अंधेर नगरी | Andher Nagari Class 5 Hindi Vatika Chapter 18 andher nagari class 5 question answer वाटिका कक्षा 5 हिन्दी पाठ 18 प्रश्न उत्तर  वाटिका कक्षा 5 पाठ 18
अंधेर नगरी वाटिका कक्षा 5 हिन्दी पाठ 18 प्रश्न उत्तर वाटिका कक्षा 5 पाठ 18 | Andher Nagari Class 5 Hindi Vatika

अन्धेर नगरी शब्दार्थ

टका = ताँबे का पुराना सिक्का
कसूर = अपराध, दोष, गलती
हुज्जत = विवाद, बहस, झगड़ा
गुलाम = दास, नौकर
भाजी = साग-सब्जी
सबब = कारण

अन्धेर नगरी पाठ का सारांश

महन्त जी अपने शिष्य गोबर्धनदास और नारायणदास के साथ एक सुन्दर नगरी में आते हैं। नारायणदास गुरु जी से कहता है कि नगरी सुन्दर तभी होगी, जब हमें सुन्दर भिक्षा मिले। गुरुजी के आदेश से नारायणदास पूर्व की ओर तथा गोबर्धनदास पश्चिम की ओर भिक्षा माँगने जाते हैं।

गोवर्धनदास कुंजड़िन से भाजी का भाव पूछता है। वह टके सेर भाजी का भाव बताती है। फिर गोबर्धनदास हलवाई से मिठाई का भाव पूछता है। मिठाई भी टके सेर ही बिकती है। गोबर्धनदास हलवाई से नगरी और राजा का नाम पूछता है। यह बताता है- अन्धेर नगरी, अनबूझ राजा।

गोबर्धनदास वाह वाह करते हुए दोहराता है-अन्धेर नगरी, अनबूझ राजा।
टके सेर भाजी, टके सेर खाजा।

गोबर्धनदास सात पैसे भिक्षा में लाकर साढ़े तीन सेर मिठाई लाता है। गोबर्धनदास गुरु जी को नगरी और राजा के विषय में बताता है। गुरु जी नगरी छोड़कर चले जाते हैं। गोबर्धनदास नहीं जाता। गुरु जी गोबर्धनदास से मुसीबत में याद कर लेने को कहते हैं।

एक दिन एक फरियादी राजा के पास आता है। उसकी बकरी बनिए की दीवार के नीचे दबकर मर गई। बनिया राजा के सामने आकर दीवार बनानेवाले कारीगर का दोष बताता है।

कारीगर आकर, चूनेवाले का दोष बताता है। चूनेवाला ज्यादा पानी डाल देने के कारण भिश्ती का दोष बताता है। भिश्ती ने कसाई का दोष बताया कि उसने बड़ी मसक बना दी। कसाई ने गड़रिए का दोष बताया कि उसने बड़ी भेड़ बेच दी। गड़रिए ने कहा कि कोतवाल का कसूर है। आपकी सवारी निकली। अधिक भीड़ होने से छोटी-बड़ी भेड़ की पहचान नहीं हो सकी। राजा ने कोतवाल को फाँसी लगाने का हुक्म दिया। कोतवाल पतला था। फाँसी का फंदा बड़ा था; अतः राजा ने किसी भी मोटे आदमी को फाँसी का हुक्म दे दिया। सिपाही गोबर्धनदास को पकड़ लाए। वह मिठाई खा-खाकर मोटा हो गया था। उसने फाँसी से बचने के लिए गुरु जी को याद किया। गुरु जी ने आकर उसके कान में कुछ कहा। गोबर्धनदास ने फौरन फाँसी चढ़ने की तैयारी की। गुरु जी ने भी स्वयं को फाँसी लगवानी चाही। पूछताछ के बाद पता चला कि यह घड़ी बहुत शुभ है। इस समय फाँसी चढ़ने वाला सीधा स्वर्ग जाएगा। अंत में राजा ने स्वयं को ही फाँसी लगवाना उचित समझा। राजा को फाँसी लगा दी गई।

प्रश्न-1. बोध प्रश्न – उत्तर लिखिए

(क) अंधेर नगरी के सभी पात्रों के नाम बताइए ।

उत्तर- अंधेर नगरी नाटक के पात्र निम्न हैं – महंत, कुंजडिन, नारायणदास, हलवाई, गोबर्धनदास, शिष्य, राजा, फरियादी, कल्लू, बनिया, कारीगर, चूने वाला, भिश्ती, कसाई, गड़रिया, कोतवाल, सिपाही |

(ख) महंत अंधेर नगरी को क्‍यों छोड़कर चला गया ?

उत्तर- महंत को जब शहर के अलबेलेपन के बारे में और वहां के राजा के बारे में पता चला तो वह वहां से चला गया |

(ग) शिष्य गोबर्धनदास अपने गुरु के साथ क्यों नहीं लौटा ?

उत्तर- शिष्य गोबर्धनदास, अंधेर नगरी में मिलने वाली सस्ती वस्तुओं से बहुत खुश था, इसलिए वह अपने गुरु के साथ नहीं लौटा |

(घ) सिपाही गोबर्धनदास को क्‍यों फाँसी देना चाहते थे ?

उत्तर- राजा के हुक्म के अनुसार सिपाही मोटे आदमी की तलाश में जाते हैं ,तभी उन्हें गोबर्धनदास दिखाई देता है | गोबर्धनदास मिठाई खाकर खूब मोटा हो गया था, इसलिए सिपाही गोबर्धनदास को फाँसी देना चाहते थे |

(ड.) गोबर्धनदास की जान कैसे बची ?

उत्तर- स्वयं को संकट में पाकर गोबर्धनदास ने अपने गुरु को याद किया | गुरु ने आकर ऐसा भ्रम फैलाया कि सब फाँसी पर चढ़ने के लिए लड़ने लगे और अंत में राजा स्वयं फांसी चढ़ गए | इस प्रकार गोबर्धनदास की जान बची |

(च) इस एकांकी में किन-किन बातों पर व्यंग्य किया गया है ?

उत्तर- इस एकांकी में दिखाया गया है कि कैसे एक अयोग्य राजा के होने पर पूरा राज्य नष्ट हो सकता है |

प्रश्न-2. सोच-विचार : बताइए –

(क) बकरी के मरने का असली दोषी कौन था ?

उत्तर- बकरी के मरने का असली दोषी वैसे तो कोई भी नहीं था | बकरीवाला स्वयं दोषी हो सकता है क्योंकि उसने अपनी बकरी पर ध्यान नहीं रखा |

(ख) नगर को अंधेर नगरी क्‍यों कहा गया है ?

उत्तर- क्योंकि उस नगर में सभी वस्तुओं का भाव एक ही था और राजा को न्याय और अन्याय में अंतर करना नहीं आता था |

प्रश्न-3. अनुमान और कल्पना –
महंत ने अपने शिष्य के कान में क्या कहा होगा, जिसके फलस्वरूप कोतवाल मंत्री और राजा सबके सब स्वयं फाँसी पर चढ़ने के लिए उतावले हो गए।

उत्तर- स्वयं लिखें |

प्रश्न-4. भाषा के रंग

(क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक से उपयुक्त शब्द चुन करके कीजिए –

  • नगर तो बड़ा सुंदर है पर भिक्षा भी सुंदर मिले तो बड़ा आनंद हो।
  • सात पैसे भीख में मिले थे उसी से साढ़े तीन सेर मिठाई मोल ली है।
  • अंधेर नगरी अनबूझ राजा राजा, टके सेर भाजी, टके सेर …….. |
  • इस समय ऐसी शुभ घड़ी में जो मरेगा सीधा स्वर्ग जाएगा।

(ख) नीचे लिखे शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए –

अशुद्ध वर्तनीशुद्ध वर्तनी
दिवारदीवार
गोबर्धनदासगोबर्धनदास
गणेरियागड़ेरिया
भिस्तीभिश्ती
फाँसीफाँसी
हूज्जतहुज्जत
महंथमहंत
अंधेर नगरी वाटिका कक्षा 5 हिन्दी पाठ 18 प्रश्न उत्तर वाटिका कक्षा 5 पाठ 18 | Andher Nagari Class 5 Hindi Vatika Chapter 18 andher nagari class 5 question answer

(7) निम्नलिखित विशेषण और विशेष्य शब्द दिए गए हैं उनके सही जोड़े बनाइए –

विशेषण – सुदर, टका सेर, चौपट, अंधेर, बड़ी, शुभ
विशेष्य- भेड़, राजा, राजा, नगरी, घड़ी, नगर, भाजी

उत्तर- सुन्दर नगर, चौपट राजा, टका सेर भाजी, अंधेर नगरी, बड़ी भेड़, शुभ घड़ी

प्रश्न-5.तुम्हारी कलम से –
इस एकांकी से हमें क्या सीख मिलती है ? संक्षेप में लिखिए।

उत्तर-स्वयं लिखें |

प्रश्न-6.अब करने की बारी

(क) एकांकी को कहानी के रूप में लिखिए
(ख) एकांकी का कक्षा में अभिनय कीजिए |

उत्तर-स्वयं लिखें |

(ग) नीचे लिखी कथा को ध्यान से पढ़िए –

एक आदमी की भेंट एक देवता से हो गई। वह देवता के सामने अपना दुखड़ा रोने लगा। देवता ने उँगली से एक पत्थर की ओर इशारा कियां। पत्थर सोने का बन गया, पर सोने का पत्थर मिलने के बाद भी वह आदमी संतुष्ट न हुआ। देवता ने ऊँगली से एक -मूर्ति की ओर इशारा किया। मूर्ति भी सोने की बन गई। उस आदमी को फिर भी संतोष न हुआ। देवता ने पूछा-“तुम आखिर चाहते क्या हो ?” उस आदमी ने कहा, “क्या आप मुझे अपनी उँगली दे सकते हैं ?”

  • इस कहानी का उचित शीर्षक लिखिए – चौपट राजा
  • सही विकल्प पर निशान लगाइए –

आदमी ने देवता से ऊँगली माँगी क्योंकि –
(क) उस आदमी के उँगली न थी।
(ख) उस आदमी को सन्तोष न था।
(ग) वह ऊँगली सोने की थी।

प्रश्न-7. मेरे दो प्रश्न : पाठ के आधार पर दो सवाल बनाइए –

  1. किसकी बकरी दबकर मर गई थी ?
  2. अंत में किसको फांसी पर लटकाया गया ?

प्रश्न-8. इस पाठ से –
(क) मैंने सीखा – स्वयं लिखें |
(ख) मैं करूँगी/करूँगा -स्वयं लिखें |

प्रश्न-1. बोध प्रश्न – उत्तर लिखिए

(क) अंधेर नगरी के सभी पात्रों के नाम बताइए ।

उत्तर- अंधेर नगरी नाटक के पात्र निम्न हैं – महंत, कुंजडिन, नारायणदास, हलवाई, गोबर्धनदास, शिष्य, राजा, फरियादी, कल्लू, बनिया, कारीगर, चूने वाला, भिश्ती, कसाई, गड़रिया, कोतवाल, सिपाही |

(ख) महंत अंधेर नगरी को क्‍यों छोड़कर चला गया ?

उत्तर- महंत को जब शहर के अलबेलेपन के बारे में और वहां के राजा के बारे में पता चला तो वह वहां से चला गया |

(ग) शिष्य गोबर्धनदास अपने गुरु के साथ क्यों नहीं लौटा ?

उत्तर- शिष्य गोबर्धनदास, अंधेर नगरी में मिलने वाली सस्ती वस्तुओं से बहुत खुश था, इसलिए वह अपने गुरु के साथ नहीं लौटा |

(घ) सिपाही गोबर्धनदास को क्‍यों फाँसी देना चाहते थे ?

उत्तर- राजा के हुक्म के अनुसार सिपाही मोटे आदमी की तलाश में जाते हैं ,तभी उन्हें गोबर्धनदास दिखाई देता है | गोबर्धनदास मिठाई खाकर खूब मोटा हो गया था, इसलिए सिपाही गोबर्धनदास को फाँसी देना चाहते थे |

(ड.) गोबर्धनदास की जान कैसे बची ?

उत्तर- स्वयं को संकट में पाकर गोबर्धनदास ने अपने गुरु को याद किया | गुरु ने आकर ऐसा भ्रम फैलाया कि सब फाँसी पर चढ़ने के लिए लड़ने लगे और अंत में राजा स्वयं फांसी चढ़ गए | इस प्रकार गोबर्धनदास की जान बची |

(च) इस एकांकी में किन-किन बातों पर व्यंग्य किया गया है ?

उत्तर- इस एकांकी में दिखाया गया है कि कैसे एक अयोग्य राजा के होने पर पूरा राज्य नष्ट हो सकता है |

प्रश्न-2. सोच-विचार : बताइए –

(क) बकरी के मरने का असली दोषी कौन था ?

उत्तर- बकरी के मरने का असली दोषी वैसे तो कोई भी नहीं था | बकरीवाला स्वयं दोषी हो सकता है क्योंकि उसने अपनी बकरी पर ध्यान नहीं रखा |

(ख) नगर को अंधेर नगरी क्‍यों कहा गया है ?

उत्तर- क्योंकि उस नगर में सभी वस्तुओं का भाव एक ही था और राजा को न्याय और अन्याय में अंतर करना नहीं आता था |

प्रश्न-3. अनुमान और कल्पना –
महंत ने अपने शिष्य के कान में क्या कहा होगा, जिसके फलस्वरूप कोतवाल मंत्री और राजा सबके सब स्वयं फाँसी पर चढ़ने के लिए उतावले हो गए।

उत्तर- स्वयं लिखें |

प्रश्न-4. भाषा के रंग

(क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक से उपयुक्त शब्द चुन करके कीजिए –

  • नगर तो बड़ा सुंदर है पर भिक्षा भी सुंदर मिले तो बड़ा आनंद हो।
  • सात पैसे भीख में मिले थे उसी से साढ़े तीन सेर मिठाई मोल ली है।
  • अंधेर नगरी अनबूझ राजा राजा, टके सेर भाजी, टके सेर …….. |
  • इस समय ऐसी शुभ घड़ी में जो मरेगा सीधा स्वर्ग जाएगा।

(ख) नीचे लिखे शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए –

अशुद्ध वर्तनीशुद्ध वर्तनी
दिवारदीवार
गोबर्धनदासगोबर्धनदास
गणेरियागड़ेरिया
भिस्तीभिश्ती
फाँसीफाँसी
हूज्जतहुज्जत
महंथमहंत
अंधेर नगरी वाटिका कक्षा 5 हिन्दी पाठ 18 प्रश्न उत्तर वाटिका कक्षा 5 पाठ 18 | Andher Nagari Class 5 Hindi Vatika Chapter 18 andher nagari class 5 question answer

(7) निम्नलिखित विशेषण और विशेष्य शब्द दिए गए हैं उनके सही जोड़े बनाइए –

विशेषण – सुदर, टका सेर, चौपट, अंधेर, बड़ी, शुभ
विशेष्य- भेड़, राजा, राजा, नगरी, घड़ी, नगर, भाजी

उत्तर- सुन्दर नगर, चौपट राजा, टका सेर भाजी, अंधेर नगरी, बड़ी भेड़, शुभ घड़ी

प्रश्न-5.तुम्हारी कलम से –
इस एकांकी से हमें क्या सीख मिलती है ? संक्षेप में लिखिए।

उत्तर-स्वयं लिखें |

प्रश्न-6.अब करने की बारी

(क) एकांकी को कहानी के रूप में लिखिए
(ख) एकांकी का कक्षा में अभिनय कीजिए |

उत्तर-स्वयं लिखें |

(ग) नीचे लिखी कथा को ध्यान से पढ़िए –

एक आदमी की भेंट एक देवता से हो गई। वह देवता के सामने अपना दुखड़ा रोने लगा। देवता ने उँगली से एक पत्थर की ओर इशारा कियां। पत्थर सोने का बन गया, पर सोने का पत्थर मिलने के बाद भी वह आदमी संतुष्ट न हुआ। देवता ने ऊँगली से एक -मूर्ति की ओर इशारा किया। मूर्ति भी सोने की बन गई। उस आदमी को फिर भी संतोष न हुआ। देवता ने पूछा-“तुम आखिर चाहते क्या हो ?” उस आदमी ने कहा, “क्या आप मुझे अपनी उँगली दे सकते हैं ?”

  • इस कहानी का उचित शीर्षक लिखिए – चौपट राजा
  • सही विकल्प पर निशान लगाइए –

आदमी ने देवता से ऊँगली माँगी क्योंकि –
(क) उस आदमी के उँगली न थी।
(ख) उस आदमी को सन्तोष न था।
(ग) वह ऊँगली सोने की थी।

प्रश्न-7. मेरे दो प्रश्न : पाठ के आधार पर दो सवाल बनाइए –

  1. किसकी बकरी दबकर मर गई थी ?
  2. अंत में किसको फांसी पर लटकाया गया ?

प्रश्न-8. इस पाठ से –
(क) मैंने सीखा – स्वयं लिखें |
(ख) मैं करूँगी/करूँगा -स्वयं लिखें |

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