Kahan Rahegi Chidiya Rani Class 4 Hindi Phulwari Chapter 5
कहाँ रहेगी चिड़िया ? (kahan rahegi chidiya kavita)
आँधी आई जोर-शोर से,
डालें टूटी हैं झकोर से |
उड़ा घोसला, अंडे फूटे,
किससे दुःख की बात कहेगी!
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी?
भावार्थ: कविता की इन पंक्तियों में कवयित्री ने बताया है कि तेज आँधी आने के कारण पेड़ की डाल टूट गयी और उसकी वजह से चिड़िया का घोसला उड़ गया तथा चिड़िया के अंडे भी फूट गए | कवयित्री चिंतित हैं कि अब यह चिड़िया किससे अपना दुःख बतायेगी और कहाँ रहेगी |
हमने खोला आलमारी को,
बुला रहे हैं बेचारी को |
पर वो चीं-चीं कर्राती है,
घर में तो वो नहीं रहेगी!
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी?
भावार्थ: चिड़िया की व्यथा को समझते हुए कवयित्री उसकी मदद करना चाहती हैं इसलिए वे अपने घर की आलमारी को खोलकर चिड़िया को उसमें रहने के लिए बुला रही हैं | लेकिन वह तो चीं-चीं करते हुए इधर-उधर भाग रही है | वह घर में नहीं रहना चाहती |
घर में पेड़ कहाँ से लाएँ,
कैसे यह घोंसला बनाएँ |
कैसे फूटे अंडे जोड़ें,
किससे यह सब बात कहेगी!
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी?
भावार्थ: इन पंक्तियों में कवयित्री अपनी विवशता का वर्णन करते हुए कहती हैं कि अब हम घर में पेड़ कहाँ से लायें जिसमें वह अपना घोसला बना सके | और भला उसके फूटे अंडे कैसे जोड़ें ? चिड़िया अपना ये सारा दुःख किससे कहेगी | न जाने चिड़िया कहाँ रहेगी |
Exercise ( अभ्यास ) फुलवारी कक्षा 4 पाठ 5 प्रश्न उत्तर
बोध प्रश्न :
प्रश्न ( 1 ) : उत्तर लिखिए –
(क) : जोर -जोर से आँधी आने पर क्या क्या हुआ ?
उत्तर – जोर-जोर से आंधी आने पर पेड़ की डालें टूट गयीं ,पक्षियों के घोसले उड़ गए और उनके अंडे भी फूट गए |
(ख) : चिड़िया बुलाने पर आलमारी में रहने के लिए क्यों नहीं आ रही ?
उत्तर – क्योंकि चिड़िया को पेड़ पर बने घोसले में ही रहना पसंद है |
(ग) : चिड़िया के लिए दुःख की बात क्या है ?
उत्तर- चिड़िया के लिए सबसे दुःख की बात है कि उसका घोसला उड़ गया और उसके अंडे भी फूट गए |
प्रश्न (2) : कविता के अंशों को वाक्यों के रूप में लिखिए –
कविता के अंश | वाक्य |
---|---|
(क) आई आँधी जोर-जोर से | जोर-जोर से आंधी आई | |
(ख) डालें टूटी हैं झकोर से | तेज हवाओं से डाल टूट गई | |
(ग) हमने खोला अलमारी को | हमने आलमारी को खोला | |
(घ) बुला रहे हैं बेचारी को | उस बेचारी चिड़िया को बुला रहे हैं | |
प्रश्न (3) : महादेवी वर्मा की ही एक और कविता नीचे दी गयी है –
मेह बरसने वाला है , मेरी खिड़की में आ जा तितली |
बाहर जब पर होंगे गीले , धुल जायेंगे रंग सजीले |
झड़ जाएगा फूल, न तुझको , बचा सकेगा छोटी तितली |
खिड़की में तू आ जा तितली ||
(क) : इस कविता पर दो सवाल बनाइए |
उत्तर – (1) कवयित्री तितली को अन्दर क्यों बुला रही हैं ?
(2) बारिश होने से तितली के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
(ख) : इस कविता को संवादों की तरह लिखिए |
कवयित्री – ” हे तितली ! तुम खिड़की में आ जाओ | बादल बरसने वाले है , जिससे तुम्हारे पर गीले हो जायेंगे और रंग भी धुल जाएगा | तुम्हे फूल भी नहीं बचा पायेंगे |”
(ग) : इस कविता पर चित्र बनाइए |
उत्तर – छात्र स्वयं बनाएं |
प्रश्न (4) : सोच – विचार : बनाइए –
(क) : आप पेड़ के नीचे हों और जोर की आंधी आ जाए तो क्या करेंगे ?
उत्तर – हम झटपट पेड़ से दूर हटकर खड़े होंगे , क्योंकि पता नहीं कब डाल टूटकर मेरे ऊपर आ गिरे |
(ख) : जिसका घोंसला उड़ गया हो , आप उस चिड़िया की मदद के लिए क्या-क्या करेंगे ?
उत्तर – मैं उस चिड़िया के लिए घास-फूस का दूसरा घोसला तैयार करूंगा और उसे किसी पेड़ की डाल पर फंसाकर उस पर चिड़िया को बैठाऊंगा |
(ग) : आंधी आने पर चिड़िया के सामने क्या-क्या समस्याएं आई होंगी ?
उत्तर- आंधी आने पर चिड़िया के रहने की जगह नहीं रही और उसके अंडे भी फूट गए , जिससे उसे बहुत दुःख हुआ होगा |
(घ) : चिड़िया अपना घोसला उड़ने और अंडे फूटने से दुखी है | उसका दुःख यह भी है कि अपना दुःख किससे कहे ? क्या आपको कोई ऐसी घटना याद है जब आप दुखी हुए –
- उस घटना के बारे में बताइए |
उत्तर- एक बार मेरे गाँव में बाढ़ आ गयी थी जिसके कारण घर के अन्दर भी पानी भर गया था | उस समय हम लोग पेड़ों पर मचान बना कर सोते थे |
- आपने अपने दुःख की बात किससे कही थी ?
उत्तर- मैंने अपने दुःख की बात अपने नाना – नानी से बताई और उन्होंने मुझे अपने घर बुला लिया |
प्रश्न (5) : भाषा के रंग –
दिए गए निर्देश के अनुसार चिड़िया शब्द का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाएँ –
(क) : ऐसा वाक्य जिसमें पाँच शब्द ही आएँ |
उत्तर – चिड़िया बहुत ही दु:खी थी |
(ख) : ऐसा वाक्य जिसमें चिड़िया के रंग का भी उल्लेख हो |
उत्तर – वह देखो काले रंग की चिड़िया उड़ रही है |
(ग) : ऐसा वाक्य जिसमें चिड़िया शब्द के साथ ‘अगर’ भी आए |
उत्तर- अगर चिड़िया के पंख न होते तो क्या होता ?
प्रश्न (6) : आपकी कलम से –
(क) : इस कविता की रचना सुश्री महादेवी वर्मा ने की है | महादेवी वर्मा को पशु-पक्षियों से बहुत प्रेम था | उन्होंने अपने घर में गाय, हिरण , गिलहरी , कुत्ता , नेवला जैसे तमाम पशु-पक्षी पाल रखे थे , जिनके नाम गौरी , सोना रोजी , निक्की आदि रखे थे |
• आपके घर में कौन-कौन से जानवर पाले गए हैं ?
उत्तर – मेरे घर में एक पालतू कुत्ता है |
• उनको किस-किस नाम से बुलाते हैं ?
उत्तर – हम उसको चेतक बुलाते हैं |
• उनकी दो-दो ख़ास बातें लिखिए |
उत्तर – वह बहुत ही समझदार है और घर के चारों तरफ की निगरानी करता है |
(ख) : क्या कठिनाई होगी –
• अपना घर न होने पर हम लोगों को
उत्तर- अपना घर न होने पर हम लोगों को हर मौसम में परेशानी का सामना करना पड़ेगा |
• पेड़ न होने पर चिड़ियों को
उत्तर – पेड़ न होने पर चिड़ियाँ अपना घोसला कहाँ बनाएंगी तथाअपने अण्डों और बच्चों की कैसे सुरक्षा करेंगी |
(ग) : कविता में आया है ‘कैसे फूटे अंडे जोड़े ‘ | फूटा अंडा जोड़ा नहीं जा सकता पर हमारे आस-पास बहुत सी ऐसी टूटी-फूटी चीजें होती हैं , जिन्हें जोड़ा जा सकता है |
सोचकर लिखिए – आपके घर में ऐसी कौन-कौन सी चीजें हैं जिन्हें टूटने-फूटने के बाद भी मरम्मत द्वारा जोड़ा जा सकता है ?
उत्तर – लकड़ी के सामान , लोहे के सामान , आभूषण आदि |
(घ) : दिए गए चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए | प्रत्येक चित्र के आधार पर एक-एक अनुच्छेद इस क्रम में लिखिए कि कहानी का रूप बनता जाए |
- एक चिड़िया थी , उसके तीन बच्चे थे | वे अभी बहुत छोटे थे | चिड़िया रोज दाना लाती और खिलाती थी |
- कुछ समय बाद दोनों बच्चे बड़े हो गए | एक दिन चिड़िया दोनों को घोसले से बाहर लेकर गई | दोनों बच्चे बहुत खुश हुए |
- चिड़िया ने धीरे-धीरे बच्चों को उड़ना भी सिखा दिया | इस प्रकार वे उड़कर बहुत खुश हुए |
प्रश्न संख्या 7 और 8 छात्र स्वयं पूरा करें |
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