वन्दे मातरम् (National Song)

वंदे मातरम् भारत का राष्ट्रीय गीत है जिसकी रचना बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा की गई थी। इन्होंने 7 नवम्बर, 1876 ई. में बंगाल के कांतल पाडा नामक गाँव में इस गीत की रचना की थी। वंदे मातरम् गीत के प्रथम दो पद संस्कृत में तथा शेष पद बांग्ला भाषा में थे। राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर ने…

राष्‍ट्रगान (National Anthem)

राष्‍ट्रगान (National Anthem) जन गण मन राष्‍ट्रगान (National Anthem) भारत का राष्ट्रगान है, जो मूलतः बांग्ला भाषा में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखा गया था। 24 जनवरी सन 1950 को संविधान सभा में राष्ट्रगान के रूप में ‘जन गण मन’ के हिन्दी संस्करण को अपनाया गया था। सर्वप्रथम 27 दिसंबर सन 1911 को बांग्ला व हिन्दी भाषा में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था। पूरे गान में पांच पद हैं। राष्ट्रगान के गायन…

Shanti Path

शांति पाठ (Shanti Path) ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: । वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि ॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥ हिन्दी रूपांतरण:शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में,अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में,सकल विश्व में अवचेतन में!शान्ति राष्ट्र-निर्माण…

Hum Ko Mann Ki Shakti Dena

प्रार्थना: हम को मन की शक्ति देना हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करें।दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें। भेदभाव अपने दिल से, साफ कर सकें।दोस्तों से भूल हो तो, माफ कर सकें।झूठ से बचे रहें, सच का दम भरें।दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें।॥ हम को…

दया कर दान विद्या का

प्रार्थना: दया कर दान विद्या का (Daya Kar Daan Vidya Ka) दया कर दान विद्या का,हमें परमात्मा देना,दया करना हमारी आत्मा में,शुद्धता देना । हमारे ध्यान में आओ,प्रभु आँखों में बस जाओ,अँधेरे दिल में आकर के,प्रभु ज्योति जगा देना । बहा दो प्रेम* की गंगा,दिलों में प्रेम का सागर,हमें आपस में मिल-जुल के,प्रभु रहना सीखा…

Bhojan Mantra

Bhojan Mantra भोजन मन्त्र अन्न ग्रहण करने से पहलेविचार मन मे करना हैकिस हेतु से इस शरीर कारक्षण पोषण करना हैहे परमेश्वर एक प्रार्थनानित्य तुम्हारे चरणों मेंलग जाये तन मन धन मेराविश्व धर्म की सेवा में ॥ ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।। ॐ सह नाववतु।सह नौ भुनक्तु।सह वीर्यं करवावहै।तेजस्विनावधीतमस्तु।मा विद्‌विषावहै॥ॐ शान्ति: शान्ति:…

इतनी शक्ति हमें दे न दाता

इतनी शक्ति हमें दे न दाता इतनी शक्ति हमें दे न दाता मनका विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रास्ते पे हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना… दूर अज्ञान के हो अन्धेरे तू हमें ज्ञान की रौशनी दे हर बुराई से बचके रहें हम जितनी भी दे, भली ज़िन्दगी दे बैर हो ना…

वह शक्ति हमें दो दया निधे

वह शक्ति हमें दो दया निधे! वह शक्ति हमें दो दयानिधे,कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।पर-सेवा पर-उपकार में हम,जग(निज)-जीवन सफल बना जावें॥॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे…॥ हम दीन-दुखी निबलों-विकलों के,सेवक बन संताप हरें।जो हैं अटके, भूले-भटके,उनको तारें खुद तर जावें॥॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे…॥ छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ,अन्याय से निशिदिन दूर रहें।जीवन हो शुद्ध सरल…