हम लाये हैं तूफ़ान से | Hum Laye Hain Toofan Se
पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के …
देखो कहीं बरबाद न होवे ये बगीचा
इसको हृदय के ख़ून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के…
दुनिया के दांव पेंच से रखना न वास्ता
मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता
भटका न दे कोई तुम्हें धोके में डाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के…
एटम बमों के ज़ोर पे ऐंठी है ये दुनिया
बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया
तुम हर क़दम उठाना जरा देखभाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के…
आराम की तुम भूल भुलय्या में न भूलो
सपनों के हिंडोलों में मगन हो के न झूलो
अब वक़्त आ गया मेरे हंसते हुए फूलो
उठो छलांग मार के आकाश को छू लो
तुम गाड़ दो गगन में तिरंगा उछाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के…
हम लाये हैं तूफ़ान से (Hum Laye Hain Toofan Se)
हम लाये हैं तूफ़ान से (Hum Laye Hain Toofan Se) |
रचनाकार | कवि प्रदीप |
फ़िल्म | जाग्रति (1954) |
संगीतकार | हेमंत कुमार |
गायक/गायिका | मुहम्मद रफ़ी |
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राष्ट्रगान , वन्दे मातरम् , सारे जहाँ से अच्छा ,क़दम क़दम बढ़ाये जा ,विजयी विश्व तिरंगा प्यारा ,हम होंगे कामयाब ,अपनी आज़ादी को हम ,आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ ,इंसाफ़ की डगर पे ,नन्हा मुन्ना राही हूँ ,मेरा रंग दे बसंती चोला ,ऐ मेरे प्यारे वतन ,ऐ वतन ऐ वतन ,छोड़ो कल की बातें ,जहाँ डाल डाल पर ,ऐ मेरे वतन के लोगों, चन्दन है इस देश की माटी ,जिस देश में गंगा बहती है ,दे दी हमें आज़ादी ,भारत हमको जान से प्यारा है ,नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी ,मेरे देश की धरती ,नफ़रत की लाठी तोड़ो ,कर चले हम फ़िदा ,है प्रीत जहाँ की रीत सदा ,हर करम अपना करेंगे ,हम लाये हैं तूफ़ान से ,संदेशे आते हैं ,सरफ़रोशी की तमन्ना ,ये देश है वीर जवानों का