चेतक की वीरता Chetak ki Veerta Class 5 | Class 5 Hindi Vatika Chapter 10
चेतक की वीरता | Chetak ki Veerta Class 5 | Class 5 Hindi Vatika Chapter 10 | chetak ki veerta ke prashn uttar | वाटिका कक्षा 5 पाठ 10 |

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रण बीच चौकड़ी भर-भर कर,

चेतक बन गया निराला था।

राणाप्रताप के घोड़े से,

पड़ गया हवा का पाला था।

गिरता न कभी चेतक तन पर,

राणाप्रताप का कोड़ा था।

वह दौड़ रहा अरि-मस्तक पर,

वह आसमान का घोड़ा था।

जो तनिक हवा से बाग हिली,

लेकर सवार उड़ जाता था।

राणा की पुतली फिरी नहीं,

तब तक चेतक मुड़ जाता था।

कौशल दिखलाया चालों में ,

उड गया भयानक भालों में।

निर्भिक गया वह ढ़ालों में ,

सरपट दौडा करवालों में ।

है यहीं रहा, अब यहाँ नहीं,

वह वहीं रहा, है यहाँ नहीं।

थी जगह न कोई जहाँ नहीं,

किस अरि-मस्तक पर कहाँ नहीं।

बढ़ते नद-सा वह लहर गया,

फिर गया गया फिर ठहर गया।

विकराल वज्रमय बादल-सा,

अरि की सेना पर घहर गया।

भाला गिर गया गिरा निसंग,

हय टापों से खन गया अंग।

बैरी समाज रह गया दंग,

घोड़े का ऐसा देख रंग।

(चेतक की वीरता-श्याम नारायण पाण्डेय द्वारा रचित)

प्रश्न-1: बोध प्रश्न : उत्तर लिखिए –

(क) चेतक किसके इशारे पर मुड़ जाता था ?

उत्तर- चेतक महाराणा प्रताप के इशारे पर मुड़ जाता था |

(ख) चेतक की टापों का दुश्मन पर क्‍या असर होता था ?

उत्तर- चेतक की टापों को सुनकर दुश्मनों का दिल दहल जाता था |

(ग) चेतक शत्रु की सेना पर किस प्रकार टूट पड़ता था ?

उत्तर- चेतक शत्रुओं की सेना पर भयानक बादलों की तरह टूट पड़ता था |

(घ) चेतक किस तरह की चाल से निराला दिखाई पड़ता था ?

उत्तर- अपनी चौकड़ी सी चाल से चेतक निराला दिखाई पड़ता था |

(ड.) चेतक को कोड़े नहीं लगाने पड़ते थे, क्यों ?

उत्तर- चेतक को कोड़े नहीं लगाने पड़ते थे बल्कि वह महाराणा प्रताप के मात्र इशारे से ही समझ जाता था |

(च) क्‍या देखकर बैरी समाज दंग रह गया ?

उत्तर- चेतक अपने पैरों से दुश्मनों को कुचल रहा था जिसे देखकर बैरी समाज दंग रह गया |

(छ) हम राणा प्रताप को क्‍यों याद करते हैं ?

उत्तर- हम राणा प्रताप को उनकी बहादुरी और पराक्रम के लिए याद करते हैं |

प्रश्न-2: इन पंक्तियों के अर्थ लिखिए –

(क) राणा प्रताप के घोड़े से, पड़ गया हवा का पाला था।

भावार्थ – राणा प्रताप का घोड़ा हवा को भी पछाड़कर तेज भागता था |

(ख) विकराल वज्रमय बादल-सा, अरि की सेना पर घहर गया।

भावार्थ – भयानक कठोर बादल के रूप में चेतक दुश्मनों की सेना पर टूट पड़ा |

प्रश्न-3: कविता के आधार पर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

(क) महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था।
(ख) घोड़े की बहादुरी से दुश्मन भी दंग रह गया।
(ग) चेतक राणा प्रताप का इशारा पाते ही मुड़ जाता था।
(घ) युद्ध क्षेत्र में चौकड़ी भर-भर कर चेतक निराला बन गया था।

प्रश्न-4. सोच-विचार : बताइए –
चेतक को निराला क्‍यों कहा गया ?

उत्तर- चेतक अपने आप में अनोखा था, इसलिए उसे निराला कहा गया |

प्रश्न-5: भाषा के रंग

(क) नीचे दिए गए शब्दों के तुकांत शब्द कविता से खोजकर लिखिए

निराला – पाला
कोड़ा – घोड़ा
चाल – भाल
लहर – ठहर
ढंग – रंग

(ख) नीचे लिखे शब्दों को सही क्रम में रखकर वाक्य बनाइए –

  • घोड़ा सरपट दौड़ता है
  • चेतक से पड़ा हवा का पाला था
  • घोड़ा चेतक बहुत बहादुर था
  • चेतक महाराणा प्रताप को लेकर उड़ जाता था

(ग) स्त्रीलिंग शब्द लिखिए –
घोड़ा – घोड़ी
ठहरा – ठहरी
दौड़ा – दौड़ी
गिरा – गिरी

(घ) कविता में आए युद्ध से संबंधित शब्दों को लिखिए।

उत्तर- रण, भालों, ढालों, करवालों, निषंग |

प्रश्न-6: तुम्हारी कलम से –
कविता में चेतक की वीरता के बारे में बहुत-सी बातें बताई गई हैं। इनमें से कोई-सी चार बातें लिखिए जो आपको बहुत पसंद आई हों।

उत्तर- स्वयं लिखें |

प्रश्न-7: अब करने की बारी –

(क) चेतक पर सवार राणा प्रताप का चित्र बनाइए |
(ख) कविता का हाव-भाव के साथ सस्वर वाचन का अभ्यास कर कक्षा में सुनाइए।
(ग) राणा प्रताप से संबंधित और जानकारी पुस्तकालय से पता कीजिए |

उत्तर- स्वयं लिखें |

प्रश्न-8: मेरे दो प्रश्न : कविता के आधार पर दो सवाल बनाइए –

  1. महाराणा प्रताप के घोड़े का क्या नाम था ?
  2. चेतक की मुख्य विशेषताएं क्या थी ?

प्रश्न-9: इस कविता से –
(क) मैंने सीखा – स्वयं लिखें |
(ख) मैं करूँगी/ करूँगा – स्वयं लिखें |

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