नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है…
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को बस में किया है
भोली भाली मतवाली आँखों में क्या है
आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आने वाली दुनिया का सपना सजा है
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है…
भीख में जो मोती मिलेगा लोगे या न लोगे
ज़िन्दगी के आंसुओं का बोलो क्या करोगे
भीख में जो मोती मिले तो भी हम न लेंगे
ज़िन्दगी के आंसुओं की माला पहनेंगे
मुश्किलों से लड़ते फिरते जीने में मज़ा है…
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है…
हमसे न छुपाओ बच्चों हमें तो बताओं
आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओं
आने वाली दुनिया में सब के सर पे ताज होगा
न भूखों की भीड़ होगी, न दुखों का राज होगा
बदलेगा ज़माना ये सितारों पे लिखा है
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है …
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को बस में किया है
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है …
फ़िल्म : बूट पॉलिश (1954), संगीतकार : शंकर जयकिशन, स्वर: आशा भोंसले और मुहम्मद रफ़ी, गीतकार: शैलेन्द्र |
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राष्ट्रगान , वन्दे मातरम् , सारे जहाँ से अच्छा ,क़दम क़दम बढ़ाये जा ,विजयी विश्व तिरंगा प्यारा ,हम होंगे कामयाब ,अपनी आज़ादी को हम ,आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ ,इंसाफ़ की डगर पे ,नन्हा मुन्ना राही हूँ ,मेरा रंग दे बसंती चोला ,ऐ मेरे प्यारे वतन ,ऐ वतन ऐ वतन ,छोड़ो कल की बातें ,जहाँ डाल डाल पर ,ऐ मेरे वतन के लोगों, चन्दन है इस देश की माटी ,जिस देश में गंगा बहती है ,दे दी हमें आज़ादी ,भारत हमको जान से प्यारा है ,नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी ,मेरे देश की धरती ,नफ़रत की लाठी तोड़ो ,कर चले हम फ़िदा ,है प्रीत जहाँ की रीत सदा ,हर करम अपना करेंगे ,हम लाये हैं तूफ़ान से ,संदेशे आते हैं ,सरफ़रोशी की तमन्ना ,ये देश है वीर जवानों का