भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?-Bharat mein vanya jeev sanrakshan adhiniyam kab lagu hua?
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भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?-Bharat mein vanya jeev sanrakshan adhiniyam kab lagu hua?
अधिनियम का नाम | वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 |
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लागू होने का वर्ष | 1972 |
मुख्य उद्देश्य | भारतीय वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण |
क्षेत्र | वन्यजीव अभ्यारण, राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव संरक्षण सुझावित क्षेत्र, आदि |
मुख्य प्रावधान | अवैध शिकार, जंगली जानवरों की हत्या का मुकाबला, लुप्तप्राय या संरक्षित प्रजातियों की सुरक्षा |
उद्देश्य | वन्यजीवों की सुरक्षा, अभयारण्यों और पार्कों की स्थापना, वन्यजीव सलाहकार बोर्ड और वन्यजीव वार्डन की नियुक्ति |
अतिरिक्त जानकारी | अन्य महत्वपूर्ण पर्यावरण और जैव विविधता अधिनियमों की सूची: |
– जैविक विविधता अधिनियम 2002 | |
– पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 | |
– वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1981 | |
– वन संरक्षण अधिनियम 1980 | |
– जल रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1974 |
This table provides a concise overview of the Wildlife Protection Act, 1972, highlighting its key aspects.
भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972, जो भारत में वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए बनाया गया था, एक महत्वपूर्ण कदम था जो वन्यजीवों की रक्षा को मजबूती से स्थापित करने का प्रयास था। यह अधिनियम वन्यजीवों के शिकार, उनके स्थायिता स्थलों की सुरक्षा, और उनके संरक्षण के लिए कई प्रावधान प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय वन्यजीव संस्थानों को सुरक्षित रखना और उनकी अंतर्राष्ट्रीय विक्रय को नियंत्रित करना है।
इस अधिनियम के तहत, वन्यजीवों के संरक्षण के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपायों को बढ़ावा दिया गया है, जिसमें वन्यजीव अभ्यारण, राष्ट्रीय उद्यान, और वन्यजीव संरक्षण सुझावित क्षेत्र शामिल हैं। यह अधिनियम भारत सरकार को वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण में सहायक होने के लिए अधिकार प्रदान करता है और उसे संशोधित और अद्यतित करने का अधिकार भी देता है।
Bharat mein vanya jeev sanrakshan adhiniyam kab lagu hua?
Bharat mein vanya jeev sanrakshan adhiniyam, jise “Wildlife Protection Act” ke naam se bhi jaana jaata hai, ko pratham baar 1972 mein lagu kiya gaya tha. Is adhiniyam ki buniyad mein vanya jeev aur unke habitats ki suraksha aur sanrakshan ke liye kanooni pravdhan shamil hain. Yeh adhiniyam Bharat sarkar ke dwara desh ke vanya jeev ko bachane aur unki raksha karne ke liye banaya gaya tha.
Is adhiniyam mein, vanya jeev ko marne, pakadne, ya unke ang-pratyang ko bechne, khareedne, ya vyapar karne ke virudh karyavahi ke liye kanooni pravdhan hain. Iske alawa, vanya jeev ke habitats ki suraksha, unke antarraashtreeya vyapar par pratibandh, aur unke smuggling ke khilaf kanooni karyavahi bhi is adhiniyam ke antargat ki jaati hai.
Adhiniyam mein samay-samay par sanshodhan bhi kiye gaye hain taki uska prabhaavit kshetra aur bhi badha sake aur naye paristhitiyon ke anukool ho sake. Is adhiniyam ke tahat, alag-alag prajatiyon ke liye vanya jeev abhyaran (Wildlife Sanctuary) aur vanya jeev abhyaran se bhi adhik suraksha prapt kshetra, jise vishesh vanya jeev abhyaran (National Park) ke roop mein jaana jaata hai, sthapit kiye ja sakte hain.
अधिनियम का नाम | वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 |
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लागू होने का वर्ष | 1972 |
मुख्य उद्देश्य | भारतीय वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण |
क्षेत्र | वन्यजीव अभ्यारण, राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव संरक्षण सुझावित क्षेत्र, आदि |
मुख्य प्रावधान | वन्यजीवों के शिकार, उनके स्थायिता स्थलों की सुरक्षा, और उनके संरक्षण के लिए कई प्रावधान |
उद्देश्य | वन्यजीवों को बचाना और उनकी सुरक्षा करना, उनके संरक्षण के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उपाय बढ़ावा देना |
संशोधन | समय-समय पर संशोधन किया जाता है ताकि नए परिस्थितियों के साथ समर्थन में वृद्धि हो |
भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?-Bharat mein vanya jeev sanrakshan adhiniyam kab lagu hua?