संज्ञा भाषा का एक महत्वपूर्ण घटक है संज्ञा की परिभाषा (Sangya Ki Paribhasha) जो हमें व्यक्ति, वस्तु, जाति, भाव और स्थान को पहचानने, वर्णन करने और संवाद करने में मदद करता है।

संज्ञा किसे कहते हैं (Sangya Kise Kahate Hain)

संज्ञा की परिभाषा (Sangya Ki Paribhasha)

किसी भी व्यक्ति, वस्तु, जाति, भाव या स्थान के नाम को ही संज्ञा कहते हैं। जैसे – मनुष्य (जाति), अमेरिका, भारत (स्थान), बचपन, मिठास(भाव), किताब, टेबल(वस्तु) आदि।

संज्ञा शब्द (Sangya Shabd)

संज्ञा शब्द (संज्ञा शब्द) वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, जाति, भाव या स्थान को प्रतिष्ठित करने के लिए प्रयुक्त होता है। यह शब्द वाक्य में मुख्य तत्व होता है और इसे सर्वनाम, क्रिया, अव्यय इत्यादि शब्द वर्गों से अलग करता है। संज्ञा शब्द द्वारा हम किसी व्यक्ति, वस्तु, जाति, भाव या स्थान को पहचान और संवाद करते हैं। यह शब्द वाक्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमें उन्हें अन्य शब्दों से भिन्न करने में मदद करता है।

संज्ञा के उदाहरण (Sangya Ke Udahran)

  • व्यक्ति का नाम – मोहन, रमेश, सुभाष, अजय, विराट कोहली, अनीता, नवदीप, राकेश, शंकर,रिता ,विक्रम
  • वस्तु का नाम –  किताब, कलम, गाड़ी, डंडा, चारपाई, कंघा , घड़ी ,टेबल
  • गुण का नाम –  सुन्दरता, बुद्धिमानी, ईमानदारी, बेईमानी, चालाकी
  • भाव का नाम – प्रेम, खुशी, ग़ुस्सा, आश्चर्य, दया, करूणा, क्रोध, आदर
  • स्थान का नाम – आगरा, दिल्ली, जयपुर , पार्क, स्कूल

संज्ञा के भेद (Sangya Ke Bhed)

संज्ञा के पांच भेद होते हैं:

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा

2. भाववाचक संज्ञा

3. जातिवाचक संज्ञा

4. द्रव्यवाचक संज्ञा

5. समूहवाचक या समुदायवाचक संज्ञा

व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं – Vyakti Vachak Sangya Kise Kahate Hain

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा

जो शब्द केवल एक व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध कराते हैं उन शब्दों को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- भारत, चीन (स्थान), किताब, साइकिल (वस्तु), सुरेश,रमेश,महात्मा गाँधी (व्यक्ति) आदि।

व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Vyakti Vachak Sangya Ke Udahran)

• रमेश बाहर खेल रहा है।

• महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट खेलते हैं।

• मैं भारत में रहता हूँ।

• महाभारत एक महान ग्रन्थ है।

• अमिताभ बच्चन कलाकार हैं।

ऊपर दिए गए वाक्यों में रमेश, महेंद्र सिंह धोनी, भारत, महाभारत, व अमिताभ बच्चन संज्ञा शब्द कहलायेंगे क्योंकि ये शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध कराते हैं।

जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं – Jativachak Sangya Kise Kahate Hain

2. जातिवाचक संज्ञा

जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की संपूर्ण जाति का बोध कराते हैं, उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- मोबाइल, टीवी (वस्तु), गाँव, स्कूल (स्थान), आदमी, जानवर (प्राणी) आदि।

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण – Jativachak Sangya Ke Udaharan

• स्कूल में बच्चे पढ़ते हैं।

• बिल्ली चूहे खाती है।

• पेड़ों पर पक्षी बैठे हैं।

ऊपर दिए गए वाक्यों में बच्चे, चूहे, पक्षी जातिवाचक संज्ञा शब्द कहलायेंगे क्योंकि ये किसी विशेष बच्चे या पक्षी का बोध न कराकर सभी बच्चो व पक्षियों का बोध करा रहे हैं।

भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं – Bhav vachak Sangya Kise Kahate Hain

3. भाववाचक संज्ञा 

जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, भाव या दशा,धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

यथा- बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि।

भाववाचक संज्ञा के उदाहरण – Bhav Vachak Sangya Ke Udaharan

• ज्यादा दोड़ने से मुझे थकान हो जाती है।

• लगातार परिश्रम करने से सफलता मिलेगी।

ऊपर दिए गए वाक्यों में थकान से थकने का भाव व सफलता से सफल होने का भाव व्यक्त हो रहा है इसलिए ये भाववाचक संज्ञा शब्द हैं।

द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं – Dravya Vachak Sangya Kise Kahate Hain

4. द्रव्यवाचक संज्ञा

जो शब्द किसी धातु या द्रव्य का बोध करते हैं, द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं।  जैसे- कोयला, पानी, तेल, घी आदि।

द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण – Dravya Vachak Sangya Ke Udaharan

• मेरे पास सोने के आभूषण हैं।

• एक किलो तेल लेकर आओ।

• मुझे दाल पसंद है।

ऊपर दिए गए वाक्यों में सोने, तेल और दाल शब्दों से किसी द्रव्य का बोध हो रहा है इसलिए ये द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं।

समूहवाचक संज्ञा किसे कहते हैं – Samuh Vachak Sangya Kise Kahate Hain

5. समूहवाचक संज्ञा 

जब किसी संज्ञा शब्द से व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है तब उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।

यथा- परिवार, कक्षा, सेना, भीड़, पुलिस आदि।

समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण – Samuh Vachak Sangya Ke Udaharan

• भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेना है।

• कल बस स्टैंड पर भीड़ जमा हो गयी।

मेरे परिवार में चार सदस्य हैं।

ऊपर दिए गए वाक्यों में सेना, भीड़ व परिवार एक समूह का बोध करा रहे हैं इसलिए ये समुदायवाचक संज्ञा कहलायेंगे।

Sangya Ki Paribhasha

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं – Vyakti Vachak Sangya Kise Kahate Hain

    उत्तर: व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं: व्यक्तिवाचक संज्ञा वह है जो शब्द केवल एक व्यक्ति की पहचान कराता है। यह शब्द किसी व्यक्ति को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है। व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द उस व्यक्ति की स्थिति, प्रोफेशन, नाम, उपाधि आदि को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त हो सकता है। इसे वाक्य में एक व्यक्ति को पहचानने के लिए प्रयोग किया जाता है।
    उदाहरण:
    राम
    श्याम
    मोहन
    सीता
    रवि
    गीता

  2.  भाववाचक संज्ञाओं की रचना किस प्रकार होती है ?

    उत्तर: भाववचाक संज्ञाएँ प्रायः पाँच प्रकार के शब्दों से बनाई जाती हैं –
    (i) संज्ञाओं से (ii) विशेषणों से (iii) सर्वनामों से (iv) क्रियाओं से (v) अव्यय शब्दों से ।

  3. संज्ञा क्या होती है?

    उत्तर: संज्ञा एक भाषा विज्ञानीय शब्द है जिसे किसी व्यक्ति, वस्तु, जाति, भाव या स्थान को पहचानने और पुकारने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

  4. संज्ञा के कितने भेद होते हैं?

    उत्तर: संज्ञा के पांच भेद होते हैं: व्यक्तिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, द्रव्यवाचक संज्ञा, समूहवाचक संज्ञा।

  5. व्यक्तिवाचक संज्ञा क्या होती है?

    उत्तर: व्यक्तिवाचक संज्ञा वह शब्द है जो केवल एक व्यक्ति की पहचान कराता है। इसे वाक्य में एक व्यक्ति को पहचानने के लिए प्रयोग किया जाता है।

  6. भाववाचक संज्ञा क्या होती है?

    उत्तर: भाववाचक संज्ञा वह शब्द है जिससे किसी पदार्थ की अवस्था, गुण, दोष, भाव या दशा का बोध होता है। इससे हम प्रतिष्ठा, रस, भाव, गुणधर्म आदि को व्यक्त करते हैं।

  7. जातिवाचक संज्ञा क्या होती है?

    उत्तर: जातिवाचक संज्ञा वह शब्द होता है जो किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की पूर्ण जाति का बोध कराता है। इससे हम किसी व्यक्ति या वस्तु की प्रकृति, स्वरूप या परिचय को समझते हैं।

  8. द्रव्यवाचक संज्ञा क्या होती है?

    उत्तर: द्रव्यवाचक संज्ञा वह शब्द होता है जो किसी धातु या द्रव्य का बोध कराता है। इससे हम किसी वस्तु के नाम और प्रकृति को समझते हैं।

  9. समूहवाचक संज्ञा क्या होती है?

    उत्तर: समूहवाचक संज्ञा वह शब्द होता है जो किसी समूह, समुदाय, संघ, गणना या संगठन का बोध कराता है। इससे हम समूह के सदस्यों, संगठन के नाम या विशेषताओं को समझते हैं।

Sangya Ki Paribhasha

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