क्या आप पृथ्वी (Planet Earth In Hindi | पृथ्वी से जुड़े रोचक तथ्य | Earth Facts in Hindi) के बारे में सब कुछ जानना चाहेंगे। यह लेख आपको वो सारी जानकारी देगा जो आपको चाहिए।पृथ्वी (Earth), हमारा अपना ग्रह और इस यूनिवर्स में एकमात्र ज्ञात ग्रह जिस पर जीवन संभव है. पृथ्वी सूर्य से दूरी के आधार पर बुध और शुक्र ग्रह के बाद तीसरा और आकार में सौरमंडल का पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है.
अभी तक के खोज और अनुसंधान के अनुसार पृथ्वी ज्ञात ब्रह्माण्ड में अकेला ऐसा ग्रह है जिस पर पानी तरल अवस्था में उपस्थित है. इस ग्रह पर पाए जाने वाला पानी, सघन वायुमंडल और जीवन को सपोर्ट करने वाले वातावरण की वजह से ही यहाँ जीवन संभव हुआ है.
इस पोस्ट में हम पृथ्वी ग्रह से जुड़ी बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारियों और कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे जो आपको आश्चर्यचकित करने के साथ ही पृथ्वी के बारे में आपके ज्ञान में भी इजाफ़ा करेंगी.
पृथ्वी सामान्य परिचय | General Information about Earth in Hindi
इतिहास: पृथ्वी का इतिहास (history of earth planet in hindi) बहुत ही अदभुत रहा है। वैज्ञानिक अनुसंधानों और रेडियोएक्टिव डेटिंग जैसी तकनीक के अनुसार पृथ्वी लगभग 4.5 अरब साल पहले गठित हुई। आज से लगभग 4.5 अरब साल पहले एक विशाल बादल जिसे नाब्युला कहा जाता है उसमें से ही हमारे सौरमंडल का जन्म हुआ था।इस नाब्युला का ज्यादातर द्र्व्यमान गुरुत्वाकर्षण बल के चलते केंद्र में जमा होने लगा।उस जगह सूर्य का निर्माण हुआ और बाकी का जो भाग बच गया उनमे से बने ग्रह।जिनमे से एक हमारी प्यारी पृथ्वी भी थी।फिर समय के साथ गुरुत्वाकर्षण बल के चलते earth अपना आकार लेने लगी।जैसे जैसे समय बीतता गया इस पर पर्वत और ज्वालामुखी भी बनने लगे।इन्ही ज्वालामुखी के अंदर रहे गैस ने पानी की भाप के साथ मिलकर ग्रह के वायुमंडल का निर्माण किया।इसी तरह निर्माण हुआ हमारे ग्रह का। इसके गठन के लगभग 1 अरब साल बाद यहाँ जीवन की शुरुआत के साक्ष्य मिलते हैं, शुरुआती समय में जीवन महासागरों में पनपा और विकास विभिन्न चरणों को पार करते हुए आज की स्थिति में पहुंचा है.
पृथ्वी पर समय-समय पर अनेक प्रजातियां विकसित हुई और कालांतर में लुप्त भी हो गई, अभी तक यहां विकसित हुई सभी प्रजातियों में से लगभग 99% अब तक लुप्त हो चुकी हैं.
earth in hindi – पृथ्वी के बारे में
पृथ्वी (earth in hindi) सौरमंडल का तीसरा ग्रह है जो बुध और शूक्र ग्रह के बाद आता है। बाकी ग्रहो की तरह यह भी सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। पृथ्वी से सूर्य की दूरी 15.2 करोड़ किलोमीटर है। इतनी ज्यादा दुरी होनी की वजह से सूर्य प्रकाश को सतह तक पहुँचने में 8 मिनिट लग जाते है।
पृथ्वी ग्रह, ब्रह्मांड में स्थित अन्य खगोलीय ऑब्जेक्ट्स के साथ गुरुत्वाकर्षण बल के जरिए एक ख़ास स्थिति में जुड़ा रहता है.पृथ्वी अपने तारे सूर्य के चारों तरफ 365.25 दिनों में एक चक्कर पूरा करता है यह अपने अक्ष पर लम्बवत 23.5 डिग्री झुकी हुई है। इसके कारण इस पर विभिन्न प्रकार के मौसम आते हैं। अपने अक्ष पर यह 24 घण्टे में एक चक्कर पूरा करती है जिससे इस पर दिन और रात होती है। चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है जो इसकी परिक्रमा लगभग 28 दिनों (27.322 days) में पूरा करता है.
Galaxy (आकाशगंगा) | मिल्की वे गैलेक्सी |
Equatorial Diameter (भूमध्य व्यास) : | 12,756 km |
Polar Diameter (पोलर व्यास) : | 12,714 km |
Mass (द्रव्यमान) : | 5.97 x 10^24 kg |
Satelites (चंद्रमा) : | 1 चंद्रमा |
Orbit Distance (कक्षा) : | 149,598,262 km (1 AU) |
Orbital Period (सूर्य का एक चक्कर) : | 365.24 दिन |
Surface Temperature (सतह का तापमान) : | -88 to 58°C |
Escape Velocity (पलायन वेग) : | 11.186 km/s |
गुरुत्वाकर्षण बल | 9.80665 m/s2 |
पृथ्वी पर जीवन के संभव होने के प्रमुख कारणों में से एक है इसका सघन वायुमंडल. पृथ्वी के वायुमंडल में 78% नाइट्रोजन और लगभग 21% ऑक्सीजन और बाकी 1% में कार्बन डाइऑक्साइड, नियोन, हाइड्रोजन, इत्यादि गैसें हैं.
संरचना:
पृथ्वी के लगभग 71% भूभाग पर पानी है जो समुद्र, नदियों, झीलों और तालाबों के रूप में बंटा हुआ है. बाकी का 29% हिस्सा महाद्वीपों और द्वीपों के रूप में जमीन है जो मिट्टी, पहाड़, पत्थर, रेगिस्तान इत्यादि में बंटा हुआ है. पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पूरी तरह से बर्फ से ढके हुए हैं.
पृथ्वी की संरचना (structure of earth) 4 स्तरों से मिलकर बनी है।
- अंदर की कोर (inner core)
- बाहर की कोर (outer core)
- आवरण (Mantle)
- पपड़ी (crust)
पृथ्वी का आंतरिक भाग एक ठोस लोहे की आंतरिक कोर और उसके ऊपर तरल बाहरी कोर से बना हुआ है जो पृथ्वी के चुम्बकीय बल के लिए जिम्मेदार है. पृथ्वी की सतह को कई कठोर टेकटोनिक प्लेट्स में बांटा गया है जो समय के साथ अपनी स्थिति बदलती रहती हैं.
जलमंडल (जलमण्डल)
जलमंडल का अर्थ – जलमंडल से हमारा तात्पर्य जल की उस परत से है. जो पृथ्वी की सतह पर सागर, महासागर, झील, नदियाँ तथा दुसरे जलाशय के रूप में फैली है. हमारी पृथ्वी की सतह सम्पूर्ण के सम्पूर्ण क्षेत्रफल के 71% भाग में जल का विस्तार पाया जाता है. सौरमंडल के ग्रहो में एकमात्र पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है. जिसमे जल पाया जाता है. इसलिए पृथ्वी को जलीय ग्रह भी कहा जाता है.पृथ्वी की सतह पर पानी की बहुतायत एक अनोखी विशेषता है जो सौर मंडल के अन्य ग्रहों से इस “नीले ग्रह” को अलग करती है। पृथ्वी के जलमंडल में मुख्यतः महासागर हैं, लेकिन तकनीकी रूप से दुनिया में उपस्थित अन्य जल के स्रोत जैसे: अंतर्देशीय समुद्र, झीलों, नदियों और 2,000 मीटर की गहराई तक भूमिगत जल सहित इसमें शामिल हैं।पानी के नीचे की सबसे गहरी जगह 10,911.4 मीटर की गहराई के साथ, प्रशान्त महासागर में मारियाना ट्रेंच की चैलेंजर डीप है।
प्रमुख महासागर निम्नलिखित हैं:
- प्रशान्त महासागर (अंग्रेजी:Pacific Ocean)
- अटलांटिक महासागर (अंग्रेजी:Atlantic Ocean)
- हिन्द महासागर (अंग्रेजी:Indian Ocean)
- आर्कटिक महासागर (अंग्रेजी: Arctic Ocean )
- अंटार्कटिका (अंग्रेजी: Antarctica Ocean )
वायुमंडल:
जीवन की दृष्टि से देखा जाए तो पृथ्वी का वायुमंडल (Atmosphere) सबसे श्रेष्ठ और उत्तम है। यहाँ के वायुमंडल में 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सिजन और 1% में बाकि के सारे वायु आये हुए है।इसमें जीने के लिए ऑक्सिजन, उल्कापिंड को रोकने के लिए बहिर्मण्डल और सूर्य के रेडियेशन से बचाने के लिए ओज़ोन स्तर सब कुछ है।
Earth का यह वायुमंडल कई स्तरों से मिलकर बना हुआ है।
Troposphere: यह स्तर सतह से लेकर 10 km की ऊंचाई तक फैला हुआ है। बादल और ऑक्सिजन ज्यादातर यही पाए जाते है।
Stratosphere: यह स्तर Troposphere के बाद 40 km ऊंचाई तक फैला हुआ है। इसीमे ओज़ोन स्तर बना हुआ है जो हमे सूर्य से आने वाले हानिकारक किरणों से बचाता है।
ओज़ोन स्तर ऑक्सिजन से मिलकर बना हुआ होता है। लेकिन अफ़सोस, प्रदूषण की वजह से यह स्तर अब कमजोर पड़ने लगा है। कई जगहों पर तो यह पूरी तरह से टूट ही गया है।
Mesosphere: वायुमंडल का यह स्तर Stratosphere के बाद 35 km ऊंचाई तक फ़ैला हुआ है। जब कोई उल्कापिंड पृथ्वी में प्रवेश करता है तो इस स्तर पर वो घर्षण की वजह से जलने लगता है।जिससे earth इन उल्कापिंड से बच जाती है। जिन ग्रहो के पास यह स्तर नही होता उनकी सतह पर उल्कापिंड की बमबारी होती है और बहुत बड़े गढ्ढे बन जाते है।अब शूक्र ग्रह को ही देख लो। जहा देखो वहाँ गढ्ढे बने हुए है।इस स्तर का तापमान बहोत ठंडा होता है 90℃ के आसपास। साथ ही हवा भी पतली होती है जिससे हम वहा साँस नही ले सकते।(जैसे जैसे आप सतह से ऊपर जाओगे हवा और दबाव कम होता जाएगा)
Thermosphere: वायुमंडल का यह स्तर Mesosphere के बाद 1,000 km ऊंचाई तक फैला हुआ होता है। यहा हवा और वायु बहोत कम मात्रा में होते है।लेकिन फिर भी यह स्तर बेहत खास है, क्योकि सूर्य से आने वाले विद्युत्त कण इस क्षेत्र में ठहर जाते है। इन्ही कण की वजह से वहाँ रंगीन प्रकाश दिखाई देता है जिसे हम aurora कहते है।यह हमे उत्तर और दक्षिण ध्रुव पर देखने को मिलता है।
Exosphere: वायुमंडल का यह स्तर आखरी है। जो Thermosphere से 1,00,000 km की ऊंचाई तक फैला हुआ होता है।इसमें लगभग ना के बराबर हवा और गैस होते है। साथ ही इसके आखरी भाग में अर्थ की हवा अंतरिक्ष में छूट रही होती है।
Planet Earth In Hindi | पृथ्वी से जुड़े रोचक तथ्य | Earth Facts in Hindi (1-10)
1. पृथ्वी हमारे सौरमंडल में स्थित चार सतही ग्रहों में से एक है. पृथ्वी के साथ मंगल, बुध और शुक्र ऐसे ग्रह हैं जिनकी सतह कठोर और चट्टानी है.
2. पृथ्वी का आकार एक परफेक्ट स्फीयर (गोलाकार) नहीं है, ऐसा पृथ्वी के लगातार अपनी धुरी पर तेज घूर्णन की वजह से होता है. जब पृथ्वी तेजी से अपनी धुरी पर घूमती है तो एक बल इसके सेंटर की तरफ लगता है जो पृथ्वी के बाहरी हिस्से में एक उभार पैदा करता है.
3. पृथ्वी चार मुख्य परतों से बनी है, जिनके नाम क्रमश : आंतरिक कोर, बाहरी कोर, मेंटल और क्रस्ट है. पृथ्वी का कोर लगभग 88% लोहे से बना है और इसके क्रस्ट में लगभग 47% ऑक्सीजन है.
4. पृथ्वी के कोर में स्थित निकोल-आयरन की वजह से इसके पास एक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र है जो भारी सौर हवाओं से इसकी रक्षा करता है.
5. पृथ्वी के वायुमंडल को प्रमुख तौर पर पांच परतों में बांटा गया है, जिनके नाम हैं क्रमशः क्षोभ मंडल, समताप मंडल, ओजोन मंडल, आयन मंडल और बाह्य मंडल. सबसे नीचे की परत जिसकी ऊंचाई लगभग 8-18 किमी तक है उसे क्षोभमंडल कहते हैं.
6. एक समय था जब पृथ्वी को यूनिवर्स का केंद्र माना जाता था. प्राचीन खगोल शास्त्रियों का मानना था कि पृथ्वी अपने स्थान पर स्थिर रहती है और अन्य खगोलीय इकाइयां जैसे चन्द्रमा, सूर्य आदि पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं.
7. पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने की रफ़्तार समय के साथ धीमी हो रही है. यह 100 सालों में लगभग 17 मिलिसेकंड की रफ़्तार से धीमी हो रही है. इस रफ़्तार पर लगभग 14 करोड़ सालों बाद एक दिन 25 घंटे का हो जाएगा.
8. पृथ्वी पर उपस्थित कुल जल का केवल 3% ही शुद्ध जल है, बाकी 97% पानी खारा और अम्लीय है. 3% मीठे पानी का दो तिहाई पानी बर्फ के रूप में ध्रुवों पर जमा हुआ है. केवल 1% पानी ही पीने योग्य स्थिति में झीलों, नदियों या भूमि के अन्दर पाया जाता है.
9. पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने में 24 घंटे का समय नहीं लेती है बल्कि यह समय 23 घंटे, 56 मिनट और 4 सेकंड है.
10. हम सब लोग जानते हैं कि पृथ्वी का केवल एक ही प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है लेकिन दो ऐसे एस्टेरोइड (उल्का पिंड) भी हैं जो पृथ्वी के ऑर्बिट में चक्कर लगाते हैं. इनके नाम 3753 Cruithne और 2002 AA29 हैं.
Planet Earth In Hindi | Facts About Earth in Hindi (पृथ्वी से जुड़े रोचक तथ्य) 11-20
11. पृथ्वी एक चट्टानी ग्रह है और वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ज्यादातर चट्टानी ग्रह समान रूप से ही व्यवहार करते हैं. पृथ्वी की सहायता से ब्रह्माण्ड में स्थित अन्य रॉकी ग्रहों को समझने के लिए वैज्ञानिक अंतरिक्ष से लगातार पृथ्वी का अध्ययन करते रहते हैं.
12. पृथ्वी की आंतरिक परतों के गतिशील होने की वजह से इस पर लगातार भूकम्पीय घटनाएं होती रहती हैं. ज्ञात इतिहास में जब से भूकम्पों का रिकॉर्ड रखा जाने लगा है तब से अब तक का सबसे तीव्र भूकंप सन 1960 में चिली में आया था. अमेरिकन जियोलाजिकल सर्वे के अनुसार 22 मई 1960 को चिली में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 9.5 थी.
13. पृथ्वी पर एक कोशिकीय जीवों से लेकर छोटे-छोटे कीड़ों तक कई सारे छोटे-मोटे जीव पाए जाते हैं लेकिन अगर स्तनधारी जीवों की बात की जाए तो दुनिया की सबसे छोटा ज्ञात स्तनधारी जीव दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाने वाली एक चमगादड़ प्रजाति है जिसकी लम्बाई लगभग 1 इंच और वागन लगभग 2 ग्राम है.
14. पृथ्वी की आंतरिक कोर का तापमान (5800K) उतना ही है जितना कि सूर्य की सतह का तापमान. कैलिफ़ोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के भू-रसायन वैज्ञानिक Paul Asimow के अनुसार यह लगभग 10,000 डिग्री फ़ारेनहाइट के बराबर है.
15. पृथ्वी लगभग 40 हज़ार टेरावाट गर्मी उत्पन्न करती है, जिसका आधा हिस्सा पृथ्वी के कोर से निकलने वाली रेडियोएक्टिव ऊर्जा के कारण आता है. 2011 के एक अध्ययन के अनुसार पृथ्वी की आधी गर्मी उसके कोर में कुछ तत्वों जैसे कि थोरियम, यूरेनियम, पोटेशियम, इत्यादि के क्षय से उत्पन्न रेडियोएक्टिव ऊर्जा के कारण उत्पन्न होती है.
16. चिली और पेरू में स्थित अटाकामा रेगिस्तान, पृथ्वी का सबसे सूखा क्षेत्र माना जाता है. इस रेगिस्तान के मध्य में कुछ ऐसे स्थान हैं जहां आजतक कभी बारिश नहीं हुई है.
17. सबसे निर्जन क्षेत्र: ग्रीनलैंड, पृथ्वी पर स्थित सबसे ज्यादा निर्जन भूमि वाला क्षेत्र है. 2010 की जनगणना के अनुसार कुल 836,330 वर्ग मील क्षेत्र में यहाँ केवल 56,534 लोग ही रहते हैं. हालांकि, ग्रीनलैंड का अधिकांश क्षेत्र बर्फ से ढका हुआ है.
18. प्रशांत महासागर पृथ्वी पर स्थित सबसे बड़ा और गहरा जलीय क्षेत्र है. लगभग 590 लाख वर्ग मील में फैले प्रशांत महासागर में पृथ्वी का आधे से ज्यादा मुक्त जल समाया हुआ है. युएसए नेशनल ओसियन सर्विस के अनुसार इस महासागर में सभी सातों महाद्वीप समा सकते हैं.
19. पृथ्वी ग्रह, इंसानों से लगभग 10,000 गुना वर्ष पुराना है. पृथ्वी का निर्माण लगभग 4.5 अरब साल पहले हुआ था और इस पर इंसानों को रहते हुए अभी केवल 4.5 लाख साल ही हुए हैं.
20. इस ब्रह्माण्ड में अभी तक ज्ञात अधिकांश ग्रहों और अन्य तत्वों का इंसानों ने अपनी सुविधानुसार नामकरण किया है, लेकिन इस बात का कोई ऐतिहासिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं कि हमारे गृह का नाम पृथ्वी किसने रखा.