और मतदाता से जुड़ी कला, नृत्य, नाटक, संगीत एवं अन्य विषयों पर प्रतियोगिताएं एवं कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके आलावा विभिन्न राज्यों में मतदाता शपथ कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।
- क्विज़ (प्रश्नोत्तरी): क्विज प्रतियोगिता का उद्देश्य भारत की चुनावी प्रक्रिया के बारे में प्रतिभागियों के जागरूकता स्तर को परखना है। इसमें भूतदाताओं, मतदाता सूची, ईवीएम वीवीपैट निर्वाचन संबंधी कानून, ऐप और भारतीय चुनावों के इतिहास से संबंधित सवाल होंगे। प्रतियोगिता के तीन स्तर (आसान, मध्यम और कठिन) होंगे। इन तीनों स्तरों को पूरा करने के बाद प्रतिभागी ई-सर्टिफिकेट प्राप्त करेंगे।
- स्लोगन लेखन प्रतियोगिता: प्रतियोगिता में भाग लीजिए और लोगों को मतदान हेतु प्रेरित करने के लिए उपर्युक्त थीम पर स्लोगन लिखिए।
- गायन प्रतियोगिताः इस प्रतियोगिता का उद्देश्य गीत को माध्यम बनाकर आमजन की प्रतिभा को बढ़ावा देना है। गायन शास्त्रीय, समकालीन, रैंप आदि सहित किसी भी रूप में किया जा सकता है। प्रतिभागी उपर्युक्त थीम पर अपनी मूल रचनाएं साझा कर सकते हैं। कलाकार और गायक अपनी पसंद के किसी भी वाद्य यंत्र का उपयोग कर सकते हैं। गाने की अवधि 3 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- वीडियो मेकिंग प्रतियोगिता: यह प्रतियोगिता सभी कैमरा प्रेमियों को एक ऐसा वीडियो बनाने का अवसर देती है जो भारतीय चुनावों की विविधता एवं उसके सकारात्मक पहलुओं को बता सके। प्रतियोगिता के मुख्य विषय के अलावा, प्रतिभागी निम्नलिखित विषयों को भी केंद्र में रखकर वीडियो बना सकते हैं. जागरूक एवं नैतिक मतदान (प्रलोभन मुक्त मतदान) का महत्व और वोट का महत्व: महिलाओं, दिव्यांग मतदाताओं, वरिष्ठ नागरिकों, युवा मतदाताओं और पहली बार मतदाता बने मतदाताओं के लिए मतदान के महत्व का चित्रण प्रतिभागियों को उपर्युक्त में से किसी एक थीम पर एक वीडियो बनाना होगा। वीडियो की अवधि केवल एक मिनट की होनी चाहिये।
वीडियो, गायन एवं स्लोगन लेखन प्रतियोगिता के लिये प्रविष्टियाँ भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची के अंतर्गत आने वाली किसी भी आधिकारिक भाषा में दी जा सकती हैं।
- पोस्टर डिजाइन प्रतियोगिता: यह प्रतियोगिता उन कलाप्रेमियों के लिये है जो अपने भावों को रंगों के माध्यम से कागज़ पर या डिजिटली उकेर सकते हैं। प्रतिभागी दिये गये विषय पर डिजिटल पोस्टर, स्केच या हाथ से पेंट किये गये पोस्टर बनाकर भेज सकते हैं। यह पोस्टर अच्छे रिज़ोल्यूशन का होना चाहिये।
National Voters Day 2024 राष्ट्रीय मतदाता दिवस : राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की याद दिलाने का दिन कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है? Rashtriya Matdata Diwas 2024
राष्ट्रीय मतदाता दिवस स्लोगन, प्रतिज्ञा | National Voters Day Slogan
मतदाता रहे सावधान दारू और नोट से, राष्ट्रहित में सही नेता चुने अपने वोट से। |
घर घर साक्षरता के जानी है, हर एक नारी सक्षम बनानी है। Happy National Voters Day 2023 |
हम मतदाता की जिम्मेदारी, डालें वोट सभी नर-नारी। हैप्पी नेशनल वोटर्स डे २०२3 |
वोट करें वफादारी से, चयन करें समझदारी से। राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 |
शुरू हुआ मतदान जा त्योहार, अबकी बार किसकी सरकार। छोड़े न अपना अधिकार, मतदान करें चुने अच्छी सरकार।। |
काले धंधे पर करो जोरदार प्रहार, जाती धर्म के बटवारे की कर हार, करो मतदान देश का उपकार। |
शराब देख न आ जाए मुँह में लार, कुछ प्रलोभन से न हो जाना लाचार, स्वतंत्रता से करो तुम मत का इज़हार। |
राजनीति में न डालो व्याहार में दरार, विश्व में दे दो तुम अबकी बार यह तार, मतदान हो भारत में शत-प्रतिशत पार। |
इस बार लोकतंत्र की साख बचाना जरूरी, मतदाता राष्ट्र हित के लिये है रेशम की डोरी मत नहीं है मजबूरी, यह राष्ट्रीय हित की धूरी। |
आप सभी को मतदाता दिवस 2023 की हार्दिक शुभकामनाएं |
FAQ
Q : 25 जनवरी को ही क्यों होता है मतदाता दिवस?
राष्ट्रीय मतदाता दिवस को 25 जनवरी के ही दिन इस लिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन साल 1950 में चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी। चुनाव आयोग के 61 वें स्थापना दिवस के दिन मतदाता दिवस की शुरुआत की गई।
Q : राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब मनाया जाता है?
Q : 25 january ko kaun sa diwas manaya jata hai ?
Ans : पच्चीस जनवरी।
Q : राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब शुरू हुआ था?
Ans : 2011
Q : राष्ट्रीय मतदाता दिवस कैसे मनाया जाता है?
Ans : जागरूकता फैलाने से ले कर सम्मानित किए जाने वाले कार्यक्रमों का आयोजन कर के।
Q : राष्ट्रीय मतदाता दिवस के लिए पच्चीस जनवरी क्यों चुना गया?
Ans : चुनाव आयोग की संस्थापना इसी दिन हुई थी।
Q : क्या चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है?
Ans : हां।
Q : पहला राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब मनाया गया था
Ans : 25 जनवरी 2011